डब्ल्यूएचओ या यूएन की तरफ से कोविड-19 के लिए रिलीफ फंड का यह मैसेज फर्जी है। डब्ल्यूएचओ या यूएन इस तरह के कोई मैसेज नहीं भेज रहा है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। विश्वास न्यूज को वॉट्सऐप चैटबॉट नंबर 9599299372 पर एक पोस्ट को फैक्ट चेक करने की रिक्वेस्ट मिली। इस पोस्ट में एक वाॅट्सऐप मैसेज के जरिए दावा किया गया है कि यूजर को डब्ल्यूएचओ यूएन रिलीफ फंड की तरफ से 1.70 करोड़ रुपए की राशि दी जा रही है। इसके लिए एक ईमेल आईडी दिया गया है, जिस पर अपना नाम, पता, फोन नंबर आदि जानकारियां भेजने को कहा गया है।
विश्वास न्यूज ने पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि इस पोस्ट के साथ किया गया दावा फर्जी है। डब्ल्यूएचओ ने इस तरह के कोई मैसेजेज नहीं भेजे हैं और न ही वायरल पोस्ट के साथ दिया गया ईमेल आईडी डब्ल्यूएचओ का है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप चैटबॉट पर भेजे गए इस पोस्ट में लिखा है: आपके मोबाइल नंबर को 1.70 करोड़ की डब्ल्यूएचओ यूएन कोविड-19 रिलीफ फंड राशि के लिए चुना गया है। यह रकम पाने के लिए ईमेल आईडी – whoonlineclaimdpt2021@gmail.com पर अपना नाम, फोन नंबर व पता भेजने के लिए कहा गया है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले डब्ल्यूएचओ यूएन रिलीफ फंड के बारे में सर्च किया। हमें इस नाम से कोई फंड नहीं मिला। हालांकि, डब्ल्यूएचओ की आधिकारिक वेबसाइट पर हमें कोविड-19 सोलिडिटरी रिस्पॉन्सस फंड के बारे में जानकारी जरूर मिली। इस फंड के जरिए विभिन्न देशों तक इस पैनडेमिक से निपटने के लिए आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए डोनेशन दी जा सकती है। इस स्कीम के जरिए किसी इंडीविजुअल को इस तरह मैसेज पर पैसे नहीं बांटे जाते।
वायरल मैसेज को ध्यान से पढ़ने पर हमें इसमें कुछ ग्रामैटिकल व अन्य त्रुटियां भी मिलीं। अगर डब्ल्यूएचओ या यूएन की तरफ से ऐसा मैसेज किया गया होता तो इसमें यह त्रुटियां न होतीं। मैसेज के साथ दिए गए ईमेल आईडी को कथित तौर से डब्ल्यूएचओ के क्लेम डिपार्टमेंट का बताया जा रहा है। हमने इस बारे में सर्च किया, लेकिन हमें डब्ल्यूएचओ में ऐसा कोई विभाग नहीं मिला।
हमने WHO-SEARO के तकनीकी अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने इस मैसेज को देखने के बाद बताया कि यह मैसेज फर्जी है, डब्ल्यूएचओ की तरफ से किसी इंडीविजुअल को इस तरह के मैसेज नहीं भेजे जा रहे हैं। साथ ही मैसेज के साथ दिया गया ईमेल आईडी भी डब्ल्यूएचओ की नहीं है।
निष्कर्ष: डब्ल्यूएचओ या यूएन की तरफ से कोविड-19 के लिए रिलीफ फंड का यह मैसेज फर्जी है। डब्ल्यूएचओ या यूएन इस तरह के कोई मैसेज नहीं भेज रहा है।
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