नई दिल्ली (विश्वास टीम)।सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक अध्ययन किया है और पाया है कि COVID-19 कमजोर पड़ रहा है। यह भी दावा किया गया है कि COVID-19 कमजोर और हानिरहित यानी हार्मलेस हो रहा है। Vishvas News ने जांच की और पाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह अध्ययन नहीं किया है। इसके बजाय एक संवाददाता सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस मजबूत या कमजोर नहीं होगा। डब्ल्यूएचओ ने आगे यह भी कहा कि यह जैसे का तैसा ही रहने वाला है।
ग्राफिक्स और WHO लोगो के साथ एक पोस्ट बहुत ज्यादा शेयर की गई, जिसमें लिखा है।: “कोविड-19 की क्षमता कम हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दुनिया के बड़े अस्पतालों द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 कमजोर और कम घातक हो गया है। जो लोग हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं या लक्षण दिखाई दिए हैं, वो जानलेवा नहीं हैं और दो महीने से कम समय में आराम से ठीक हो सकते हैं।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
जैसा कि फोटो में देखा जा रहा है कि इस पोस्ट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से जोड़ा जा रहा है, इसमें कई स्पेलिंग मिस्टेक्स हैं। Coronavirus को Coronaviruse और harmless को harmless लिखा गया है।
Vishvas News ने आगे जांच की और हमें 1 जून, 2020 को रॉयटर पर एक रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक “नया कोरोना वायरस क्षमता खो रही है। ऐसा इटली के टॉप लेवल के डॉक्टरों का कहना हैं।” रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक इटली के डॉक्टर ने दावा किया है कि कोरोना वायरस कमजोर हो रहा है और कम घातक हो रहा है।
हालांकि, कुछ अन्य न्यूज रिपोर्टस के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने इस दावे का खंडन किया था कि कोरोना वायरस अपनी शक्ति खो रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ के महामारी विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव और अन्य वायरस और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञों ने कहा कि जंगरिलो की टिप्पणियों में वैज्ञानिक प्रमाणों का समर्थन नहीं है।
एक अन्य रिपोर्ट में जंगरिलो ने रॉयटर्स को बताया, “हमने कभी नहीं कहा है कि वायरस बदला है। हमने कहा था कि वायरस और लोगों के बीच इंटरैक्शन जरूर बदला है।”
हमने आगे सर्च किया और हमें एक यूट्यूब वीडियो मिला जिसका शीर्षक है: इटली के डॉक्टरों की मानें तो वायरस कम शक्तिशाली नहीं, डब्ल्यूएचओ ने कहा है, एएफपी के चैनल पर। डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि नोबल कोरोना वायरस अभी भी एक घातक बीमारी है और यह कम घातक हो गया है ऐसे दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत मौजूद नहीं है।
Vishvas News ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से संपर्क किया। WHO के प्रवक्ता के अनुसार, वायरल पोस्ट को WHO द्वारा जारी किया कहना गलत है। उन्होंने कहा: “नहीं, यह एक गलत पोस्ट है। हमारे संवाददाता सम्मेलन में हमने कहा था कि वायरस मजबूत या कमजोर नहीं हो रहा है। यह पहले जैसे ही रहने वाला है।”
इस वायरल पोस्ट को फेसबुक पर लियाकत अली खान अफरीदी नाम के यूजर ने शेयर किया है। हमने यूजर की सोशल प्रोफाइल स्कैन की और पाया कि यूजर सऊदी अरब का है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कभी नहीं कहा है कि कोरोना वायरस कमजोर हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को गलत तरीके से वायरल हो रहे पोस्ट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।