विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में दिख रहे ट्रक लाशों को नहीं, बल्कि कोरोना वायरस पीड़तों के इस्तेमाल के लिए बेड लेकर जा रहे थे।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से जोड़ कई फर्जी दावों को वायरल किया जा रहा है। इसी तरह एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ ट्रकों को जाते देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि इन ट्रकों में कोरोना वायरस मरीजों की लाशें जा रही हैं।
विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में दिख रहे ट्रक लाशों को नहीं, बल्कि कोरोना वायरस पीड़तों के इस्तेमाल के लिए बेड लेकर जा रहे थे।
फेसबुक पेज IB ने इस वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा: “Dead bodies taking to no one knows where May God almighty have Mercy on their souls Amen #rip #covid19 #stayhome”
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक।
पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा और सुना। वीडियो में गौर करने वाली बात है कि ट्रकों को जाते देख लोग तालियां बजा रहे हैं। ऐसा नामुमकिन ही होगा कि लोग कोरोना मरीजों की लाशों को जाते देख तालियां बजाएंगे।
अब हमने वीडियो को InVID टूल में अपलोड किया और इसके कीफ्रेम्स को ध्यान से देखा। वीडियो में कई ट्रकों पर Autamarocchi लिखा हुआ है। इसके बारे में सर्च करने पर पता चला कि यह इटली की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी है। मतलब यह बात साफ हो रहा था कि यह वीडियो इटली का है।
अब हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए कीवर्ड सर्च का सहारा लिया और ट्रांसपोर्ट कंपनी से जोड़ अलग-अलग कीवर्ड के साथ वीडियो के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमें यह वीडियो Autamarocchi के फेसबुक अकाउंट पर भी अपलोड मिला। यह वीडियो 7 अप्रैल को अपलोड किया गया था और साथ में डिस्क्रिप्शन लिखा गया था: L’arrivo a Ponticelli (NA) dei prefabbricati voluti dalla Regione Campania all’interno dei quali saranno adibiti 120 posti letto di terapia intensiva per i malati di covid-19. (इस डिस्क्रिप्शन का हिंदी अनुवाद (गूगल ट्रांसलेट): कैम्पेनिया क्षेत्र द्वारा पूर्वनिर्मित इमारतों के पोंटिकेली (एनए) में आगमन, जिसके भीतर कोविद-19 रोगियों के लिए 120 गहन देखभाल बेड का उपयोग किया जाएगा।)
डिस्क्रिप्शन के अनुसार, वीडियो में लाशें नहीं, बल्कि कोरोना वायरस पीड़तों के लिए बेड जा रहे थे। अब हमने इस मामले के बारे में पुष्टि के लिए Autamarocchi कंपनी से फेसबुक के जरिए सम्पर्क किया। जवाब देते हुए उन्होंने हमें बताया, “वीडियो में दिख रहे ट्रक लाशों को नहीं, बल्कि कोरोना वायरस पीड़तों के इस्तेमाल के लिए हॉस्पिटल सेल लेकर जा रहे थे। अगर वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो पता चलता है कि लोग तालियां बजा रहे हैं। लोग मरीजों की लाशों को देखकर तालियां नहीं बजाते।”
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई यूज़र शेयर कर रहे हैं और इन्ही में से एक है IB नाम का फेसबुक पेज। इस पेज को 2,411 लोग फॉलो करते हैं।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं, और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में दिख रहे ट्रक लाशों को नहीं, बल्कि कोरोना वायरस पीड़तों के इस्तेमाल के लिए बेड लेकर जा रहे थे।
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