Fact Check: ये चीन से आए नकली अंडे नहीं हैं, वायरल पोस्ट का दावा फर्जी है

निष्कर्ष: ये चीन से आने वाले नकली या आर्टिफिशियल अंडे नहीं हैं। ये प्रैंक टॉय हैं, जिन्हें खाया नहीं जाता।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि आर्टिफिशियल और नकली अंडे बनाकर बेचे जा रहे हैं। लोगों को आगाह किया जा रहा है कि वो अपनी जान-पहचान वालों से ही अंडे खरीदें। दावे के मुताबिक, ये फर्जी अंडे चीन में बन रहे हैं। बिल्कुल यही वीडियो विश्वास न्यूज़ को फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी फैक्ट चेक के लिए मिला है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा झूठा साबित हुआ है। वीडियो में अंडे नहीं, बल्कि इसी आकार के और अंडे जैसे दिखने वाले खिलौने (Slime toys) बनाए जा रहे हैं।

क्या हो रहा है वायरल

Bittu Sharma नाम के फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो में कुछ लोग अंडे के आकार के सांचे में सफेद रंग का कुछ भरते हुए दिख रहे हैं। इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, ‘अँडे कैसे बनते हैं देख लो किसी जान पहचान वाले से ही ख़रीदें
*बेड़ा गर्क हो इस CHINA का *’। यहां इस पोस्ट के कैप्शन को ज्यों का त्यों लिखा गया है।

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने InVid टूल पर इस वीडियो का लिंक डाल अपनी पड़ताल की। InVid टूल की मदद से मिले वीडियो के स्क्रीनशॉट्स पर हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया। हमें पता चला कि यह वीडियो 2017 से ही शेयर किया जा रहा है।

हमने आगे मैग्निफायर टूल की मदद से देखा तो हमें एक लेबल दिखाई पड़ा। ये लेबल एक कोरियाई कंपनी से जुड़ा है, जो अलग-अलग ऑनलाइन साइट्स पर स्लाइम बेचती है। यह पोच्ड अंडे की तरह दिखता है, लेकिन असल में ये एक प्रैंक टॉय (खिलौना) है, जिसे खाया नहीं जा सकता। नीचे के स्क्रीनशॉट में इसे देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) का आधिकारिक नोटिफिकेशन भी मिला। उन्होंने कथित फर्जी अंडों से जुड़े इस दावे का खंडन किया है। FSSAI ने इसके साथ ऐसे ही कई भ्रामक दावों का खंडन कर रखा है। इन सभी को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

FSSAI के मुताबिक, ‘ऐसी कोई टेक्नोलॉजी या केमिकल उपलब्ध नहीं है, जिससे पूरा का पूरा अंडा बनाया जा सके। ये प्रक्रिया आर्थिक रूप से भी व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि असली अंडे आसानी से और बेहद सस्ते में उपलब्ध हैं।’

विश्वास न्यूज ने इस संबंध में FSSA के ज्वाइंट डायरेक्टर (स्टैंडर्ड) डॉक्टर एसी मिश्रा से भी बात की। उन्होंने बताया, ‘ये फर्जी वीडियो है। इसे कई सालों से शेयर किया जा रहा है। अंडे की मोटी झिल्ली असल में इसके ताजा होने का लक्षण है। जब अंडा ताजा होता है तो एवोपोरेशन (वाष्पीकरण) से दोनों झिल्लियों (बाहर और अंदर की परत) को अलग करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं लगता। ऐसे में ये एक-दूसरे से चिपकी होती हैं। यही वजह कि छीलने पर ये मोटी और मजबूत दिखती हैं। अगर अंडा 15 दिन से ज्यादा पुराना हो गया है तो इसके अंदर के लेयर की झिल्ली कठोर और लोचदार हो सकती है, जो एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। वायरल वीडियो फर्जी है। ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं है, जिससे प्राकृतिक अंडा बनाया जा सके।’

इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर का नाम Bittu Sharma है। हमने इस प्रोफाइल को स्कैन किया। हमें पता चला कि ये यूजर आगरा, यूपी के रहने वाले हैं।

Instagram Video Explaining Fact Check:

https://www.instagram.com/p/CE8rzxunIV6/

निष्कर्ष: निष्कर्ष: ये चीन से आने वाले नकली या आर्टिफिशियल अंडे नहीं हैं। ये प्रैंक टॉय हैं, जिन्हें खाया नहीं जाता।

False
Symbols that define nature of fake news
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