नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था और बैंकिंग सेक्टर पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी के एक इंटरव्यू के दौरान कही गई बातों का जिक्र है। दावा किया जा रहा है कि पोस्ट में शामिल सभी बातें आदित्य पुरी के इंटरव्यू के मुख्य बिंदु हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। आदित्य पुरी के नाम से वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है।
फेसबुक यूजर ‘Sanjeev Acharya’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ‘भारत के बारे में एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी का सकारात्मक इंटरव्यू।’
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान दावे के साथ शेयर किया है।
एचडीएफस के यूट्यूब चैनल पर हमें बैंक के एमडी आदित्य पुरी का करीब एक महीने पुराना इंटरव्यू मिला। ‘ईटी नाऊ’ चैनल को दिए गए इंटरव्यू में आदित्य पुरी ने विस्तार से कोरोना वायरस और उसके आर्थिक प्रभावों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दिया है। इंटरव्यू में कही गई उनकी प्रमुख बातों को नीचे देखा जा सकता है:
1.उन्होंने कहा कि हमें FRBM के बारे में नहीं सोचना चाहिए। हमें राजकोषीय घाटा और पब्लिक डेट के बारे में उतना नहीं सोचना चाहिए।
2.रेपो रेट में कटौती होनी चाहिए, ताकि इस संकट से निपटा जा सके।
3.बैंकों की सेहत को लेकर कहा कि बैंक के साथ वही होगा जो अर्थव्यवस्था को लेकर होगा। हमारा बैंक नकदी के भंडार पर बैठा हुआ है और नकदी के प्रवाह में कोई कमी नहीं आई है।
4.सेमी-अर्बन और रूरल इंडिया पर इस वायरस का असर उतना नहीं है और हमारी कोशिश होनी चाहिए कि वायरस का संक्रमण वहां नहीं पहुंचे।
5.कोरोना वायरस एक हेल्थ प्रॉब्लम है और हमारी कोशिश नकदी के प्रवाह को बनाए रखने की होनी चाहिए। यह समस्या अन्य समस्या की ही तरह है और हम इससे बाहर निकलने में कामयाब होंगे।
7.हमें स्वास्थ्य सेक्टर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। एक बार हम वायरस पर नियंत्रण कर ले, फिर सब कुछ हमारे हाथों में होगा। हमारी प्राथमिकता इसे नियंत्रित करने की होनी चाहिए।
9.ऐसी स्थिति में वैश्विक वित्तीय बाजार हमेशा प्रतिक्रिया देता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में देखा जाए तो अभी कुछ भी बिगड़ा नहीं है।
वायरल पोस्ट में इनमें से कुछ बिंदुओं का जिक्र किया गया है, लेकिन बाकी बातें आदित्य पुरी के इंटरव्यू से संबंधित नहीं हैं। मसलन आदित्य पुरी ने कहा कि सेमी-अर्बन और रूरल इंडिया पर इस वायरस का उतना असर नहीं है और हमारी कोशिश होनी चाहिए कि वहां इस वायरस के संक्रमण को फैलने नहीं दिया जाए। वायरल पोस्ट में इस बात को संदर्भ से अलग निकालकर ऐसा कहा गया है, ‘भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं है और यह मजबूत होगी।’
उन्होंने कहा कि तेल (की कीमतों में गिरावट की वजह) से जो हमें बचत होगी, उस फंड को अन्य पैसे के साथ मिलाकर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना होगा, विशेषकर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में। हालांकि, वायरल पोस्ट में इसे संदर्भ से अलग हटाकर ऐसे लिखा गया है, ‘तेल की कीमतों में गिरावट से महंगाई और अन्य लागत को कम करने में मदद मिलेगी।’
विश्वास न्यूज ने इसे लेकर एचडीएफसी बैंक के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के हेड नीरज झा से बात की। उन्होंने बताया, ‘वायरल हो रहे पोस्ट में शामिल कुछ बातें मैनेजिंग डायरेक्टर के हालिया इंटरव्यू में दिए बयान से मिलती हैं, लेकिन उसे सही संदर्भ में नहीं लिखा गया है। पोस्ट में शामिल अधिकांश बातों का आदित्य पुरी से कोई संबंध नहीं है। उन्हें बैंक के एमडी के नाम से गलत तरीके से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।’
नीरज झा ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इसे लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, एचडीएफसी बैंक से जुड़े किसी भी अपडेट के लिए बैंक के आधिकारिक चैनल को फॉलो किया जाना चाहिए, जहां आदित्य पुरी के सभी इंटरव्यू को प्रकाशित किया जाता है और इनमें से कुछ को वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया जाता है।
वायरल पोस्ट शेयर करने वाले यूजर पेशे से पत्रकार हैं और वह फेसबुक पर 2008 से सक्रिय हैं।
इससे पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के नाम से भी गलत पोस्ट वायरल हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने कोरोना वायरस के आर्थिक दुष्प्रभावों को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के वेबिनार को संबोधित किया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला था।
निष्कर्ष: HDFC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी के नाम से उनके इंटरव्यू के आधार पर वायरल रही पोस्ट गलत और गुमराह करने वाली है।
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