नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया में कुछ दिनों से मॉक ड्रील का वीडियो आतंकियों के नाम पर वायरल हा रहा है। एक ऐसा ही वीडियो अब नागपुर बस स्टैंड में आतंकी पकड़ाए के नाम पर वायरल हो रहा है। विश्वास टीम की पड़ताल में पता लगा कि वायरल वीडियो दरअसल 3 सितंबर को अहमदनगर के मालीवाडा बस स्टैंड में हुई एक मॉक ड्रील का है। विधानसभा चुनाव और त्योहारों को देखते हुए यह मॉक ड्रील की गई थी।
फेसबुक यूजर शैलेश मरसिंगे ने 5 सितंबर को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया कि नागपुर बस स्टैंड में आतंकी पकड़ाए। इसी वीडियो को दूसरे यूजर्स भी लगातार अपलोड करते हुए मिले।
विश्वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान से देखा और सुना। वीडियो में कुछ लोगों को मराठी बोलते हुए सुना जा सकता है। इसके अलावा वीडियो के 45वें सेकंड पर हमें पालवे गैस्ट्रो हील हॉस्पिटल का बोर्ड नजर आया। हमने गूगल में जब पालवे गैस्ट्रो हील हॉस्पिटल सर्च किया तो हमें पता चला कि इस नाम का अस्पताल महाराष्ट्र के अहमदनगर में है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड किया और कई स्क्रीनशॉट निकाले। एक के बाद एक करके इन स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। आखिरकार हमें नेशन नेक्स्ट नाम के एक यूट्यूब चैनल पर ओरिजिनल वीडियो मिल गया। इसमें बताया गया कि अहमदनगर में हुए मॉक ड्रील का वीडियो नागपुर में आतंकी हमले के नाम से वायरल हो रहा है।
इसके बाद हमने गूगल में ahmednagar mock drill टाइप करके सर्च किया तो महाराष्ट्र टाइम्स की एक खबर मिली। मराठी में पब्लिश इस खबर को जब हमने गूगल ट्रांसलेशन की मदद से अनुवाद की तो हमें पता चला कि अहमदनगर के मालीवाडा बस स्टैंड पर एक मॉकड्रील हुई थी।
पड़ताल के अगले चरण में हम अहमदनगर के स्थानीय अखबारों को खंगालना शुरू किया। हमें अहमदनगर से प्रकाशित दिव्य मराठी में एक तस्वीर मिली। इसमें कैप्शन में लिखा था कि मोहर्रम और गणेश उत्सव की तैयारियों के बीच मंगलवार को मालीवाडा बस स्टैंड पर मॉक ड्रील हुई।
यही खबर हमें अहमदनगर से प्रकाशित लोकमत में भी मिली। 4 सितंबर को प्रकाशित अखबार में बताया गया कि 3 सितंबर को यह मॉक ड्रील हुई थी।
इसके बाद विश्वास टीम ने अहमदनगर पुलिस की वेबसाइट को स्कैन किया। वहां से हमें क्राइम ब्रांच के सीनियर ऑफिसर दिलीप पवार का नंबर मिला। विश्वास टीम ने उन्हें कॉल किया। उन्होंने हमें बताया कि तीन सितंबर को मालीवाडा बस स्टैंड पर एक मॉक ड्रील हुई थी। यह मॉक ड्रील विधानसभा चुनाव और दूसरे त्योहारों को देखते हुए की गई थी। इसका किसी सच्ची घटना से कोई संबंध नहीं है।
अंत में हमने अहमदनगर के मॉक ड्रील के वीडियो को गलत दावे के साथ फेसबुक पर अपलोड करने वाले यूजर शैलेश मारसिंगे के अकाउंट को खंगाला। हमें पता लगा कि नागपुर के रहने वाले शैलेश अक्सर इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को अपलोड करते रहते हैं ।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता लगा कि नागपुर में आतंकी के नाम पर वायरल वीडियो फर्जी है। दरअसल तीन सितंबर को महाराष्ट्र के अहमदनगर के मालीवाडा बस स्टैंड पर एक मॉक ड्रील हुई थी। उसी मॉक ड्रील के वीडियो को नागपुर के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
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