विश्वास न्यूज की पड़ताल में ‘दाहोद रेलवे स्टेशन पर दो आतंकी पकड़ाए’ नाम से वायरल पोस्ट झूठी निकली। यह एक मॉक ड्रिल थी, जिसके वीडियो को लोगों ने फर्जी दावों के साथ वायरल कर दिया।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से मॉक ड्रिल का एक वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिसवालों को दो लोगों को पकड़ते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि गुजरात के दाहोद में रेलवे स्टेशन पर आतंकी पकड़ाए।
विश्वास न्यूज पहले भी कई बार ऐसे वीडियो की पड़ताल कर चुका है। इस बार भी हमने इसकी जांच की। हमें पता चला कि दाहोद रेलवे स्टेशन पर पिछले दिनों एक मॉक ड्रिल हुई थी, ताकि सुरक्षा-व्यवस्था को जांचा जा सके। उसी मॉक ड्रिल के वीडियो को अब कुछ लोग आतंकियों से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी निकली।
फेसबुक पेज सोशल रिपोर्टर ग्रुप ने 6 अप्रैल को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘दाहोद रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने हिम्मत व सूझ बूझ से धर दबोचे दो आतंकवादी। आतंकवादियो ने कुछ लोग व रेलवे प्रशासन के कर्मचारियों को बंदूक की नोंक पर बंधक बना रखा था।’
इस वीडियो को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसे देखकर साफ पता चल रहा था कि यह किसी मॉक ड्रिल का वीडियो है। पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने InVID टूल का इस्तेमाल किया। इसके माध्यम से कई वीडियो ग्रैब्स निकाले और फिर इन्हें रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया। हमें दिव्यभास्कर की वेबसाइट पर इससे संबंधित एक खबर मिली।
विश्वास न्यूज ने खबर को गूगल ट्रांसलेटर की मदद से अनुवाद किया। हमें पता चला कि गुजराती में पब्लिश इस खबर में बताया गया कि 31 मार्च को दाहोद रेलवे स्टेशन पर एक मॉक ड्रिल की गई। पूरी खबर यहां पढ़ें।
इसी मॉक ड्रिल का दूसरे एंगल का एक वीडियो हमें यूट्यूब पर भी मिला। 4 अप्रैल को मॉक ड्रिल का पूरा वीडियो मिला। इसमें साफतौर पर लिखा था कि यह मॉक ड्रिल थी। पूरा वीडियो यहां देखें।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने वेस्टर्न रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो दाहोद रेलवे स्टेशन में हुई एक मॉक ड्रिल का है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत नेमा से भी संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि वायरल वीडियो मॉक ड्रिल का है।
पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज की जांच की। हमें पता चला कि सोशल रिपोर्टर ग्रुप को 185 लोग फॉलो करते हैं। इसे ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए बनाया गया। पेज को 5 मई 2020 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ‘दाहोद रेलवे स्टेशन पर दो आतंकी पकड़ाए’ नाम से वायरल पोस्ट झूठी निकली। यह एक मॉक ड्रिल थी, जिसके वीडियो को लोगों ने फर्जी दावों के साथ वायरल कर दिया।
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