Fact Check: वाराणसी में गंगा आरती और पंडों पर नहीं लग रहा टैक्स 

विश्वास न्यूज ने गंगा आरती और पंडों पर लगने वाले टैक्स को लेकर वायरल दावे की पड़ताल की और इसे भ्रामक पाया। वायरल अखबार की क्लिप साल 2020 की है। लोगों के विरोध के बाद वाराणसी नगर निगम ने ऐसा कोई टैक्स नहीं लगाया था।  

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज) : सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग तेजी से वायरल हो रही है। जिस पर लिखा हुआ है, “गंगा आरती और पंडों पर लगेगा शुल्क।” सोशल मीडिया पर इस पेपर कटिंग को हाल का बताते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार में हिंदुओं की पूजा पर टैक्स लगना शुरू हो गया है। हालांकि, विश्वास न्यूज ने दावे की पड़ताल की और इसे भ्रामक पाया। वायरल अखबार की क्लिप साल 2020 की है। लोगों की नाराजगी और विरोध के बाद वाराणसी नगर निगम ने टैक्स नहीं लगाया था।

क्या है वायरल पोस्ट में? 

फेसबुक यूजर Adv Kunal Gandhi ने वायरल अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा है, “कथित महान हिंदू हृदय सम्राट श्री योगी आदित्यनाथ जी और श्री नरेंद्र मोदी जी के राज में हिंदुओं के कर्मकांड पर लगेगा टैक्स….! वकीलों ने कहा पंडो से शुल्क  लेना अनुचित।” #टैक्सजीवी

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले पेपर क्लिप को गूगल रिवर्स की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमने पाया कि साल 2020 में इस पेपर कटिंग को फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर्स ने शेयर किया था। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें यही खबर लाइव हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर 23 जुलाई 2020 को प्रकाशित मिली। हमारी अब तक की पड़ताल से ये साफ होता है कि ये खबर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि दो साल पुरानी है।

अधिक जानकारी के लिए हमने संदीप त्रिपाठी, न्यूज आवर्स, वाराणसी ब्यूरो हेड से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया, “यह खबर दो साल पुरानी है। तब घाट पुजारियों, घाट आयोजनों और प्रयागराज सहित काशी की आरती पर शुल्क लगाने की बात उठी थी, लेकिन अगले ही दिन आदेश रद्द कर दिया गया। फिलहाल ऐसी कोई फीस नहीं है, यह महज अफवाह है।”

जांच को आगे बढ़ाते हुए, हमने वाराणसी दक्षिण के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी से भी संपर्क किया। जिन्होंने वाराणसी में गंगा आरती और पूजा पर कर लगाने के विचार का विरोध किया था। उन्होंने हमें बताया, “आज तक ऐसा कोई शुल्क नहीं लगाया गया है।”

हमने वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों से भी संपर्क किया। दावे का खंडन करते हुए, सहायक नगर आयुक्त अमित शुक्ला ने कहा, “यह समाचार क्लिपिंग कई साल पुरानी है। हमने ऐसा कोई चार्ज नहीं लगाया है। सोशल मीडिया पर इस तरह की भ्रामक पोस्ट छवि खराब करने के लिए शेयर की जाती है।”

पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Adv Kunal Gandhi की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस यूजर को फेसबुक पर एक हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने गंगा आरती और पंडों पर लगने वाले टैक्स को लेकर वायरल दावे की पड़ताल की और इसे भ्रामक पाया। वायरल अखबार की क्लिप साल 2020 की है। लोगों के विरोध के बाद वाराणसी नगर निगम ने ऐसा कोई टैक्स नहीं लगाया था।  

False
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