2017 में मिश्र धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) की तरफ से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को बख्तरबंद बस दिए जाने की पुरानी तस्वीर को रतन टाटा की तरफ से सेना को बम और बुलेट प्रूफ बस दिए जाने के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बख्तरबंद वाहन की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय सेना को रतन टाटा की तरफ से भेंट की हुई बम और बुलेट प्रूफ बस की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। रतना टाटा की तरफ से भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ व बमरोधी बस दिए जाने के साथ वायरल हो रही तस्वीर मिधानी (मिश्र धातु निगम लिमिटेड) की तरफ से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को दी गई बख्तरबंद बस की तस्वीर है। इसी पुरानी तस्वीर को रतन टाटा के नाम पर फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘rajasthan_gk004’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “हाल ही में रतन टाटा सर ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराई है।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बस उपलब्ध कराई है। हालांकि, न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें ऐसी किसी बात का जिक्र हो। जाहिर तौर पर ऐसा होना अपने आप में बड़ी खबर होती।
वायरल पोस्ट में इस दावे के साथ शेयर की गई तस्वीर के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर ‘Indian Defence Research Advancements – INDRA Networks’ नामक फेसबुक पेज से नौ सितंबर 2017 को शेयर की हुई मिली।
दी गई जानकारी के मुताबिक, यह मिधानी (मिश्र धातु निगम लिमिटेड) ग्रुप की तरफ से सीआरपीएफ को दी गई बख्तरबंद बस की तस्वीर है, जिसका इस्तेमाल कश्मीर घाटी में किया जाएगा।
इसी आधार पर की-वर्ड सर्च में हमें सीआरपीएफ के आधिकरिक एक्स हैंडल से सात सितंबर 2017 को साझा किया हुआ पोस्ट मिली, जिसमें इस बारे में जानकारी दी गई है।
पोस्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, मेक इन इंडिया के तहत मिधानी की तरफ से सीआरपीएफ को बख्तरबंद बस और भाभा कवच (बुलेट प्रूफ जैकेट) दी गई।
नीचे दर्शाए गए कोलाज में वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर और ऑरिजिनल तस्वीर के बीच की समानता को देखा जा सकता है।
वायरल दावे को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के रक्षा मंत्रालय को कवर करने वाले सीनियर जर्नलिस्ट संजय मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि टाटा की तरफ से सेना को हाल-फिलहाल ऐसा कोई बस नहीं दिया गया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट को लेकर सेना के पत्रकार और टाटा समूह दोनों से संपर्क किया है। उनका जवाब आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब दस हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: 2017 में मिश्र धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) की तरफ से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को बख्तरबंद बस दिए जाने की पुरानी तस्वीर को रतन टाटा की तरफ से सेना को बम और बुलेट प्रूफ बस दिए जाने के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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