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Fact Check: मनमोहन ने नहीं कहा, RBI का खजाना हुआ खाली और 15 सालों तक मंदी से नहीं उबर पाएगा देश, फर्जी बयान हो रहा वायरल

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Sep 5, 2019 at 02:25 PM
  • Updated: Aug 14, 2023 at 02:27 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम से एक बयान वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि रिजर्व बैंक से सरकार को पैसे ट्रांसफर किए जाने के बाद रिजर्व बैंक के खाते में कुछ भी नहीं बचा है, जिसकी वजह से देश अगले 15 सालों तक महंगाई से नहीं उबर पाएगा और इस दौरान महंगाई आसमान छू लेगी।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में मनमोहन सिंह के नाम से वायरल हो रहा बयान फर्जी निकला।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट में मनमोहन सिंह के हवाले से कहा गया है, ”रिजर्व बैंक में अब कुछ भी रिजर्व नहीं रहा मेरा सरकार व RBI दोनों से सवाल है कि विदेशी निवेशक आपकी किस गारंटी पर देश में निवेश करेगे..? सोना आपने पिछले साल ही कार्यकाल में गिरवी रख दिया था, बचा रिजर्व रूपया वह भी ले लिया अब कम से कम 15 वर्ष देश मंदी से नहीं उभर पाएगा। इस दौरान महंगाई आसमान छू लेगी।”

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फर्जी पोस्ट

पड़ताल

केंद्र सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 1.76 लाख करोड़ रुपये की रकम मिलने के बाद सोशल मीडिया पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हवाले से दिए गए कथित बयानों की बाढ़ आ गई है। वायरल पोस्ट में किए गए दावे की बारी-बारी से पड़ताल करते हैं।

1. रिजर्व बैंक में अब कुछ भी रिजर्व नहीं रहा?

गौरतलब है कि विमल जालान समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किया था। 26 अगस्त को आरबीआई की तरफ से दी गई जानकारी से इसकी पुष्टि होती है।

26 अगस्त 2019 को आरबीआई की तरफ से फंड ट्रांसफर को लेकर दी गई जानकारी

रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट (2018-19) के मुताबिक, सरकार को किए गए ट्रांसफर के बाद आरबीआई के आपातकालीन फंड में जमा राशि पिछले साल के मुकाबले कम होकर 1,96,344 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल आरबीआई के पास आपातकालीन खाते में 2,32,108 करोड़ रुपये की रकम जमा थी।

आरबीआई की सालना रिपोर्ट 2019

आरबीआई की सालाना रिपोर्ट से इसकी पुष्टि होती है। देश के सभी महत्वपूर्ण अखबारों में आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट की रिपोर्टिंग को देखा जा सकता है।


29 अगस्त 2019 को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर

इसलिए यह कहना कि सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर करने के बाद आरबीआई का खजाना खाली हो गया, फर्जी बयान है।

दूसरा दावा-मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में गिरवी रखा गया सोना

विश्वास न्यूज इस दावे की पहले फैक्ट चेकिंग कर चुका है, जो गलत साबित हुआ था। 5 मई 2019 को किए गए फैक्ट चेक (Fact Check: 2014 में सरकार ने विदेश नहीं भेजा 200 टन सोना, वायरल हो रहा दावा गलत) की रिपोर्ट में इसे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की पूर्व की पड़ताल

2019 की सालाना रिपोर्ट के मुताबि,क पिछले साल के मुकाबले आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में इजाफा हुआ है। 30 जून 2018 तक सरकार के पास कुल 56.23 मीट्रिक टन गोल्ड रिजर्व था, जो 30 जून 2019 को बढ़कर 618.16 मीट्रिक टन हो गया।

Source-RBI Annual Report 2018-19

यानी 2014 के बाद से आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में इजाफा ही हुआ है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में यह साबित किया था कि 2014 या उसके बाद आरबीआई के पास मौजूद गोल्ड रिजर्व में से कोई भी सोना देश से बाहर नहीं भेजा गया है।

गौरतलब है कि अर्थव्यवस्था में आई भारी गिरावट के बाद देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बयान जारी कर मोदी सरकार की आलोचना की थी। अपने बयान में सिंह ने कहा था, ‘हमारी अर्थव्यवस्था नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी के सदमे से नहीं उबर पाई है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह बदले की राजनीति की भावना को दरकिनार कर विचारशील आवाजों को सुने, ताकि अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकाला जा सके।’

एक सितंबर 2019 को कांग्रेस के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए मनमोहन सिंह के इस बयान को देखा और सुना जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘ऑटोमोबाइल सेक्टर में 3.5 लाख लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी है और बड़ी संख्या में लोग असंगठित क्षेत्र में भी बेरोजगार हुए हैं। इस बीच सरकार ने आरबीआई से 1.76 लाख करोड़ रुपये ले लिए, लेकिन इसके इस्तेमाल की कोई योजना नहीं है।’

सिंह ने इस बयान में उन बातों का कहीं कोई जिक्र नहीं किया, जिसका दावा वायरल पोस्ट में किया जा रहा है।

कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी ने वायरल बयान का खंडन करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था संकट में है और हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बताया है कि ऐसी स्थिति के लिए मौजूदा सरकार का रवैया और नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, ‘मनमोहन सिंह देश के मशहूर अर्थशास्त्री रहे हैं और जो उन्होंने कहा है वह सरकार को सुनना चाहिए। उन्हें जो कहना था, वह पूरी स्पष्टता के साथ कहा गया है। उन्हें अपनी बातों को बार-बार कहने की जरूरत नहीं है।’

निष्कर्ष: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के संकट के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं कहा कि आरबीआई का खजाना खाली हो चुका है और देश अगले 15 सालों तक मंदी से नहीं उबर पाएगा।

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  • Claimed By : FB User-अभिषेक कुमार वर्मा
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