Fact Check: COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए ICMR ने ‘Ivermectin ‘ दवा के इस्तेमाल को नहीं जारी किया कोई दिशा-निर्देश, वायरल पोस्ट भ्रामक है

Fact Check: COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए ICMR ने ‘Ivermectin ‘ दवा के इस्तेमाल को नहीं जारी किया कोई दिशा-निर्देश, वायरल पोस्ट भ्रामक है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट में दावा किया जा रहा है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने COVID-19 मरीजों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें दवा के सेवन के बारे में बताया गया है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। जिस दिशानिर्देश को आईसीएमआर के नाम से फैलाया जा रहा है, उसे इस संस्था की तरफ से जारी नहीं किया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘@rajinikanthgupt’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”New guidelines of ICMR for C-19 released on 6 th Aug For prophylaxis Tab. IVERMECTIN 12 mg On Day 1 , Day 7 & Day 30 2 hrs after dinner.
Followed by every 30 days 1 tab of 12mg till pandemic is over.”

https://twitter.com/rajinikanthgupt/status/1303048131072815104

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इसे ICMR का मानते हुए समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

COVID-19 को लेकर आईसीएमआर की तरफ से समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए जाते रहे हैं। ऐसे किसी दिशानिर्देश की प्रामाणिकता को जांच करने के लिए हमने संस्थान की वेबसाइट को खंगाला। वायरल हो रहे पोस्ट में 6 अगस्त को जारी दिशानिर्देश का हवाला दिया गया है, लेकिन हमें सर्च में इस तारीख को आईसीएमआर की तरफ से जारी कोई दिशानिर्देश नहीं मिला।

Source-ICMR

विश्वास न्यूज ने वायरल मैसेज को लेकर आईसीएमआर में रिसर्च मैनेजमेंट, पॉलिसी, प्लानिंग एंड को-ऑर्डिनेशन के हेड और मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉक्टर रजनीकांत से संपर्क किया। ICMR के नाम से वायरल हो रहे दिशानिर्देश का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई भी दिशानिर्देश संस्थान की तरफ से जारी नहीं किया गया है।’

वायरल पोस्ट में किए गए दावे और COVID-19 के मरीजों को दी जाने वाली दवा के तौर पर ‘IVERMECTIN’ का जिक्र है। इस कीवर्ड से सर्च करने पर हमें ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने नए प्रोटोकॉल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए HCQ यानी ‘Hydroxychloroquine’ की जगह ‘Ivermectin’ के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। इसी आदेश में इस दवा के इस्तेमाल और उसके डोज के बारे में भी बताया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट

न्यूज एजेंसी ANI UP के ट्विटर हैंडल पर 7 अगस्त को किए गए ट्वीट में हमें उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से (6 अगस्त 2020 को) जारी शासनादेश की कॉपी भी मिली, जिसमें राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को COVID-19 के संक्रमण के बचाव एवं उपचार हेतु ‘Ivermectin’ औषधि का प्रयोग किए जाने के बारे में निर्देश जारी किया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी यह दिशानिर्देश बिना लक्षण और मामूली लक्षण वाले मरीजों के सथ हेल्थ केयर वर्कर्स को ‘Ivermectin’ दवा दिए जाने से संबंधित था, जिसे आईसीएमआर के नाम से वायरल किया जा रहा है।

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर 35 लोग फॉलो करते हैं और यह प्रोफाइल नवंबर 2018 से सक्रिय है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच रिकवरी रेट बढ़कर 78.27 फीसदी हो चुका है। कुल मरीजों का 60 फीसदी पांच सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में है और यहां भी रिकवरी रेट करीब 60 फीसदी है।

COVID19 India Tracker के मुताबिक, (15 सितंबर, सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक) भारत में कुल मरीजों की संख्या 49 लाख को पार कर चुकी है। इस बीमारी से अब तक भारत में 80,776 लोगों की मौत हो चुकी है।

https://twitter.com/COVIDNewsByMIB/status/1305742370877530113

निष्कर्ष: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नाम से COVID-19 मरीजों के लिए जारी नए दिशानिर्देश के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट भ्रामक है। आईसीएमआर के नाम पर वायरल हो रहा पोस्ट वास्तव में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी शासनादेश है, जिसमें राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को COVID-19 के संक्रमण के बचाव एवं उपचार हेतु ‘Ivermectin’ औषधि का प्रयोग किए जाने के बारे में निर्देश जारी किया गया था।

Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।

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