ट्रैक्टर्स, कीटनाशकों व उर्वरकों, बीजों व कृषि यंत्रों पर क्रमश: 28, 18, 12 और 28% जीएसटी वसूले जाने का दावा गलत है। बुआई योग्य बीजों पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगता है, वहीं उर्वरकों पर 5 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है। कृषि में इस्तेमाल होने वाले सामान्य ट्रैक्टर्स पर 12 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है, लेकिन 1800 सीसी से अधिक की इंजन क्षमता वाले रोड ट्रैक्टर्स के लिए 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव के लिए जारी मतदान के बीच सोशल मीडिया पर कृषि से संबंधित एक पोस्ट को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि सरकार कृषि, उसमें इस्तेमाल होने वाले उपकरण और इनपुट पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के माध्यम से अधिक कर की वसूली कर रही है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सरकार कृषि यंत्रों पर 28 फीसदी और बीजों पर 12 फीसदी जीएसटी के साथ अन्य कृषि संबंधित इनपुट और उपकरणों पर भारी टैक्स वसूल रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। वायरल पोस्ट में कृषि और उससे संबंधित उपकरणों व इनपुट पर लगने वाले जीएसटी की मात्रा को बढ़ा-चढ़ाकर और कुछ मामलों में भ्रामक संदर्भ में शेयर किया गया है। बुआई में इस्तेमाल होने वाली बीजों पर कोई जीएसटी नहीं लगता है। वहीं, सामान्य तौर पर कृषि में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर्स पर 12 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है, लेकिन सेमी-ट्रेलर्स वाले ट्रैक्टर्स के लिए 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है, जिसकी इंजन क्षमता 1800 सीसी से अधिक होती है। वहीं, कृषि उपकरणों और यंत्रों के मामले में जीएसटी के अलग-अलग स्लैब प्रभावी हैं।
सोशल मीडिया यूजर ‘राजेश कुमार यादव’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें लिखा गया है, “हंसी तब आती है जब ट्रैक्टर पर 28% Gst, खेत की दबाईयों पर 18% बीजों पर 12%, कृषि यंत्रों पर 28% Gst लगाने बाले कहते हैं कि वो किसानों का भला करना चाहते हैं।”
वायरल पोस्ट में कई दावे किए गए हैं, जो कृषि और उससे संबंधित उपकरण व इनपुट लागत पर लगने वाले जीएसटी के बारे में हैं। इसलिए हमने बारी-बारी से इन दावों को चेक किया।
मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के तहत आने वाले सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) की वेबसाइट पर वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी की दरों का विस्तृत विवरण मौजूद है।
इसके मुताबिक, ट्रैक्टर्स (सेमी ट्रेलर्स के लिए रोड ट्रैक्टर्स, जिसकी क्षमता 1800 सीसी से अधिक है, को छोड़कर) पर 12% जीएसटी का भुगतान करना होता है।
वहीं, रियर ट्रैक्टर व्हील रिम, ट्रैक्टर सेंटर हाउसिंग, ट्रैक्टर हाउसिंग ट्रांसमिशन और ट्रैक्टर सपोर्ट फ्रंट एक्सल समेत ट्रैक्टर्स के उपकरणों पर 18% जीएसटी का भुगतान करना होता है। 1800 सीसी से अधिक की इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर्स में इस्तेमाल होने वाले रोड ट्रैक्टर्स पर 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है।
दूसरा दावा खेत की “दवाओं” यानी एग्रोकेमिकल या कृषि रसायनों से संबंधित है, जिस पर 18% जीएसटी का जिक्र है। सीबीआईसी की वेबसाइट पर मौजूद विवरण के मुताबिक, कुछ जैव कीटनाशकों पर 12 फीसदी और कुछ पर 18 फीसदी जीएसटी लागू है।
वहीं, उवर्रकों या फर्टिलाइजर्स पर 5% जीएसटी लागू है।
बुआई में इस्तेमाल होने वाले बीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। यानी जिन बीजों का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ बुआई में किया जाएगा, उन पर कोई जीएसटी नहीं लगेगी।
कृषि उपकरणों का दायरा काफी व्यापक है और सभी उपकरण एक टैक्स दायरे में नहीं आते हैं। कुछ कृषि उपकरणों पर किसी तरह का जीएसटी नहीं देना होता है, जिसमें हाथ या पशु चालित उपकरण शामिल हैं।
वहीं कुछ कृषि उपकरणों पर 5 फीसदी, तो कुछ पर 12 फीसदी और कुछ पर 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है।
वायरल पोस्ट में किए गए दावों को लेकर हमने जीएसटी विशेषज्ञ और A2Z टैक्सकॉर्प एलएलपी के संस्थापक बिमल जैन से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “बीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, वहीं कृषि में इस्तेमाल होने वाली मशीनों पर जीएसटी लागू है।”
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को फेसुबक पर करीब दो हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी मतदान के बीच चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: ट्रैक्टर्स, कीटनाशकों व उर्वरकों, बीजों व कृषि यंत्रों पर क्रमश: 28, 18, 12 और 28% जीएसटी वसूले जाने का दावा गलत है। बुआई योग्य बीजों पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगता है, वहीं उर्वरकों पर 5 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है। कृषि में इस्तेमाल होने वाले सामान्य ट्रैक्टर्स पर 12 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है, लेकिन 1800 सीसी से अधिक की इंजन क्षमता वाले रोड ट्रैक्टर्स के लिए 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है।
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