Fact Check: कोरोना वायरस 4 दिनों तक गले में रहता है इसका कोई प्रमाण नहीं है

कोरोना वायरस के 4 दिनों तक गले में रहने का दावा करने वाला पोस्ट फर्जी है। इस दावे को साबित करने के लिए कोई सबूत मौजूद नहीं है। इसके अलावा, पानी पीना या नमक के पानी से गरारे करना गले की खराश के लिए अच्छा है, लेकिन यह कोरोना वायरस को ठीक नहीं कर सकता है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस चार दिनों तक गले में मौजूद रहता है। साथ ही यह भी दावा किया गया है कि पानी पीने या गरारे करने से वायरस खत्म हो जाता है। Vishvas News ने पड़ताल कर पाया कि यह पोस्ट फर्जी है। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोरोना वायरस चार दिनों तक गले में रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पानी पीना या नमक के पानी से गरारे करना एक अच्छी आदत है, लेकिन यह कोरोना वायरस को ठीक नहीं कर सकता है।

दावा

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में लिखा है: “कोरोना वायरस, फेफड़ों तक पहुंचने से पहले यह चार दिनों तक गले में मौजूद रहता है। इस समय व्यक्ति को खांसी होती है और गले में दर्द भी होता है। अगर वह इस दौरान पानी पीता है और गर्म पानी में नमक/सिरके डालकर गरारे करता है तो वायरस खत्म हो जाता है। यह जानकारी लोगों तक पहुंचाएं, क्योंकि आप इस जानकारी से किसी को बचा सकते हैं।”

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), के अनुसार, COVID-19 का इन्क्यूबेशन पीरियड, जो कि वायरस के संपर्क में आने और लक्षण शुरू होने के बीच का है, औसतन 5-6 दिन है। हालांकि, यह 14 दिनों तक हो सकता है ।

इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस 4 दिनों तक गले में रहता है।

वायरल हो रही पोस्ट में आगे लिखा है कि बहुत सारा पानी पीने और गर्म पानी में नमक या सिरके के साथ गरारे करने से वायरस खत्म हो जाता है।

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC), के अनुसार, कोरोना वायरस 2019 (COVID-19) को रोकने के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है।

  वायरस से खुद को रोकने के लिए:

·      अपने हाथ धोते रहने चाहिए।

·      बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

·      जब आप दूसरों के आसपास हों तो अपने मुंह और नाक को कपड़े ढक लें।

·      जिन चीजों को आप रोजाना छूते हैं उन्हें लगातार साफ करते रहें।

Vishvas News ने आयुष मंत्रालय के फार्माकोविजिलेंस ऑफिसर डॉ. विमल एन से बात की। उन्होंने वायरल पोस्ट में किए गए दावे का खंडन किया और कहा, ”ऐसा कोई सबूत नहीं है कि जिससे यह साबित हो कि कोरोना वायरस 4 दिनों तक गले में रहता है। गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन यह इसका इलाज नहीं है। हल्के जुकाम में नमक के गर्म पानी से गरारा करने पर मदद मिल सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह कोरोना वायरस को ठीक कर सकता है।

इस पोस्ट को फेसबुक पर राजेंद्र राय ओशो प्रेमी नाम के एक यूजर ने शेयर किया है। जब हमने यूजर की सोशल प्रोफाइल की स्कैनिंग तो पाया कि यह करेली का रहने वाला है।

Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं, और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।

निष्कर्ष: कोरोना वायरस के 4 दिनों तक गले में रहने का दावा करने वाला पोस्ट फर्जी है। इस दावे को साबित करने के लिए कोई सबूत मौजूद नहीं है। इसके अलावा, पानी पीना या नमक के पानी से गरारे करना गले की खराश के लिए अच्छा है, लेकिन यह कोरोना वायरस को ठीक नहीं कर सकता है।

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