Fact Check: मौलाना साद के इज्तेमा में नहीं हुआ ईसाइयों का धर्म परिवर्तन, झूठे दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो

विश्वास न्यूज़ ने पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। मौलाना साद या तब्लीग़ी जमात के इज्तिमे में नहीं हुआ हज़ारों ईसाइयों का धर्म परिवर्तन। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए तब्लीग़ी जमात के प्रवक्ता ने भी वायरल दावे का खंडन किया है।

Fact Check: मौलाना साद के इज्तेमा में नहीं हुआ ईसाइयों का धर्म परिवर्तन, झूठे दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें तब्लीगी जमात निजामुद्दीन के चीफ मौलाना साद की तस्वीर बनी है और कुछ गाड़ियों पर लोगों को फूल बरसाते हुए देखा जा सकता है। इसी वायरल किये जा रहे वीडियो में कई छोटे-छोटे क्लिप और फोटो का इस्तेमाल भी किया गया है, जहां ज़बरदस्त भीड़ के मंजर को भी दिखाया गया है। अब इसी वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि इस स्कॉलर ने ईसाइयों का धर्म परिवर्तन करके उन्हें मुसलमान बना दिया। विश्वास न्यूज़ ने पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। मौलाना साद या तब्लीग़ी जमात के इज्तिमे में नहीं हुआ हज़ारों ईसाइयों का धर्म परिवर्तन। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए तब्लीग़ी जमात के प्रवक्ता ने भी वायरल दावे का खंडन किया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘यह एक विद्वान है जिसने हजारों ईसाइयों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पडताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वीडियो को गौर से देखा। वीडियो में हमें ज़्यादातर गाड़ियों पर MH साफ़- साफ़ लिखा हुआ नजर आया। सर्च में हमने पाया कि महाराष्ट की गाड़ियों का कोड MH होता है।  

वायरल वीडियो को हमने इनविड टूल पर अपलोड किया और कुछ कीफ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज पर महाराष्ट्र कीवर्ड के साथ सर्च करना शुरू किया। सर्च में हमें यही वीडियो 24 फरवरी 2018 को अपलोड हुआ मिला। यहाँ वीडियो के साथ मौलाना साद से जुड़ी जानकारी दी गई थी। हालांकि, धर्मांतरण जैसा कुछ भी लिखा हुआ नहीं नजर आया।

इसी बुनियाद पर पड़ताल किये जाने पर यही वीडियो हमें एक और यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड हुआ मिला। यहाँ वीडियो को 27 फरवरी 2018 को अपलोड किया गया है और वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक,  2018 का औरंगाबाद में मौलाना साद का इज्तेमा।

https://www.youtube.com/watch?v=IyEUPPlcUdc\

न्यूज़ सर्च में हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया की इसी इज्तेमे के बारे में भी खबर मिली। 27 फरवरी 2018 को पब्लिश हुई खबर की सुर्खी है, ‘तब्लीगी इज्तेमा में जुटी लाखों की भीड़, कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ शांतिपूर्वक संपन्न’। वहीं, खबर के मुताबिक, ‘औरंगाबाद-पुणे राजमार्ग पर लिम्बे जलगांव में आयोजित तीन दिवसीय तब्लीगी इज्तेमा में सोमवार को समापन के दिन देश और दुनिया के कुछ हिस्सों से लाखों लोगों ने भाग लिया। पुलिस की विशेष शाखा के अधिकारियों की प्रारंभिक गणना के अनुसार, लगभग 30 लाख लोग इज्तेमा में शामिल हुए। कार्यक्रम के सुचारू रूप से और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने के साथ, शहर की पुलिस ने इस घटना को प्रमुख सार्वजनिक कार्यक्रमों से निपटने के लिए पुलिस-सार्वजनिक समन्वय पर एक केस स्टडी के रूप में दर्ज करने का निर्णय लिया है।’ इस पूरी खबर में हमें कहीं भी धर्म परिवर्तन जैसा कोई ज़िक्र नहीं मिला।

वायरल वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने औरंगाबाद के वरिष्ठ पत्रकार मनोज टाक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘तब्लीग़ी जमात का यह इज्तेमा 24 फरवरी से 27 फरवरी तक हुआ था। यह एक धार्मिक सम्मेलन था, जिसमें मौलाना साद भी मौजूद थे। पूरा इज्तेमा शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हुआ था, अगर कन्वर्जन जैसी कोई बात सच होती तो यह एक बड़ी कंट्रोवर्सी बनती।

विश्वास न्यूज़ ने तब्लीग़ी जमात के प्रवक्ता एडवोकेट शाहिद अली से संपर्क किया और वायरल वीडियो उनके साथ शेयर किया। उन्होंने इस बारे में अपना आधिकारिक बयान देते हुए बताया, ‘धर्म परिवर्तन का यह दावा पूरी तरह फर्जी है। तब्लीगी जमात दूसरे धर्मों के लोगों का धर्मांतरण नहीं करते, बल्कि मुसलमानों को सुधारने का प्रयास करते हैं। तब्लीगी जमात या मौलाना साद द्वारा किसी का धर्मांतरण नहीं किया जाता है”।

फर्जी वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि Jamuna NE Islamic नाम के इस पेज को 20 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। मौलाना साद या तब्लीग़ी जमात के इज्तिमे में नहीं हुआ हज़ारों ईसाइयों का धर्म परिवर्तन। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए तब्लीग़ी जमात के प्रवक्ता ने भी वायरल दावे का खंडन किया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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