विश्वास टीम की पड़ताल में यह मैसेज गलत साबित हुआ। इस मामले में पीड़ित और आरोपी सभी एक ही समुदाय और धर्म के थे। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आजकल एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है, ‘हिंसक धर्मनिरपेक्षता। 26 साल का सागर अपनी पत्नी और नवजात बच्ची के साथ पुणे से ट्रेन में यात्रा कर रहा था। उन्होंने एक बुर्क़ा पहने महिला से अपनी पत्नी के लिए सामान्य बोगी में जगह बनाने का अनुरोध किया। इसपर महिला के 12 परिवार के सदस्यों (7 महिलाओं) ने उसे अपनी पत्नी के सामने मौत के घाट उतार दिया। कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं।” विश्वास टीम की पड़ताल में यह मैसेज गलत साबित हुआ। इस मामले में सम्मिलित सभी लोग एक ही समुदाय और धर्म के थे। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
क्या हो रहा है वायरल?
वायरल मैसेज में लिखा है “VIOLENT SECULARISM ! 26 yr old sagar was traveling in Train from Pune with his wife & new born girl. He requested a Burkha clad woman to make space for his wife in general bogey,her 12 family members (7 women)LYNCHED him to death in front of his wife & new born. No media reports.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “हिंसक धर्मनिरपेक्षता। 26 साल का सागर अपनी पत्नी और नवजात लड़की के साथ पुणे से ट्रेन में यात्रा कर रहा था। उन्होंने एक बुर्क़ा पहने महिला से अपनी पत्नी के लिए सामान्य बोगी में जगह बनाने का अनुरोध किया। इसपर महिला के 12 परिवार के सदस्यों (7 महिलाओं) ने उसे उसी पत्नी और नवजात बच्ची के सामने मौत के घाट उतार दिया। कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं।”
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।
पड़ताल
इस मैसेज में दिए गए डिटेल्स को जब हमने गूगल कीवर्ड में सर्च किया तो हमारे सामने दैनिक जागरण के सहयोगी अख़बार नईदुनिया पर 15 फरवरी को पब्लिश हुई एक खबर आई। खबर में इस पूरी घटना के डिटेल्स थे। खबर के अनुसार, ‘ट्रेन में हुई मामूली कहा-सुनी के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि एक दर्जन यात्रियों ने युवक को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। इस मारपीट में 7 महिलाएं भी शामिल थीं। घटना मुंबई-लातूर-बीदर एक्सप्रेस में गुरुवार(13 फरवरी) को हुई। विवाद की शुरुआत सीट को लेकर हुई थी। देखते ही देखते नोकझोंक बड़े विवाद में बदल गई, जिसका हश्र 26 साल के युवक की मौत के रूप में सामने आया। मृतक युवक की पत्नी ज्योति ने इसकी शिकायत पुलिस में की।” इस खबर में कहा गया कि ‘रेलवे पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं।’ खबर में कहीं भी इन 12 लोगों के बारे में विवरण नहीं है।
इसके बाद हमें महाराष्ट्र टाइम्स पर 15 फरवरी को पब्लिश हुई एक खबर मिली जिसमें हिरासत में लिए गए लोगों का विवरण था। खबर के अनुसार इन लोगों के नाम थे तराबाई मारुती पवार, जमुना दत्ता काले, ताई हनुमंत पवार, कलावती धोंडीबा चव्हाण, गंगुबाई नामदेव काळे, रूपाली सोमनाथ चव्हाण, निकीता अशोक काले, हनुमंत गणपत पवार, अशोक आपा काले, सोनु अप्पा, गणेश शिवाजी चव्हाण।
इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने राजकीय रेलवे पुलिस, पुणे के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक एस आर गौड़ से बात की। उन्होंने कहा, “मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं था। कहा-सुनी के बीच एक व्यक्ति ने सागर के सिर पर लाठी से हमला किया, जिसके चलते बाद में उसकी मौत हो गयी। यात्री की मौत में शामिल बारह लोगों में से एक नाबालिग था। घटना में सात महिलाओं और चार पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित और आरोपी एक ही धर्म के थे।”
इस पोस्ट को कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया है, जिनमें से एक है फेसबुक पेज Sanatan Dharma। इस पेज के कुल 836 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में यह मैसेज गलत साबित हुआ। इस मामले में पीड़ित और आरोपी सभी एक ही समुदाय और धर्म के थे। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
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