Fact Check: मुरादाबाद की मस्जिद के अंदर हुई लड़ाई में नहीं था सांप्रदायिक एंगल, भ्रामक दावा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो मुरादाबाद की एक मस्जिद का है, जहां आपस में एक ही समुदाय के लोगों के बीच में लड़ाई का यह मामला सामने आया था। इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक मस्जिद के अंदर बहुत-से लोगों को आपस में लड़ते हुए देखा जा सकता है। वायरल किये जा रहे इस वीडियो को कई यूजर सांप्रदायिक रंग देकर शेयर कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यह लड़ाई दो समुदायों को बीच में हुई थी, जहां एक समुदाय ने दूसरे  समुदाय पर मस्जिद के अंदर हमला कर दिया।  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो मुरादाबाद की एक मस्जिद का है, जहां आपस में एक ही समुदाय के लोगों के बीच में लड़ाई का यह मामला सामने आया था। इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है, वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से! आए दिन ऐसे मामले गुज़रते हैं जिन में कुछ हिन्दुत्वा के हामी शरपसंद लोग मस्जिद में तोड़फोड़, नारेबाज़ी और भगवा झंडा लहराते दिखाई पड़ते हैं जिन्हें देखकर बहुत अफसोस होता है और सख़्त ग़ुस्सा आता है लेकिन जब इस तरह की ख़बरे देखते व सुनते हैं तो यक़ीन जानिए वह अफसोस और गुस्सा ख़त्म होने की कगार पर चला जाता है, और दिल में यह सवाल उठते हैं — किस तरह की शिकायत उन लोगों से जो मस्जिदों में भगवा झंडे गाड़ रहे हैं ? क्या ग़म किया जाए मोब के ज़रिए लिचं होने वाले मुसलमानों के मामलों पर ? क्या जवाब दिया जाए हमारे ख़िलाफ़ ज़हर उगलने वालों को ? कैसे रोका जाए हमारी मुख़ालिफत में बनाए जाने वाले कानूनों (बिल) को ? क्या हल निकाला जाए हमें पहुंचाए जाने वाले तमाम जानी व माली नुक़सान का — ? करते रहो ऐहतिजाज, देते रहो ज्ञापन, कोसते रहो सरकारों को, खटखटाते रहो अदालतों के दरवाज़े अगर कोई हल निकल आए तो बता देना, याद रखना कोई धर्म और कोई सरकार हमारी मुख़ालिफ नहीं है बल्कि हम ख़ुद ही अपने दुशमन हैं, जो अपनी तबाही के निशान आप ही खींच रहे हैं, मेंने हमेशा अपने बड़ों से एक बात सुनी है की। दुनिया हमें इस लिए मार रही है की हम ईमान वाले हैं और आख़िरत में अल्लाह हमें इस लिए सज़ा देगा की दुनिया में हमारे पास ईमान कहां था ? जब तक हम पूरे मुसलमान नहीं बनेंगे जब तक हम क़ुरआन व हदीस को अपना ओड़ना बिछोना नहीं बनाएंगे जब तक हमारे अन्दर से इन्तेशार ख़त्म नहीं होगा तब तक हम पूरी दुनिया में मग़लूब ही रहेंगे अल्लाह हम सब को ईमान पर साबित क़दमी अता फरमाए, हमारे अन्दर से आपसी नफरतों का ख़ात्मा फरमाए और दुश्मनों के शर से हमारी हिफाज़त फरमाए!”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल वीडियो के अलग- अलग फ्रेम्स को सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह वीडियो कई न्यूज़ वेबसाइट और उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। न्यूज18 के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो को 3 सितंबर 2024 को अपलोड किया गया है। यहां वीडियो के  साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक हैरान कर देने वाला वीडियो  सामने आया है। यहां मस्जिद में लोगों ने खूब जमकर मार-पिटाई की। दो पक्ष मस्जिद में लाठी, डंडे और बेल्ट चलाते दिख रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला 30 अगस्त का है। दो बच्चों के बीच में पहले झगड़ा हुआ था, जो बड़ों तक फैल गया।

इसी बुनियाद पर हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया। इस मामले पर दैनिक जागरण की 3 सितम्बर की खबर के मुताबिक, मुरादाबाद के पाकबड़ा के उमरी सब्जीपुर की मस्जिद में मारपीट का वीडियो मंगलवार को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने से खलबली मच गई। इस प्रकरण में पुलिस नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। पांच दिन पूर्व गांव के बबलू और भूरा के बीच हंसी-मजाक को लेकर मारपीट हो गई थी। क्षेत्र के लोगों ने दोनों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया था। शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान फिर दोनों के बीच कहासुनी हो गई थी। दोनों पक्षों के बीच बेल्ट और लाठी-डंडे चल पड़े। छतों से पथराव भी हुआ। इससे पूरे क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी। इसमें दाऊद , सबाबुल, तौफीक घायल हो गए थे। पुलिस को जानकारी हुई तो मौके पर पहुंची। भीड़ को तितर-बितर किया गया। घायलों को पुलिस ने अस्पताल भिजवाया। इसके साथ ही मौके से छह लोगों को पुलिस पकड़कर थाने ले आई थी। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली।”  इस खबर में हमें कहीं भी दो समुदायों के झगडे जैसा कोई जिक्र नहीं मिला।

एनडीटीवी और लाइव हिंदुस्तान की वेबसाइट पर भी हमें इस मामले से जुड़ी खबर मिली। हालांकि, यहां भी कहीं भी दो समुदायों की लड़ाई की जानकारी नहीं मिली। इन ख़बरों में भी दी गई जानकरी के मुताबिक, यह एक ही समुदाय के बीच हुई आपसी लड़ाई का मामला था।

वायरल दावे  पुष्टि के लिए हमने मुरादाबाद के एडिशनल एसपी कुमार रणविजय सिंह से सम्पर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें पुष्टि देते हुए बताया, मस्जिद में यह लड़ाई एक ही समुदाय के लोगों के बीच में हुई थी, इसमें  कोई हिन्दू- मुस्लिम एंगल नहीं था। छोटी-सी बात पर पहले मस्जिद के बाहर लड़ाई हुई थी, फिर नमाज के बाद दोनों ग्रुप आपस में भीड़ गए। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई है, लेकिन इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक  एंगल नहीं है।

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज को 16 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो मुरादाबाद की एक मस्जिद का है, जहां आपस में एक ही समुदाय के लोगों के बीच में लड़ाई का यह मामला सामने आया था। इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है।

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