नई दिल्ली (विश्वास टीम)। चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर को लेकर दावा किया गया है कि चीन की सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित 20,000 लोगों को मारने के लिए अदालत से मंजूरी मांगी है, ताकि वायरस से होने वाले संक्रमण को रोका जा सके।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। चीन की सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को मारने के लिए किसी भी अदालत से कोई मंजूरी नहीं मांगी है।
फेसबुक यूजर ‘Manish Soni’ ने एक न्यूज रिपोर्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ”वामपंथी हकीकत…चीन में कोरोना वायरस ग्रस्त 20000 लोगो को इलाज की जगह गोली से मार कर उन्हें जलाने की इजाजत मांगी ताकि इनसे दूसरों में इंफेक्शन न फैले न कोई मानवाधिकार बाला चिल्लाया न असहिष्णु बोला यही वामपंथ का इत्तिहास है…मास किलिंग जेनोसाईड इनका इत्तिहास रहा है आज भी है।”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस रिपोर्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
(फेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)
वायरल पोस्ट में जिस न्यूज रिपोर्ट का इस्तेमाल किया गया है, उसे ‘’City News” की वेबसाइट से लिया गया है। 6 फरवरी 2020 को प्रकाशित इस रिपोर्ट को नीचे देखा जा सकता है।
अंग्रेजी में लिखी इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद हमें कई जगह व्याकरण और वर्तनी की गलतियां नजर आईं, जो किसी न्यूज रिपोर्ट में नहीं मिलती हैं।
सर्च में हमें पता चला कि यह वेबसाइट पहले भी कई फर्जी रिपोर्ट को प्रकाशित कर चुका है। 2019 में इस वेबसाइट ने कोरोना वायरस को लेकर भ्रामक खबर प्रकाशित की थी, जिस पर सिंगापुर की सरकार को सफाई जारी करनी पड़ी थी। सिंगापुर सरकार की वेबसाइट पर 30 जनवरी 2020 को प्रकाशित खंडन को नीचे देखा जा सकता है।
न्यूज रिपोर्ट में हमें ऐसी कोई विश्वसनीय वेबसाइट की रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस खबर का जिक्र किया गया हो।
विश्वास न्यूज ने इसे लेकर चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स के फॉरेन एडिटर शमीम ज़कीरा से बात की। उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा, ‘यह ऑनलाइन फैलाई जा रही खबर है, जो पूरी तरह से झूठ है। चीन में स्थिति बेहद गंभीर है, लेकिन स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। मैं कहना चाहता हूं कि सरकार पूरी ताकत से इस वायरस के संक्रमण को रोकने में जुटी हुई है। लोगों को इस तरह की फर्जी खबरें नहीं फैलानी चाहिए।’
वायरल पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर मनीष सोनी को फेसबुक पर करीब 21 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित 20,000 लोगों को मारे जाने के लिए चीनी सरकार का अदालत से मंजूरी मांगे जाने के दावे के साथ वायरल हो रही खबर झूठी है।
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