अमित शाह के नाम से व्यापारी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का दावा फेक और चुनावी दुष्प्रचार है। उनके नाम से वायरल हो रहा बयान मनगढ़ंत है, जो पहले भी 2019 के चुनाव के दौरान वायरल हो चुका है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक इन्फोग्राफिक्स में गृह मंत्री अमित शाह के नाम से दो बयानों का जिक्र करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने देश के व्यवसायी समुदाय के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे फेक पाया, जिसे अमित शाह के खिलाफ राजनीतिक दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है। शाह ने किसी भी राजनीतिक रैली या सभा में व्यापारी समुदाय को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
यह फेक और मनगढ़ंत बयान इससे पहले भी पिछले आम चुनाव के दौरान मीडिया पर वायरल हो चुका है, जब शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Rajkumar Reborn’ ने वायरल इन्फोग्राफिक्स (आर्काइव लिंक) को अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है।
वायरल ग्राफिक्स में दो तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। पहली तस्वीर में शाह की तस्वीर के साथ उनका एक बयान है, जो आज तक न्यूज चैनल के किसी बुलेटिन का स्क्रीनशॉट है। इस स्क्रीनशॉट में शाह के जिस बयान का जिक्र है, उसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, “बनिया हूं मेरी बात पर भरोसा रखना।”
इसी आधार पर की-वर्ड सर्च में में हमें “News24 Bihar & Jharkhand” के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर तीन साल पहले अपलोड किया हुआ बुलेटिन मिला, जिसमें अमित शाह के इस बयान का जिक्र है। बंगाल बीजेपी के एक कार्यक्रम में शाह ने बीजेपी के संकल्प पत्र को जारी करते हुए कहा था, “…मैं बनिया हूं मुझ पर भरोसा रखना….हमने जो कहा है, वो सब हम करेंगे।”
आज तक के आधिकारिक फेसबुक पेज पर 21 मार्च 2021 को ऑरिजिनल वीडियो क्लिप (आर्काइव लिंक) मिला, जिसके स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल वायरल पोस्ट में किया गया है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि अमित शाह ने 2021 में बंगाल बीजेपी के संकल्प पत्र को जारी करते हुए यह कहा था, “मैं बनिया हूं, मुझ पर भरोसा रखना।”
इसी बयान के संदर्भ में वायरल पोस्ट में दूसरे बयान का जिक्र है, जिसमें व्यापारी समुदाय के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।
सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें अमित शाह ने बनिया समुदाय को “चोर” और “मुनाफाखोर” बताया हो। हमने अपनी जांच में पाया कि अमित शाह के नाम से वायरल हो रहा यह बयान मनगढ़ंत और फेक है।
वायरल पोस्ट में जिस अखबार के स्क्रीनशॉट के जरिए इस बयान का जिक्र किया गया है, उसमें राजस्थान के बूंदी में आयोजित बीजेपी की रैली का जिक्र है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की-वर्ड सर्च में हमें बीजेपी के आधिकारिक हैंडल पर बूंदी में शाह की जनसभा का लाइव (आर्काइव लिंक) किया हुआ वीडियो मिला और इस वीडियो में शाह ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। शाह की जिस तस्वीर का इस्तेमाल अखबार के स्क्रीनशॉट में किया गया है, वह इसी जनसभा का है।
गौरतलब है कि यह दावा सोशल मीडिया पर पहले भी 2019 के चुनावों के दौरान वायरल हो चुका है, जिसकी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल दावे को लेकर हमने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “यह विशुद्ध रूप से फेक बयान है और चुनाव को देखते हुए इस तरह का दुष्प्रचार किया जा रहा है।”
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: अमित शाह के नाम से व्यापारी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का दावा फेक और चुनावी दुष्प्रचार है। उनके नाम से वायरल हो रहा बयान मनगढ़ंत है, जो पहले भी 2019 के चुनाव के दौरान वायरल हो चुका है।
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