नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि काली मिर्च के इस्तेमाल से बना गर्म खाना कोरोना वायरस संक्रमित शख्स को 24 घंटे में ठीक कर देगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा फर्जी निकला है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि खाने में काली मिर्च के इस्तेमाल से 24 घंटे में कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक हो जाता है।
विश्वास न्यूज को वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर फैक्ट चेक के लिए ये दावा मिला है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स को गर्म खाना और काली मिर्च दीजिए, 24 घंटे से कम में ही वह ठीक हो जाएगा/जाएगी।’
विश्वास न्यूज ने इस दावो को लेकर इंटरनेट सर्च से अपनी पड़ताल शुरू की। हमें ‘मिथक बस्टर’ नाम की WHO की एक रिपोर्ट मिली। WHO के मुताबिक, खाने में काली मिर्च स्वाद तो बढ़ा सकती है, लेकिन कोरोना वायरस से बचाव या इसका इलाज नहीं कर सकती। कोरोना वायरस से बचाव के सबसे बेहतर तरीकों में दूसरों से कम से कम एक मीटर की दूरी, नियमित तौर पर हाथ धोने जैसे उपाय शामिल हैं। बैलेंस डाइट लेना, शरीर को हाइड्रेट रखना, नियमित एक्सरसाइज करना और अच्छी नींद लेना भी मददगार साबित हो सकता है।
वर्जीनिया डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ की वेबसाइट पर भी हमें एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट भी कोरोना वायरस से जुड़े मिथकों पर आधारित है। इसमें लिखा है कि खाने में मिलाई गई काली मिर्च आपको कोरोना वायरस से बचा या इसका इलाज नहीं कर सकती। गर्म कालीमिर्च से आपकी नाक जरूर बह सकती है, इसलिए तीखे खाने का आनंद लेते वक्त हाथ में टिश्यू जरूर रखें।
विश्वास न्यूज ने इस संबंध में आयुष मंत्रालय के डॉक्टर विमल से बात की। उन्होंने बताया, ‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि काली मिर्च कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज कर सकती है। अबतक कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। वायरल दावा फर्जी है।’
WHO के भी मुताबिक, अबतक कोरोना वायरस का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है। इसे लेकर अभी वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं और कई प्रोजेक्ट अभी ट्रायल फेज में हैं।
निष्कर्ष: खाने में काली मिर्च का सेवन करने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव या इसका इलाज नहीं होता। वायरल पोस्ट का दावा झूठा है।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
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