Fact Check: जियो की 5जी टेस्टिंग से पक्षियों की मौत का दावा गलत, 5जी स्पेक्ट्रम अभी नहीं हुए हैं आवंटित

भारत में अभी 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित नहीं किए गए हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 5जी नेटवर्क सुरक्षित हैं और इनसे पक्षियों की मौत का दावा गलत है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर रिलायंस जियो को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही पोस्टों में दावा किया जा रहा है कि रिलायंस जियो की 5जी टेस्टिंग से देश में पक्षी मर रहे हैं और लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है कि बर्ड फ्लू फैल रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये वायरल दावा झूठा निकला है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक पर नौशाद सैफी नाम के यूजर ने एक पोस्ट की है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘JIO की 5G की टेस्टिंग से देश में पक्षी मर रहे हैं और लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है कि बर्ड फ्लू फैल रहा है।’ यहां इस वायरल पोस्ट में लिखी गई बातों को ज्यों का त्यों लिखा गया है।

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

भारत के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैला हुआ है और इसे लेकर केंद्र सरकार एडवाइजरी जारी कर चुकी है। इस बीच पक्षियों के मरने को 5जी टेस्टिंग से जोड़ने का यह दावा वायरल हो रहा है। विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इंटरनेट पर कीवर्ड्स से सर्च कर इस दावे की पड़ताल शुरू की। हमें 7 जनवरी 2021 को हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, केंद्र सरकार ने एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए सभी राज्यों को सचेत किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बर्ड फ्लू का असर सामने आने के बाद से केरल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पक्षियों की मौत देखी गई है।

इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमें डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंड्री एंड डेयरी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी भारत में बर्ड फ्लू के केसों के बढ़ते मामले की जानकारी मिली।

हमें डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंड्री एंड डेयरी की आधिकारिक वेबसाइट पर बर्ड फ्लू से निपटने का एक्शन प्लान भी अपलोडेड मिला। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

बर्ड फ्लू की स्थिति को लेकर डिपार्टमेंट की तरफ से 17 जनवरी को जारी प्रेस रिलीज भी हमें पीआईबी की वेबसाइट पर मिली। इसमें 17 जनवरी 2021 तक देश में बर्ड फ्लू के मामले और सरकार के एक्शन की जानकारी दी गई है। इसमें यह भी बताया जा रहा है कि संक्रमित पॉल्ट्री पक्षियों को मारा भी जा रहा है। इस प्रेस रिलीज को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी क्रम में हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 12 जनवरी 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में भारत के हालिया बर्ड फ्लू मामलों का जिक्र है। साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है, ‘बर्ड फ्लू की बीमारी एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस H5N1 की वजह से होती है। यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इन्फ्लूएंज़ा टाइप-ए वायरस के कारण होती है और आमतौर पर मुर्गियों और टर्की जैसी पक्षियों को प्रभावित करती है। यह वायरस पक्षियों के अलावा इंसानों को भी अपना शिकार बनाता है। बर्ड फ्लू इन्फेक्शन मुर्गी, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेज़ी से फैलता है। यह इन्फ्लूएंज़ा वायरस जितना ख़तरनाक होता है कि इससे इंसान और पक्षियों की मौत भी हो सकती है। अभी तक बर्ड फ्लू का बड़ा कारण पक्षियों को ही माना जाता है, लेकिन कई बार यह इंसान से इंसान को भी हो जाता है।’ इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

यानी अबतक की पड़ताल से हमें यही पता चला कि पक्षियों के मरने की जो घटनाएं सामने आई हैं, उनके पीछे बर्ड फ्लू है। भारत सरकार और राज्य सरकारों के संबंधित विभाग बर्ड फ्लू के मामलों पर नजर बनाए हुए हैं।

आगे की पड़ताल में हमने यह जानने की कोशिश की कि 5जी टेस्टिंग और पक्षियों की मौत का कोई संबंध है या नहीं। इंटरनेट पर सर्च के दौरान हमें यूनिसेफ मॉन्टेगरो की आधिकारिक साइट पर मौजूद एक ब्लॉग मिला। यह ब्लॉग 5जी से जुड़ी गलत और भ्रामक सूचनाओं पर आधारित है। 7जुलाई 2020 को प्रकाशित इस ब्लॉग में एक्सपर्ट के हवाले से बताया गया है कि 5जी नेटवर्क सुरक्षित हैं और इनसे न तो किसी की मौत हो रही है और न ही वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इस ब्लॉग में यह भी बताया गया है कि कॉन्सिपिरेसी थ्योरी वालों ने यह भी झूठी सूचनाएं फैलाईं कि 5जी नेटवर्क से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। हालांकि, WHO ने इसे खारिज करते हुए कहा कि किसी टेलिकम्युनिकेशन डिवाइस की रेडियो वेब्स से वायरस का संक्रमण नहीं फैल सकता। इस ब्लॉग पोस्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज भारत में 5जी नेटवर्क की वर्तमान स्थिति के बारे में भी पड़ताल की। हमें 18 जनवरी 2021 को ही इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख मिला। इसमें बताया गया है कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन (DoT) ने टेलिकॉम कंपनियों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से 5जी समेत अगले 10 सालों तक रेडियो फ्रिक्वेंसी स्पेक्ट्रम को बेचने और इस्तेमाल को लेकर इनपुट मांगे हैं। इस लेख को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी तरह हमें फाइनेंशियल एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 13 जनवरी 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसमें टेलिकॉम कंपनियों ने स्पेक्ट्रम नीलामी से पहले 5जी पर और स्पष्टता की मांग की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रिलायंस जियो 2021 के मध्य तक अपनी 5जी सर्विल को लॉन्च करने की जानकारी दे चुका है, लेकिन अभी 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं हुई है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे के संबंध में रिलायंस जियो के प्रवक्ता से संपर्क किया। उन्होंने इस दावे को आधारहीन बताते हुए कहा कि अभी 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित ही नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसी गलत सूचनाओं से बचना चाहिए और उन्हें शेयर नहीं करना चाहिए।

इसी तरह फाइनेंशियल एक्सप्रेस की 16 दिसंबर 2020 की एक खबर में रविशंकर प्रसाद के हवाले से बताया गया है कि 5जी ट्रायल जल्द शुरू होंगे। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर नौशाद सैफी की प्रोफाइल को स्कैन किया। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर लोनी, गाजियाबाद के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: भारत में अभी 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित नहीं किए गए हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 5जी नेटवर्क सुरक्षित हैं और इनसे पक्षियों की मौत का दावा गलत है।

False
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