वायरल मैसेज में दिए गए कॉन्टैक्ट नंबर एनआईए के ही हैं, लेकिन एजेंसी ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया है। एजेंसी खुद इस मैसेज को फेक बता चुकी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर किया जाने लगा। इसे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) से जोड़कर दावा किया जा रहा है कि एजेंसी की तरफ से कॉन्टैक्ट नंबर जारी किया है, जिस पर विशेष समुदाय द्वारा लगाए जा रहे आपत्तिजनक नारों और ‘लव जिहाद’ की शिकायत की जा सकती है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि मैसेज में दिए गए कॉन्टैक्ट नंबर एनआईए के दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर के हैं, लेकिन एजेंसी ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है। इससे पहले भी यह मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज ने की थी। एनआईए खुद भी इस मैसेज को फेक बता चुकी है।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस मैसेज को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
फेसबुक यूजर ‘एकम सनातन भारत‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 6 अगस्त को पोस्ट करते हुए लिखा,
“NIA ने जारी किया नंबर महत्वपूर्ण नंबर सेव करें
मुसलमानों द्वारा कोई भी गलत हरकत जैसे आतंकी साजिश, लवजिहाद मजार निर्माण, सोशियल मीडिया पोस्ट आदि की रिपोर्ट करने के लिए निम्न विशेष फोन नंबर पर तुरंत सूचित करें
011-24368800
Mobile No. 9654447345
WhatsApp No. 8585931100*
Landline No. 011-24368800
Fax No. 011-24368801
Email Id of NIA : info.nia@gov.in
जो मुसलमान सर तन से जुदा का नारा लगाता दिखाई दे जाए, फेसबुक कमेंट में या ट्विटर पर कहीं भी, सीधा उसका स्क्रीनशॉट लें, लिंक कॉपी करें या इस नंबर पर कॉल करें
इस जानकारी को अपने अपने परिचित लोगों को देकर आप भी अपने नैतिक दायित्व का पालन अवश्य ही करें“
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले मैसेज में दिए गए नंबरों की जांच की। एनआईए की आधिकारिक वेबसाइट पर ये नंबर एजेंसी के दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर के निकले। मतलब मैसेज में दी गई कॉन्टैक्ट डिटेल एजेंसी के दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर की है।
इसके बाद हमने मैसेज में किए गए दावे के बारे में जानने के लिए एनआईए की वेबसाइट को स्कैन किया। इसके कॉन्टैक्ट अस सेक्शन में लिखा हुआ है, “यह फोरम किसी भी संदिग्ध आतंकवादी गतिविधि/आतंकवादी अपराध या ऐसी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति या नकली भारतीय मुद्रा नोट तस्करी नेटवर्क पर जानकारी से संबंधित कोई भी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए है। हम इस पोर्टल के माध्यम से किसी भी अन्य जानकारी पर विचार नहीं करते हैं और यह आश्वासन दिया जाता है कि आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। आप जानकारी से संबंधित कोई भी दस्तावेज/फोटो अपलोड कर सकते हैं, जिसे यदि आवश्यक हो तो भेजा जा सकता है। (केवल डीओसी/पीडीएफ/जेपीजी प्रारूप स्वीकार किए जाते हैं)।” हालांकि, इसमें वायरल मैसेज जैसे किसी दावे का जिक्र नहीं है।
इस बारे में गूगल पर कीवर्ड से सर्च करने पर हमें 7 जुलाई 2022 को इंडियन एक्सप्रेस पर छपी खबर मिली। इसमें लिखा है, “कई सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि एनआईए ने फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाने वाले किसी भी मुस्लिम या मुस्लिम संगठन की रिपोर्ट करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। इसके जवाब में एनआईए ने ऐसे किसी मैसेज को जारी करने से इनकार किया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि एनआईए के नाम से कुछ भ्रामक संदेश विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर किए जा रहे हैं। सभी को सूचित किया जाता है कि एनआईए ने ऐसा कोई संदेश जारी नहीं किया है। ऐसे संदेश पूरी तरह से फर्जी और दुर्भावनापूर्ण हैं और जनता को गुमराह करने की शरारतपूर्ण साजिश का हिस्सा हैं। इसमें कहा गया है कि पिछले साल आईएस की कुछ गतिविधियों की जांच के दौरान यह सामने आया था कि आईएस (इस्लामिक स्टेट) भोले-भाले युवाओं को निशाना बना रहा था और अपने मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिए झूठे प्रचार के जरिए उन्हें कट्टरपंथी बना रहा था। इसको देखते हुए सितंबर 2021 में एक अपील की गई थी कि ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना एनआईए सहित अधिकारियों को उसके लैंडलाइन नंबर: 011-24368800 पर दी जा सकती है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे इस तरह के फर्जी और झूठे मैसेज से गुमराह न हों। हालांकि, आतंकवादी गतिविधियों और तत्वों के बारे में जानकारी साझा करके हमारे देश और उसके लोगों को आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षित करने के लिए एनआईए के साथ हाथ मिलाने के लिए उनका स्वागत है।”
सर्च में हमें 7 जुलाई 2022 को एनआईए द्वारा जारी प्रेस रिलीज मिली। इसमें भी लिखा हुआ है कि एनआईए ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया हुआ है। इस तरह के मैसेज पूरी तरह से फर्जी हैं।
23 जून 2023 को पीआईबी के ट्विटर हैंडल से भी इस बारे में ट्वीट किया गया है। इसमें लिखा है कि मैसेज में दिए गए नंबर एनआईए से जुड़े हुए हैं, लेकिन इस मैसेज को एनआईए ने नहीं जारी किया है।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने एनआईए की सीनियर अधिकारी डीआईजी डॉ. संजुक्ता पराशर से संपर्क कर उनको वायरल मैसेज भेजा। उनका कहना है, “यह मैसेज एनआईए ने नहीं भेजा है।“
वहीं, दैनिक जागरण की तरफ से गृह मंत्रालय कवर करने वाले विशेष संवददाता नीलू रंजन ने भी इस मैसेज को फर्जी बताया।
अंत में हमने गलत दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, वे लुधियाना में रहते हैं और एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: वायरल मैसेज में दिए गए कॉन्टैक्ट नंबर एनआईए के ही हैं, लेकिन एजेंसी ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया है। एजेंसी खुद इस मैसेज को फेक बता चुकी है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।