Fact Check : आपत्तिजनक नारों की शिकायत के लिए NIA ने नहीं जारी किया कोई नंबर

जब विश्‍वास न्‍यूज ने एनआईए के ऑफिस से संपर्क किया तो वहां से हमें जानकारी देते हुए बताया गया कि एनआईए ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया है। यह फेक है। हां, इसमें दिए गए नंबर जांच एजेंसी के हैं।

Fact Check : आपत्तिजनक नारों की शिकायत के लिए NIA ने नहीं जारी किया कोई नंबर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के नाम पर एक बार फिर से एक मैसेज वायरल किया जा रहा है। इस मैसेज में दावा किया गया है कि यदि कोई मुसलमान सर तन से जुदा का नारा लगाते हुए किसी भी सोशल मीडिया में दिखे तो उसकी शिकायत सीधे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को की जा सकती है। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस मैसेज की जांच की थी। यह फर्जी निकला था। इसे मुसलमान के खिलाफ नफरत और दुष्‍प्रचार की मंशा से वायरल किया जाता रहा है। मौके-बे-मौके एनआईए के नाम पर यह फर्जी मैसेज वायरल होता रहा है। खुद एनआईए की ओर से भी इसका खंडन किया जा चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर जैंजय भारतीय ने 22 नवंबर को एक मैसेज को पोस्‍ट करते दावा, ‘NIA ने जारी किया एक विशेष नंबर… आतंकी मुसलमानों की रिपोर्ट करने के लिए…जो मुसलमान, सर तन से जुदा का नारा लगाता दिखाई दे जाए, फेसबुक कमेंट में, या ट्विटर पर, या कहीं भी, सीधा उसका स्क्रीनशॉट लेकर, लिंक कॉपी करें और इस नंबर पर कॉल करें…011-24368800, Email Id of NIA : info.nia@gov.in, mobile No. 9654447345, WhatsApp No. 8585931100, Landline No. 011-24368800, Fax No. 011-24368801 हमारे भारत के लिये, हमारे सनातन धर्म के लिये हर हिंदू को अलर्ट रहना है…’

पड़ताल

एनआईए के नाम पर वायरल मैसेज की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का सहारा लिया। संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च करने पर हमें भास्‍कर डॉट कॉम की पांच महीने पुरानी एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि एनआईए ने इन संदेशों को झूठा बताते हुए चेतावनी जारी की है। NIA ने स्पष्ट किया गया है कि ऐसा कोई संदेश जारी नहीं किया गया है। इस तरह के संदेश पूरी तरह से नकली और दुर्भावनापूर्ण हैं और जनता को गुमराह करने के लिए एक शरारती योजना का हिस्सा हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें।

सर्च के दौरान हमें एएनआई का भी एक पुराना ट्वीट मिला। इसे 17 सितंबर 2021 किया गया था। इसमें एनआईए द्वारा नंबर जारी करने की जानकारी दी थी। इसमें कहीं भी मुसलमान या सिर तन से जुदा जैसी कोई बात नहीं लिखी गई थी।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए एनआईए की वेबसाइट को स्‍कैन किया। यहां हमें इसके मुख्‍यालय के नाम पर वही ईमेल आई, फैक्‍स नंबर, मोबाइल नंबर आदि मिले, जो फर्जी मैसेज में इस्‍तेमाल किए गए।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की वेबसाइट पर हमें एक प्रेस नोट मिला। इसमें वायरल मैसेज को लेकर विस्‍तार से जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एनआईए के नाम से एक फेक मैसेज वायरल हो रहा है। इसका मकसद ही लोगों को गुमराह करना है। ऐसे मैसेज पर यकीन न करें। एनआईए की ओर से जारी प्रेस नोट को यहां पढ़ा जा सकता है।

जब विश्‍वास न्‍यूज ने एनआईए के ऑफिस से संपर्क किया तो वहां से हमें जानकारी देते हुए बताया गया कि एनआईए ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया है। यह फेक है। हां, इसमें दिए गए नंबर जांच एजेंसी के हैं। पिछली पड़ताल को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में फर्जी मैसेज को अपने अकाउंट से पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर जैंजय भारतीय नाम का यह अकाउंट रवि कुशवाहा के नाम से बना है। यूजर मध्‍य प्रदेश के दमोह का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि सिर तन से जुदा जैसे नारे को लेकर एनआईए की ओर से कोई मैसेज जारी नहीं किया गया है। वायरल मैसेज पूरी तरह फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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