Fact Check: न्यूयॉर्क टाइम्स ने पीएम मोदी पर नहीं लिखा है यह लेख , अखबार की फर्जी क्लिपिंग की जा रही है शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि न तो द न्यूयॉर्क टाइम्स ने वायरल लेख को प्रकाशित किया और न ही उनके मुख्य संपादक का नाम जोसेफ होप है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक अखबार की क्लिपिंग को तेज़ी से वायरल किया जा रहा है। वायरल अखबार की क्लिपिंग का शीर्षक है: “मोदी को न रोका तो भारत बहुत शक्तिशाली हो जाएगा।” लेख में आगे दावा किया गया है कि अमेरिका के जाने-माने अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुख्य संपादक जोसेफ होप ने पीएम मोदी को लेकर उपरोक्त टिप्पणी की है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि न तो द न्यूयॉर्क टाइम्स ने वायरल लेख को प्रकाशित किया और न ही उनके मुख्य  संपादक का नाम जोसेफ होप है। 

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर सुरेश लालवानी ने 8 जून को अखबार की क्लिपिंग क शेयर करते हुए लिखा है ,”सिर्फ न्यूयॉर्क टाइम्स के चीफ एडिटर जोसेफ होप को ही नहीं भारत लिब्रांडुओं, जिहादियों, और शेखुलरों को भी इसी बात का डर है कि मोदी को नहीं रोका तो भारत इतना शक्तिशाली हो जायेगा कि रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा।”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूज़र्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते – जुलते दावे के साथ शेयर किया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

विश्वास न्यूज ने एक साधारण गूगल सर्च से अपनी पड़ताल शुरू की। हमने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स पीएम मोदी आर्टिकल “, “भारतीय पीएम मोदी शक्तिशाली न्यूयॉर्क टाइम्स ’ जैसे कीवर्ड से खोज की। अगर न्यूयॉर्क टाइम्स में ऐसा कोई भी आर्टिकल प्रकाशित होता तो कहीं न कहीं इससे जुडी जानकारी ज़रूर होती पर हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। 

जाँच को आगे बढ़ाते हुए हमने न्यूयॉर्क टाइम्स के सर्च सेक्शन को खंगाला, जहां पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़े सभी लेख थे। पर हमें वह लेख नहीं मिला, जो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। 

इसके बाद हम न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट के Our People सेक्शन में पहुंचे। इस सेक्शन में न्यूयॉर्क टाइम्स से जुड़े सभी कर्मचारियों की फोटो और डिटेल्स होती हैं। वेबसाइट में कहीं भी हमें जोसेफ होप नाम का रिपोर्टर या संपादक नहीं मिला। हमने न्यूयॉर्क टाइम्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई पोस्ट वहां पर भी प्राप्त नहीं हुई। 

वायरल न्यूज़ पेपर क्लिपिंग के लिए हमने न्यूयॉर्क टाइम्स से मेल के जरिये संपर्क किया। न्यूयॉर्क टाइम्स के प्रवक्ता निकोल टेलर ने हमारी मेल का जवाब देते हुए बताया कि न्यूयॉर्क टाइम्स में ‘जॉन होप्स’ या ‘जोसेफ होप’ नाम से कोई व्यक्ति नहीं है। इस में दिखाया गया अखबार का लेख मनगढ़ंत और असत्य है। द न्यूयॉर्क टाइम्स में जोसेफ होप के नाम से कोई कर्मचारी नहीं है। उन्होंने बताया कि पहले भी ऐसे कई तरह के फर्जी दावों के साथ ऐसी खबरें वायरल हो चुकी है। 

विश्वास न्यूज़ पहले भी इस तरह से जुड़े कई दावों की जाँच की थी। आप हमारी पहले की जाँच को यहाँ पढ़ सकते हैं। 
 
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर को 16,812 लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि न तो द न्यूयॉर्क टाइम्स ने वायरल लेख को प्रकाशित किया और न ही उनके मुख्य संपादक का नाम जोसेफ होप है।

False
Symbols that define nature of fake news
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