Fact Check: नेपाल को फिर से हिंदू राष्‍ट्र घोषित करने का दावा फर्जी

नेपाल को वर्ष 2008 में धर्मनिरपेक्ष राज्‍य घोषित कर दिया था। इसके बाद से उसे फिर से हिंदू राष्‍ट्र घोषित करने की मांग हो रही है, लेकिन फिलहाल अभी ऐसा कोई एलान नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्‍ट फेक है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। नेपाल को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसे शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि नेपाल को फिर से हिंदू राष्‍ट्र घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही यूजर्स एक-दूसरे को बधाई भी दे रहे हैं।      

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल पोस्‍ट फेक है। नेपाल को फिर से हिंदू राष्‍ट्र बनाने की मांग चल रही है, लेकिन फिलहाल अभी तक ऐसा कोई एलान  नहीं हुआ है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

फेसबुक यूजर ‘भगवा रंग ही मेरी पहचान है‘ (आर्काइव लिंक) ने 12 मई को लिखा,

“नेपाल दोबारा हिन्‍दू राष्‍ट्र घोषित हुआ नेपाल वासियों को बहुत बहुत बधाई

जय श्री राम”

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे यह साबित हो सके कि नेपाल फिर से हिंदू राष्‍ट्र घोषित कर दिया गया है। अगर ऐसा कोई एलान  हुआ होता तो इस बारे कहीं न कहीं खबर जरूर मिलती।

द प्रिंट में 31 मार्च 2022 को इस बारे में पीटीआई के हवाले से खबर छपी है। इसके अनुसार, “नेपाल सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने नेपाल को एक हिंदू राष्‍ट्र घोषित करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि अगर बहुसंख्यक आबादी इसके पक्ष में है तो यह एक जनमत संग्रह के माध्यम से किया जा सकता है। पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रेम अले ने काठमांडू में विश्व हिंदू महासंघ की दो दिवसीय कार्यकारी परिषद की बैठक के उद्घाटन को संबोधित करते हुए कहा कि नेपाल को हिंदू राष्‍ट्र घोषित करने की मांग पर विचार किया जा सकता है और अगर ऐसी मांग आती है तो वह एक रचनात्मक भूमिका निभाएंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने देश को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया है। अगर अधिकांश आबादी हिंदू राष्‍ट्र के पक्ष में है तो जनमत संग्रह के माध्यम से नेपाल को हिंदू राष्‍ट्र घोषित क्यों नहीं किया जाता है? वर्ष 2006 में एक जन आंदोलन की सफलता के बाद 2008 में नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित कर दिया गया था। हिंदू धर्म नेपाल का सबसे बड़ा धर्म है।”

16 फरवरी 2023 को रिपब्लिक वर्ल्‍ड में छपी खबर के मुताबिक, “नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने नेपाल को एक हिंदू राष्‍ट्र के रूप में स्थापित करने के अभियान की शुरुआत की। नेपाली समाचार आउटलेट खबरहब के अनुसार, पूर्व सम्राट ने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (CPN-UML) के सदस्‍य दुर्गा परसाई के नेतृत्व में अभियान का समर्थन किया है।”

नेपाल आधारित काठमांडू पोस्‍ट में 22 अगस्‍त 2021 को छपी रिपोर्ट में लिखा है कि जनता के एक समूह ने हिंदू राष्‍ट्र की बहाली के लिए एक अभियान चलाया है। इस अभियान का नेतृत्व रूकमंगुड कटवाल कर रहे हैं, जिन्होंने 2006 से 2009 तक नेपाल की सेना का नेतृत्व किया था। इस अभियान का नाम ‘हिंदू राष्ट्र स्वाभिमान जागरण अभियान’ रखा गया है। इसमें यह भी लिखा है, “हालांकि, नेपाल आधिकारिक तौर पर 2015 में नए संविधान की घोषणा के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बन गया। 2008 में संविधान सभा की पहली बैठक ने राजशाही को इतिहास में बदल दिया गया था और घोषणा की थी कि नेपाल अब हिंदू राज्य नहीं है।”

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने काठमांडू के पत्रकार अनुज अरोड़ा से संपर्क कर उनको वायरल पोस्‍ट भेजी। उनका कहना है, “यह फेक है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।

फेक पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर ‘भगवा रंग ही मेरी पहचान है‘ की प्रोफाइल को हमने स्‍कैन किया। 2 मई 2020 को बने इस पेज के करीब 7300 फॉलोअर्स हैं। यह पेज एक विचाराधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: नेपाल को वर्ष 2008 में धर्मनिरपेक्ष राज्‍य घोषित कर दिया था। इसके बाद से उसे फिर से हिंदू राष्‍ट्र घोषित करने की मांग हो रही है, लेकिन फिलहाल अभी ऐसा कोई एलान नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्‍ट फेक है।

False
Symbols that define nature of fake news
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