Fact Check: नेल्लोर में लड़की को भगाए जाने और उसकी प्रतिक्रिया में 1800 लोगों को नौकरी से हटाये जाने की घटना झूठी है

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में नेल्लोर में लड़की को भगाए जाने और उसकी प्रतिक्रिया में 1800 लोगों को नौकरी से हटाये जाने की घटना झूठी साबित होती है। ऐसा कोई भी मामला नेल्लोर में पेश नहीं आया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)- सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ एक पोस्ट ज़बरदस्त वायरल हो रही है। पोस्ट में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के बारे में कहा जा रहा है कि एक मुस्लिम लड़का जैन लड़की को भगा ले गया और फिर जैन समाज के 550 दुकानदारों ने अपनी दुकानों में काम करने वाले 1800 मुस्लिमों को निकाल दिया तो मुस्लिम समाज वाले खुद उस लड़की को 9 घंटे के अन्दर घर छोड़ गए। इस कहानी को सोशल मीडिया पर जैन- मुस्लिम के तौर पर वायरल किया जा रहा है। कहानी की हकीकत का जब हमने पता किया तो हमारी पड़ताल में यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक साबित हुई। आंध्रा प्रदेश के नेल्लोर में ऐसा कोई भी मामला पेश नहीं आया है।

सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ एक पोस्ट ज़बरदस्त वायरल हो रही है। पोस्ट में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के बारे में कहा जा रहा है कि एक मुस्लिम लड़का जैन लड़की को भगा ले गया और फिर जैन समाज के 550 दुकानदारों ने अपनी दुकानों में काम करने वाले 1800 मुस्लिमों को निकाल दिया तो मुस्लिम समाज वाले खुद उस लड़की को 9 घंटे के अन्दर घर छोड़ गए। इस कहानी को सोशल मीडिया पर जैन- मुस्लिम के तौर पर वायरल किया जा रहा है। कहानी की हकीकत का जब हमने पता किया तो हमारी पड़ताल में यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक साबित हुई। आंध्रा प्रदेश के नेल्लोर में ऐसा कोई भी मामला पेश नहीं आया है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक पेज ‘The HINDU Nationalist Organization’ ने 22 दिसम्बर को एक ग्राफ़िक इमेज शेयर की जिस पर लिखा था, ”साउथ के नेल्लोर में एक मुस्लिम युवक एक जैन लड़की को फुसलाकर भगा ले गया, जैन समाज की बैठक हुई, बैठक में निर्णय लिया गया, 550 जैन दुकानों और फक्ट्रियों से मुस्लिमों को नोकरी से छुट्टी कर दी गयी . और समाज के लोगों ने जैन समाज को सपोर्ट दिया, शाम तक कुल 1800 मुस्लमान की नोकरिया चली गयीं, तो मुस्लिम समाज वाले उस लड़की को खुद ढूँढ कर सिर्फ 9 घंटे के अन्दर उसके घर सही सलामत छोड़कर आये, यह है एकता की ताक़त”।

इस पोस्ट का अर्काइव वर्जेन यहां देखें ।

इस पोस्ट को अब तक 251 यूजर शेयर कर चुके हैं।

इस पोस्ट को फेसबुक पर बहुत से फेसबुक यूजर शेयर कर रहे हैं।

फेसबुक पर शेयर की गयी पोस्ट

इंग्लिश में भी इस पोस्ट को शेयर किया जा रहा है।

हमने पाया कि ट्विटर पर भी इस फर्जी स्टोरी को सच बता कर शेयर किया जा रहा है।

ट्विटर पर शेयर की गयी पोस्ट

पड़ताल

हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत न्यूज़ सर्च से की। हर मुनासिब कीवर्ड डाल कर मामले को सर्च किया लेकिन हमारे हाथ कोई भी ऐसी खबर नहीं लगी।

अब हमने सीधे आँध्रप्रदेश नेल्लोर के पुलिस अधीक्षक भास्कर भूषण से राबता किया और उन्होंने ने हमें बताया कि, ”यह पोस्ट पिछले साल से वायरल हो रही है और यह पोस्ट पूरी तरह से फर्जी और काल्पनिक है इसका हकीकत से कोई भी लेना देना नहीं है। नेल्लोर में एसा कोई भी मामला पेशा नहीं आया है”। उन्होंने कहा की 28 दिसम्बर को नेल्लोर पुलिस की तरफ से नोटिस भी जारी किया गया है जिसमे वायरल की जा रही फर्जी पोस्ट को ख़ारिज किया गया है”। भास्कर भूषण ने हमारे साथ भी नोटिस शेयर किया।

अब बारी थी इस पोस्ट को फर्जी हवाले के साथ वायरल करने वाले फेसबुक पेज The HINDU Nationalist Organization की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि इस पेज को 14,669 लोग फॉलो करते हैं। इसके अलावा इस पेज से एक ख़ास आइडियोलॉजी वाली पोस्ट शेयर की जाती हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में नेल्लोर में लड़की को भगाए जाने और उसकी प्रतिक्रिया में 1800 लोगों को नौकरी से हटाये जाने की घटना झूठी साबित होती है। ऐसा कोई भी मामला नेल्लोर में पेश नहीं आया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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