विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि नेल्लोर के नाम से यह मनगढ़ंत कहानी वर्षों से वायरल की जा रही है। इन तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भी फर्जी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर शादी की दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। पहली तस्वीर में मुस्लिम शादी के जोड़े में दूल्हा-दुल्हन को देखा जा सकता है। वहीं, दूसरी फोटो हिन्दू रीति-रिवाज से हो रही शादी की फोटो है। अब इसी को सोशल मीडिया यूजर शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि एक मुस्लिम लड़का जैन लड़की को भगा ले गया और फिर जैन समाज के 550 दुकानदारों ने अपनी दुकानों में काम करने वाले 1800 मुसलमानों को निकाल दिया तो मुस्लिम समाज के लोग खुद उस लड़की को 9 घंटे के अंदर घर छोड़ गए। विश्वास न्यूज़ इस फर्जी दावे की इससे पहले भी पड़ताल कर चुका है। हालांकि, उस समय इन तस्वीरों को साथ में वायरल नहीं किया जा रहा था। हमने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि यह कहानी मनगढ़ंत है और इन तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भी फर्जी है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘दक्षिण भारत में नेल्लोर में एक मूलसिम युवक एक जैन लड़की को फुसलाकर भगा ले गया सुबह यह वाकया पता लगा और फिर दोपहर को जैन समाज की बैठक हुई, बैठक में बहुत ही गंभीर निर्णय लिया गया, 550 जैन दुकानों और फैक्टरीयों से मुलसिमो को बोल दिया गया कि तुम्हारी अभी से ही इस नौकरी से छुट्टी है ! आपको आज ही से आने की कोई जरूरत नहीं, आप लोग कोई और काम देख लो थोड़ी देर बाद समाज के और लोगों ने एक के बाद एक जैन समाज को सहयोग व समर्थन दिया, शाम तक कुल 1800 मुलिसमनो की नौकरियों पे नोबत आ गई, तो वो मुस्लिम समाज वाले उस लड़की को खुद ढ़ूंढ़कर सिर्फ 9 घण्टे के अंदर उसके घर सही सलामत छोड़कर आये, और अपने मूलसिम लड़कों को सख्त हिदायत भी दी – कि गलती से भी इस इलाके के जैन और हिन्दू समाज की लड़की की तरफ ना देखें….भाइयों! ये होती है एकता की ताकत…वहाँ भी कुछ थर्ड क्लास तथाकथित गांधीवादी, दयालु-कृपालु, बददिमाग सेक्युलर डरपोक उधर मुफ्त की सलाह दे रहे थे, कि भाई इन लोगों से झगड़ा मोल नहीन लेने का, गलती सिर्फ एक मुलसमान ने की है, सबको नौकरी से मत निकालो, ये तो सब निर्दोष हैं!! खैर ये अलग बात है, उस जगह के जैन लोगों ने धूर्त सेक्युलरों की एक नहीं सुनी, और अपने निर्णय पर अटल रहे..अभी भी वक्त है, वहशी-पैशाचिक समाज सुधरता है, बस आवश्यकता है एकजुटता दिखाने की, तरीके से निपटने की. जय श्री राम।’
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देख सकते हैं।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। सर्च में हमें यह तस्वीरें बहुत-सी विश्वसनीय न्यूज़ वेबसाइट पर मिली। 2017 में अंकिता और फैज़ान की शादी तब सुर्खियां बनी, जब दोनों ने अलग-अलग मज़हब से होते हुए 4 तरीकों से शादी की।
स्कूपह्वूप की वेबसाइट पर भी हमें वायरल हो रही दोनों तस्वीरें मिलीं, 27 मार्च 2017 को शेयर हुई खबर के मुताबिक, ‘अंकिता अग्रवाल और फैज़ रहमान ने हिन्दू-मुस्लिम दोनों के रीति-रिवाजों से अपनों की मौजूदगी में शादी की। पूरी खबर यहाँ देख सकते हैं। इस खबर में हमें अंकिता के ब्लॉग का भी लिंक मिला, जिसको यहाँ पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ ने इस फर्जी दावे की इससे पहले भी पड़ताल की है। जनवरी 2020 में हमने इस दावे की पुष्टि के लिए नेल्लोर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक भास्कर भूषण से संपर्क किया था और उन्होंने हमारे साथ नेल्लोर पुलिस की तरफ से जारी किया गया नोटिस भी शेयर किया था, जिसमें वायरल की जा रही फर्जी पोस्ट का खंडन किया गया है। नोटिस नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ ने नेल्लोर के नए पुलिस अधीक्षक विजया राव से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि यह खबर बहुत वर्षों से सोशल मीडिया पर वायरल है। हालांकि, यह मनगढ़ंत कहानी है, ऐसा कोई मामला नेल्लोर में नहीं हुआ है।
फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में पाया कि यूजर ‘कवि सौरभ जैन भयंकर’ को 3,186 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि नेल्लोर के नाम से यह मनगढ़ंत कहानी वर्षों से वायरल की जा रही है। इन तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भी फर्जी है।
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