Fact Check: युवक-युवती की शादी की पुरानी तस्वीरें फिर से नेल्लोर के फर्जी और भड़काऊ दावे से वायरल

करीब आठ साल पहले युवक-युवती ने चार बार अलग-अलग तरीकों से शादी की थी। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर नेल्लोर के नाम से फर्जी और भड़काऊ दावा किया जा रहा है। नेल्लोर के पुलिस अधिकारी इस पोस्ट को फेक बता चुके हैं।

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह और हिंदू धर्म के अनुसार, शादी की दो तस्वीरों का कोलाज शेयर कर रहे हैं। इस कोलाज को शेयर कर यूजर्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि नेल्लोर में एक मुस्लिम युवक जैन युवती को भगा ले गया। इसके बाद लोगों ने मुस्लिमों का बहिष्कार कर दिया, जिससे युवती को घरवापस भेज दिया गया। इस पोस्ट को शेयर कर एक समुदाय पर निशाना साधा जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरों को शेयर कर नेल्लोर की फर्जी कहानी गढ़ी गई है। इसको एक समुदाय के खिलाफ दुष्‍प्रचार के उद्देश्य से वायरल किया जा रहा है। नेल्लोर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

क्या है वायरल पोस्ट

ब्लू टिक वाले एक्स यूजर ‘भगवा क्रांति‘ (आर्काइव लिंक) ने 28 अक्टूबर को कोलाज शेयर कर लिखा,

दक्षिण भारत में नेल्लोर में एक मुस्लिम युवक एक जैन लड़की को फुसलाकर भगा ले गया
सुबह यह वाकया पता लगा और फिर दोपहर को जैन समाज की बैठक हुई, बैठक में बहुत ही गंभीर निर्णय लिया गया,
550 जैन दुकानों और फैक्टरीयों से मुस्लिमों को बोल दिया गया कि तुम्हारी अभी से ही इस नौकरी से छुट्टी है !
आपको आज ही से आने की कोई जरूरत नहीं, आप लोग कोई और काम देख लो!
थोड़ी देर बाद समाज के और लोगों ने एक के बाद एक जैन समाज को सहयोग व समर्थन दिया, शाम तक कुल 1800 मुसलमानों की नौकरियों पे नोबत आ गई,
तो वो मुस्लिम समाज वाले उस लड़की को खुद ढ़ूंढ़कर सिर्फ 9 घण्टे के अंदर उसके घर सही सलामत छोड़कर आये,
और अपने मुस्लिम लड़कों को सख्त हिदायत भी दी – कि गलती से भी इस इलाके के जैन और हिन्दू समाज की लड़की की तरफ ना देखें….
भाइयों! ये होती है एकता की ताकत…
वहाँ भी कुछ थर्ड क्लास तथाकथित गांधीवादी, दयालु-कृपालु, बददिमाग सेक्युलर डरपोक उधर मुफ्त की सलाह दे रहे थे, कि भाई इन लोगों से झगड़ा मोल नहीन लेने का, गलती सिर्फ एक मुसलमान ने की है, सबको नौकरी से मत निकालो, ये तो सब निर्दोष हैं!!
खैर ये अलग बात है, उस जगह के जैन लोगों ने धूर्त सेक्युलरों की एक नहीं सुनी, और अपने निर्णय पर अटल रहे..
अभी भी वक्त है, वहशी-पैशाचिक समाज सुधरता है, बस आवश्यकता है एकजुटता दिखाने की, तरीके से निपटने की.

https://twitter.com/bhagwakrantee/status/1718314254884028488

फेसबुक यूजर ‘विनोद नागर‘ ने भी कोलाज को समान दावे के साथ पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले तस्वीरों को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। 12 मई 2017 को साक्षी डॉट कॉम वेबसाइट पर इस बारे में खबर छपी है। इसमें वायरल तस्वीरों के अलावा अन्य फोटो को भी देखा जा सकता है। खबर में लिखा है, “फैज रहमान और अंकिता अग्रवाल का मानना है कि प्यार का कोई धर्म नहीं होता। कॉलेज के दिनों में दोनों में प्यार हुआ और बाद में शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों अलग-अलग धर्म से संबंध रखते थे, तो उनके परिजन शादी के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद भी दोनों ने अपने बड़ों की सहमति से शादी करने का फैसला लिया। उन्होंने अपने माता-पिता को राजी करने के लिए चार तरीके से शादी की है। अंकिता के परिजन चिंतित थे कि रहमान उनकी बेटी को छोड़ देगा। इसके लिए रहमान ने चार बार अंकिता से शादी की। उन्होंने सबसे पहले महालक्ष्मी मंदिर में सादे तरीके से एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर शादी की। इसके बाद स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की। फिर उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से शादी की और चौथी बार मुस्लिम धर्म के अनुसार निकाह किया।”

एनडीटीवी की वेबसाइट पर भी 28 मार्च 2017 को इस बारे में खबर छपी है। इसमें भी फोटो अपलोड हैं। खबर के अनुसार, “अंकिता अग्रवाल और फैज रहमान आईआईएम में एमबीए की पढ़ाई के दौरान एक-दूसरे से मिले। अंकिता के परिवार ने शुरू में इस रिश्ते को अस्वीकार कर दिया था। अंकिता का परिवार इस बात से चिंतित था कि इस्लाम पुरुषों को चार शादियां करने की इजाजत देता है। उनके सारे संदेह दूर करने के लिए फैज़ ने अंकिता से चार बार शादी करने का फैसला किया। उनकी पहली शादी 17 फरवरी 2015 को मुंबई के एक राम मंदिर में एक सादे समारोह में हुई थी। इसके बाद स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोर्ट मैरिज की गई। इसके तहत मुस्लिम पुरुष चार बार शादी नहीं कर सकते हैं। फिर उन्होंने गोवा में एक पारंपरिक मुस्लिम निकाह और एक हिंदू समारोह के साथ एक शादी करने का फैसला किया।”

इससे साफ होता है कि दोनों तस्वीरें काफी पुरानी हैं और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर से संबंधित नहीं हैं। इसके बाद हमने नेल्लोर में इस तरह की किसी घटना के बारे में सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे घटना की पुष्टि हो सके।

नेल्लोर पुलिस के नाम से बने फेसबुक पेज पर 28 दिसंबर 2019 को इस बारे में एक नोटिस पोस्ट किया गया है। इसमें लिखा है कि यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी है। नेल्लोर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। यह फर्जी संदेश दो समुदायों में नफरत फैलाने के उद्देश्य से वायरल किया जा रहा है। ऐसे फेक मैसेज को शेयर करने वालों पर कार्रवाई होगी।

इससे पहले जब यह मैसैज वायरल हुआ था, तब विश्‍वास न्‍यूज ने नेल्लोर के तत्कालीन एसपी विजया राव से बात की थी। उन्होंने कहा था, “यह पोस्ट कई साल से सोशल मीडिया पर वायरल होती रही है। यह एक मनगढ़ंत कहानी है। नेल्लोर में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।

अंत में हमने गलत पोस्ट करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के 44 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: करीब आठ साल पहले युवक-युवती ने चार बार अलग-अलग तरीकों से शादी की थी। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर नेल्लोर के नाम से फर्जी और भड़काऊ दावा किया जा रहा है। नेल्लोर के पुलिस अधिकारी इस पोस्ट को फेक बता चुके हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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