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Fact Check: NDTV ने श्रीलंका को लेकर नहीं छापी ये खबर, फर्जी स्क्रीनशॉट हुआ वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में एनडीटीवी को लेकर वायरल स्क्रीनशॉट फर्जी निकला। एनडीटीवी का वायरल स्क्रीनशॉट एडिटेड है, जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एनडीटीवी का एक स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया जा रहा है, “श्रीलंका के पूर्व पीएम ने द हिंदू के पत्रकारों को Liberation Tigers of Tamil Eelam के बारे में फेक न्यूज फैलाने के लिए फंड दिए थे।” विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल स्क्रीनशॉट फर्जी निकला। एनडीटीवी का वायरल स्क्रीनशॉट एडिटेड है, जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Praveen Jay ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है, “काफी अच्छा खेला।” पोस्ट आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। इसके बाद हमने एनडीटीवी की वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगालना शुरू किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली रिपोर्ट एनडीटीवी की वेबसाइट पर 12 मई 2022 को प्रकाशित मिली। असली रिपोर्ट में लिखा हुआ है, “श्रीलंका कोर्ट ने पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे के देश छोड़ने पर लगाया प्रतिबंध।” जिसे एडिट कर बदल दिया गया है। असली खबर की तुलना जब हमने वायरल स्क्रीनशॉट से की तो पाया कि NDTV एक अलग शीर्षक शैली को फॉलो करता है। एनडीटीवी शीर्षक के हर शब्द के पहले अक्षर को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, जबकि वायरल स्क्रीनशॉट इसके बिल्कुल विपरीत है। साथ ही वायरल स्क्रीनशॉट के शीर्षक में व्याकरण से जुड़ी कई गलतियां भी हैं।

सर्च के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट NDTV ग्रुप की अध्यक्ष सुपर्णा सिंह के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 15 मई 2022 को पोस्ट मिला। सुपर्णा ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए इसे फेक बताया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने एनडीटीवी के एक पत्रकार पीयूष कुमार से संपर्क किया। हमने वायरल स्क्रीनशॉट को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। यह स्क्रीनशॉट एडिटेड है।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर के फेसबुक पर दो हजार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं। सैम श्रीलंका के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में एनडीटीवी को लेकर वायरल स्क्रीनशॉट फर्जी निकला। एनडीटीवी का वायरल स्क्रीनशॉट एडिटेड है, जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

  • Claim Review : Ex-PM Mahinda Rajapaksa, funds The Hindu reporter to create fake news about LTTE resurgence.
  • Claimed By : Praveen Jay
  • Fact Check : झूठ
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