Fact Check: पश्चिम बंगाल के नवपाड़ामहिषासुर रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

वर्ष 2019 में एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान नवपाड़ामहिषासुर रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की गई थी। उस समय के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 1.49 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कई युवक रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ करते देखे जा सकते हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के महिषासुर रेलवे स्टेशन का है। वहां ट्रेन की सीटी से नमाज में बाधा पड़ने पर यह तोड़फोड़ की गई है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो 2019 का है। एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान स्टेशन पर तोड़फोड़ की गई थी। इसका हाल-फिलहाल से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Hari Singh Badal (आर्काइव) ने 28 अप्रैल को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
देखिये किस तरह अपने पूर्वज के नाम का रेलवे स्टेशन उसके वंशज ही ध्वस्त कर रहे है…..
मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल में महिषासुर रेलवे स्टेशन को यह कहते हुए नष्ट किया जा रहा है कि ट्रेन की सीटी की आवाज उनकी नमाज में बाधा डाल रही है……..

संख्या इनकी ऐसे ही बढ़ती रही तो एक दिन ये पूरे देश में ट्रेन ही बन्द करवानी के लिए उसकी पटरियां उजाड़ देंगे, सारे रेलवे स्टेशन तोड़फोड़ डालेंगे आग लगा देंगे क्योंकि उसकी सीटी से इनका नमाज डिस्टर्ब हो रहा होगा……

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसे ध्यान से देखा। इसमें रेलवे स्टेशन का नाम नवपाड़ा महिषासुर (Noapara Mahishasur) लिखा हुआ है। इसके बारे में सर्च करने पर पता चला कि यह रेलवे स्टेशन पूर्वी रेलवे जोन के मालदा डिवीजन में आता है। यह वेस्ट बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में है।

InVID टूल से वीडियो के कीफ्रेम्स निकालकर उनको गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया गया, लेकन कोई खास जानकारी नहीं मिली। इसके बाद फेसबुक पर कीवर्ड से इसकी छानबीन की। इसमें हमें यूजर Riya Dey और बिट्टू पराशर की प्रोफाइल पर तोड़फोड़ का वीडियो दिखा। इसे दोनों ही प्रोफाइल पर 15 दिसंबर 2019 को अपलोड किया गया है। वीडियो में दिख रहा एक युवक वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है। दोनों ही वीडियो की लोकेशन भी एक-सी दिखती है।

इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने मुर्शिदाबाद जिले के स्थानीय पत्रकार आनंद साहा से बात की। उनका कहना है, ‘वायरल वीडियो 2019 में किए गए एंटी सीएए प्रोटेस्ट का है। उस समय नवपाड़ा महिषासुर समेत कई अन्य रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की गई थी। इसका हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने हमें एक वीडियो भी भेजा, जिसमें वहां के पैसेंजर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री अवनी कुमार का बयान है। वह कह रहे हैं कि यह पुराना वीडियो है, जो अब वायरल किया जा रहा है।

वीडियो को भ्रामक दावे से शेयर करने वाले यूजर Hari Singh Badal की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह गोंडा में रहते हैं और एक विचारधारा से प्रेरित हैं।

निष्कर्ष: वर्ष 2019 में एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान नवपाड़ामहिषासुर रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की गई थी। उस समय के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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