Fact Check: मस्जिद या मजार नहीं, बल्कि मंदिर में खुदाई के दौरान मिली थी भगवान नंदी की मूर्ति

सितंबर 2021 में तमिलनाडु के नमक्कल जिले में​ स्थित मंदिर की खुदाई के दौरान भगवान नंदी की बड़ी मूर्ति निकली थी। इस फोटो में दिख रहा सफेद स्ट्रक्चर मस्जिद या मजार नहीं, बल्कि मंदिर है। यहां पहले भी भगवान गणेश और नंदी की मूर्ति मिल चुकी हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक फोटो काफी वायरल हो रही है। इसमें एक सफेद कमरानुमा स्ट्रक्चर और उसके पास मिट्टी में दबी भगवान नंदी की मूर्ति दिख रही है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इस मस्जिद या मजार की खुदाई में भगवान नंदी की मूर्ति निकली है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। तमिलनाडु में भगवान नंदी की मूर्ति मस्जिद या मजार नहीं, बल्कि मंदिर की खुदाई में निकली थी। मामला सितंबर 2021 का है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक पेज Murlidhar Rao Fan’s Club पर 21 अप्रैल को फोटो पोस्ट करते हुए लिखा गया,

हर मस्जिद -मजार की यही कहानी है…
नीचे दबी हिंदुत्व की ही निशानी है…
हर हर महादेव

फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस फोटो को मिलते—जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल फोटो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले फोटो को ध्यान से देखा। इसमें हरे रंग की ​ग्रिल के अंदर भगवान नंदी या शेर के जैसी दो मूर्तियां दिख रही हैं। साथ ही दो मूर्तियां और दिख रही हैं। मतलब यह मस्जिद या मजार तो नहीं है।

फिर गूगल रिवर्स इमेज से इसे सर्च किया। इसमें हमें ट्विटर हैंडल @LostTemple7 पर यह फोटो मिल गई। इसको 4 सितंबर 2021 को ट्वीट किया गया है। इसमें लिखा है, Namakkal District Mohanur Ariyur Arulmigu Cellandiamman Temple yesterday while extending the compound wall they digged the ground they found a big Nandhi murti (नमक्कल जिले में कल मंदिर की खुदाई के दौरान भगवान नंदी की मूर्ति निकली।)

ट्विटर यूजर @dinamalarweb ने भी 2 सितंबर 2021 को भगवान नंदी की मूर्ति वाली फोटो ट्वीट करते हुए लिखा कि 1000 साल पुरानी भगवान नंदी की मूर्ति मिली।

temple.dinamalar में 2 सितंबर 2021 को छपी खबर के मुताबिक, मोहनुर में मंदिर के पुनर्निर्माण के दौरान करीब 1000 साल पुरानी भगवान नंदी की मूर्ति मिली। नमक्कल जिले में स्थित पांडवेश्वरर मंदिर को करीब 1000 साल पहले बनाया गया था। सेलंदियाम्मन मंदिर के पास पुनर्निर्माण का काम चल रहा था। इस दौरान वहां से भगवान नंदी की प्राचीन मूर्ति मिली। इस बारे में मंदिर प्रबंधन ने संबंधित विभाग को जानकारी दे दी है। डॉ. चंद्रन ने कहा कि इस मंदिर को पांड्यन राजा ने बनवाया था, इस वजह से इसे पांडवेश्वरर कहा जाता है। करीब 40 साल पहले मंदिर परिसर में भगवान गणेश और नंदी की मूर्तियां मिली थीं।

5 सितंबर 2021 को puthiyathalaimurai वेबसाइट पर पब्लिश वीडियो स्टोरी में भी इसे देखा जा सकता है। इसके मुताबिक, मंदिर के पुनर्निर्माण कार्य के दौरान भगवान नंदी की प्राचीन मूर्ति मिली है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे को इसकी छानबीन के निर्देश दिए हैं।

इस बारे में हमने तमिलनाडु के पत्रकार सबरी से संपर्क किया। उनको वॉट्सऐप पर वायरल पोस्ट शेयर की गई। उनका कहना है, वायरल तस्वीर का मस्जिद-मजार से कोई संबंध नहीं है। यहां भगवान शिव का मंदिर है। फोटो भी पिछले साल की है।

यह फोटो पहले भी इसी तरह के दावे के साथ वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज ने तब इसकी पड़ताल की थी। पूरी रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक पेज Murlidhar Rao Fan’s Club की हमने स्कैनिंग की। 14 दिसंबर 2019 को बना यह पेज एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं। इसे 1 लाख 3 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: सितंबर 2021 में तमिलनाडु के नमक्कल जिले में​ स्थित मंदिर की खुदाई के दौरान भगवान नंदी की बड़ी मूर्ति निकली थी। इस फोटो में दिख रहा सफेद स्ट्रक्चर मस्जिद या मजार नहीं, बल्कि मंदिर है। यहां पहले भी भगवान गणेश और नंदी की मूर्ति मिल चुकी हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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