Fact Check: महिला को सड़क पर गोली मारने का वीडियो म्यांमार का है, इसका मणिपुर से कोई संबंध नहीं है

म्यांमार में महिला को बीच सड़क पर गोली मारने के पुराने वीडियो को मणिपुर हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को बीच सड़क पर एक महिला को बुरी तरह पीटने के बाद गोली मारते हुए दिखाया गया है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को मणिपुर हिंसा से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो म्यांमार का है। इसका मणिपुर से कोई संबंध नहीं है। दिसंबर 2022 में यह वीडियो सामने आया था, जिसके बाद म्यांमार की सरकार ने इस पर कार्रवाई करने की बात कही थी।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर @DeeptiSinghBsp (आर्काइव लिंक) ने 12 जून को वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,

सुप्रीम कोर्ट मणिपुर संघर्ष का सबूत चाहता है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप इस वीडियो को 48 घंटे के भीतर वायरल कर दें, कृपया इसे सभी के साथ साझा करें। भारत बुद्ध की धरती है हम अहिंसा में विश्वास करते है हिंसा करने वालों के सख्त खिलाफ है।

फेसबुक यूजर Adv Dinesh Sharma (आर्काइव लिंक) ने भी इसी घटना का एक और वीडियो पोस्ट करते हुए समान दावा किया।

पड़ताल

वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने इसका कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इलेवन म्यांमार नाम की वेबसाइट पर 3 दिसंबर 2022 को छपी खबर में इस कीफ्रेम का इस्तेमाल किया गया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिखाया गया है कि एक महिला की सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। इस घटना की सटीक जगह पता नहीं है, लेकिन मामला तमु का बताया जा रहा है। इसके पीछे पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (पीडीएफ) का हाथ बताया जा रहा है।

आरएफए नाम के पोर्टल पर भी 4 दिसंबर को इस बारे में खबर छपी है। इसमें लिखा है, “एनयूजी के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार तमु शहर में एक महिला की स्थानीय डिफेंस फोर्सज द्वारा सड़क पर की गई हत्या के मामले को बर्दाश्त नहीं करेगी। रक्षा मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है। वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे।”

म्यांमार नाउ की वेबसाइट पर छपी खबर में भी लिखा है कि म्यांमार की सरकार ने इस मामले में जांच बैठा दी है। खबर के अनुसार, मामला जून 2022 का है।

इससे पहले भी यह वीडियो मणिपुर का बताकर वायरल किया जा चुका है। विश्वास न्यूज ने उस समय द फ्रंटियर के लिए मणिपुर हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार पॉजेल चाओबा से संपर्क किया था। उन्होंने वीडियो को म्यांमार का बताया था।

8 जून को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एजेंसी के हवाले से छपी खबर के अनुसार, राज्य के जिरीबाम में एक व्यक्ति की हत्या के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी है। मई 2023 में शुरू हुई हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

11 मार्च को दैनिक जागरण की ही वेबसाइट पर एजेंसी के हवाले से छपी खबर में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार, एनआईए और सीबीआई से कहा है कि वे हिंसा के मामलों में दायर आरोपपत्रों और जांच की स्थिति की रिपोर्ट पेश करें।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक राजनीतिक दल से जुड़ी यूजर के नौ हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: म्यांमार में महिला को बीच सड़क पर गोली मारने के पुराने वीडियो को मणिपुर हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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