Fact Check: म्यांमार की नेता आंग सान सू ची की पुरानी तस्वीर गलत दावे से हो रही वायरल

आंग सान सू ची की इस वायरल तस्वीर का म्यांमार में हुए हालिया सैन्य तख्तापलट से कोई लेना-देना नहीं है। सू ची की तस्वीर गलत दावे से वायरल हो रही है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। पिछले दिनों म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद इससे जुड़ी तमाम पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। ऐसी ही कुछ पोस्टों में म्यांमार की अपदस्थ स्टेट काउंसल आंग सान सू ची की तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया जा रहा है। इस तस्वीर को हाल का बता दावा किया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद सू ची रो रही हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। आंग सान सू ची की 2017 की तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी आंग सान सू ची से जुड़ा ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यही दावा ट्विटर पर भी मिला। اسامہ خان مروت नाम के ट्विटर यूजर ने इस दावे को शेयर करते हुए लिखा है कि म्यांमार सेना ने आंग सान सू ची को गिरफ्तार कर लिया है और वह रो रही हैं। इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले म्यांमार के हालिया तख्तापलट को लेकर इंटरनेट पर जानकारी जुटाई। हमें न्यूज एजेंसी यूएनआई की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि म्यांमार की सेना ने आंग सान सू ची से बात करने के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि पिछले हफ्ते (एक फरवरी 2021) म्यांमार की सेना ने आंग सान सू ची की पार्टी पर चुनावी धांधली का आरोप लगाते हुए तख्तापलट किया और एक साल के लिए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी तरह बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आंग सान सू ची को घर में नजरबंद कर दिया गया है।

अबतक की जानकारी से ये साफ हो चुका था कि म्यांमार में सेना ने तख्तापलट किया है और आंग सान सू ची को हिरासत में लिया। विश्वास न्यूज ने इस जानकारी को जुटाने के बाद वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। इंटरनेट पर इस तस्वीर से जुड़े ढेरों परिणाम मिले। हमें एनबीसी न्यूज की वेबसाइट पर 5 सितंबर 2017 को प्रकाशित एक लेख मिला। ये लेख म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर आधारित है। 3 साल से अधिक समय पुराने इस लेख में भी आंग सान सू ची की वायरल तस्वीर का इस्तेमाल है। इस आर्टिकल में सू ची की इस तस्वीर के लिए एएफपी/Getty Images को क्रेडिट दिया गया है।

अबतक की पड़ताल से यह साफ हो चुका था कि आंग सान सू ची की यह तस्वीर हाल-फिलहाल की तो नहीं ही है। नई जानकारी के आधार पर विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर के बारे में इंटरनेट पर और पड़ताल की। हमें वायरल तस्वीर Getty Images की साइट पर भी मिली। इस तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में इसे 17 अगस्त 2017 का बताया गया है। इसके मुताबिक, जब आंग सान सू ची नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) के पूर्व चेयरमैन Aung Shwe के अंतिम संस्कार से लौट रही थीं, ये तस्वीर तभी की है। इसमें भी फोटो क्रेटिड न्यूज एजेंसी एएफपी को दिया गया है।

विश्वास न्यूज ने इस दावे की पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए मशहूर अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी AFP के मुंबई बेस्ड फोटो जर्नलिस्ट इंद्रनील मुखर्जी से संपर्क किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि ये 2017 की पुरानी तस्वीर है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को ट्वीट करने वाले यूजर اسامہ خان مروت की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल अप्रैल 2016 को बनाई गई है और फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 96 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: आंग सान सू ची की इस वायरल तस्वीर का म्यांमार में हुए हालिया सैन्य तख्तापलट से कोई लेना-देना नहीं है। सू ची की तस्वीर गलत दावे से वायरल हो रही है।

False
Symbols that define nature of fake news
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