Fact Check: आगरा में मस्जिद में महिला की हत्या गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल, भ्रामक पोस्ट पर केस दर्ज

आगरा में एक मस्जिद में हुई महिला की हत्या को गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। महिला मुस्लिम थी। भ्रामक पोस्ट करने पर एक यूजर के खिलाफ आगरा पुलिस ने केस भी दर्ज किया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सोशल मीडिया पर हत्या की वारदात की एक तस्वीर वायरल हो रही है। कुछ यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि मस्जिद में एक हिंदू महिला की हत्या की गई। इसके बाद मौलवी फरार है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि मामला आगरा में एक मस्जिद में हुई हत्या का है, जिसे गलत सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। मस्जिद में जिस महिला की हत्या हुई है, वह मुस्लिम थी। पुलिस ने इस तरह की भ्रामक पोस्ट करने पर एक यूजर के खिलाफ केस भी दर्ज किया है।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर Chandan Sharma (आर्काइव लिंक) ने 28 मई को तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा,

“ईमान वालो मस्जिद में बेटी की अधनंगी मौत पर कुछ बोलेंगे?
मस्जिद में हिंदु बेटी की अर्धनग्न अवस्था में लाश मिली है, मौलवी फरार है।
अगर यही लाश किसी मंदिर में मिलता तो अभी तक पूरा इस्लाम खतरे में आ जाता, 57 इस्लामी मुल्के एक हो जाती लेकिन मुझे मालूम है, कोई इस पर नहीं बोलेगा, हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी”

फेसबुक यूजर ‘कट्टर हिन्दू‘ (आर्काइव लिंक) ने 28 मई को इसी तस्वीर को शेयर कर समान दावा किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 22 मई को छपी खबर के मुताबिक, मामला आगरा की लकड़हारा मस्जिद का है। वहां 19 मई की दोपहर को एक अर्धनग्न महिला का शव मिला था। उसकी पत्थर से सिर कुचलकर हत्या की गई थी। उसके पर्स में आमिर खान नाम के युवक की आईडी मिली थी, जिसके जरिए पुलिस महिला की पहचान कर पाई। पुलिस ने इस मामले में एक संदिग्ध को पकड़ा है, जो आगरा कॉलेज का छात्र बताया जा रहा है।

19 मई को आगरा पुलिस कमिश्‍नरेट के एक्स हैंडल पर डीसीपी सिटी सूरज राय की वीडियो बयान पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया गया है। इसमें वह कह रहे हैं कि 19 मई को पुलिस को थाना ताजगंज क्षेत्र में मस्जिद में महिला का शव मिलने की सूचना मिली थी। यह हत्या का मामला लग रहा है। इसकी जांच की जा रही है।

आगरा पुलिस के एक्स हैंडल से सांप्रदायिक दावा करने वाली ऐसी ही एक पोस्ट का जवाब (आर्काइव लिंक) दिया गया है। इसमें कहा गया है कि महिला मुस्लिम थी। उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। इसकी जांच के लिए चार टीमों का गठन किया गया है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस ने भ्रामक पोस्ट नहीं करने की सलाह भी दी। भ्रामक पोस्ट करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

इस बारे में आगरा के ताजगंज थाने के प्रभारी राजकुमार से हमने संपर्क किया। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द ही इसका खुलासा कर दिया जाएगा। महिला मुस्लिम थी। उससे दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर इस तरह की भ्रामक पोस्ट डालने वाले यूजर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

इस मामले को कवर करने वाले आगरा दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर अली अब्बास ने कहा कि मस्जिद में जिस महिला की हत्या हुई है, वह मुस्लिम थी।

तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के करीब 56 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: आगरा में एक मस्जिद में हुई महिला की हत्या को गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। महिला मुस्लिम थी। भ्रामक पोस्ट करने पर एक यूजर के खिलाफ आगरा पुलिस ने केस भी दर्ज किया है।

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