Fact Check: मुनव्वर फारूकी की सीएए विरोध प्रदर्शन की 4 साल पुरानी तस्वीर हालिया बताकर की जा रही वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मुनव्वर फारूकी  की सीएए को लेकर वायरल तस्वीर हाल- फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2019 की है। करीब 4 साल पहले  मुनव्वर फारूकी मुंबई के आजाद मैदान में सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यह तस्वीर उसी दौरान की है।

Fact Check: मुनव्वर फारूकी की सीएए विरोध प्रदर्शन की 4 साल पुरानी तस्वीर हालिया बताकर की जा रही वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू कर दिया है और कई राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी  की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में वो एक बोर्ड लेकर खड़े हैं, जिस पर लिखा हुआ है कि मैं गुजरात से हूं और मेरे डॉक्युमेंट साल 2002 में जल गए। इस फोटो को सोशल मीडिया यूजर्स हालिया सीएए प्रदर्शन से जोड़ते हुए शेयर कर रहे हैं।  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मुनव्वर फारूकी  की वायरल तस्वीर हाल- फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2019 की है। करीब चार साल पहले  मुनव्वर फारूकी मुंबई के आजाद मैदान में सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यह तस्वीर उसी दौरान की है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर राजीव चौबे ने 14 मार्च 2024 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “यह मुनव्वर फारूकी है जो अपने आप को स्टैंड अप कॉमेडियन बताता है…हिंदू देवी देवताओं और हिंदुओं का उपहास करना इसका प्रिय कार्य है… मैं सेकुलरिज्म तब तक निभा सकता हूं जब तक मेरी आस्थाओं पर चोट ना पहुंचा जाए..जो संस्थान और जो संगठन इसके कार्यक्रम आयोजित करवाते हैं सरकार को उनसे पूछना चाहिए कि वह इसके कागज देखे बिना, पहचान सुनिश्चित किए बिना इसे बुला कैसे लेते हैं और होटल में रुकने कैसे देते हैं…क्योंकि इसके कागज तो 2002 के दंगों में जल गए थे।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

एक अन्य फेसबुक यूजर विपुल कुकड़िया ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “इनके कागज जल गए थे पर कहा वो नही बताया …2002 साबरमती एक्सप्रेस के S 6 डिब्बे में जल गए थे ?”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) सोनू सबा नामक एक फेसबुक यूजर के अकाउंट पर 27 दिसंबर 2019 को शेयर हुई मिली। 

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस तस्वीर (आर्काइव लिंक) को साल 2019 में शेयर किया हुआ है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल तस्वीर सहित कई अन्य तस्वीरें ड्रीमटाइम नामक एक स्टॉक वेबसाइट (आर्काइव लिंक) पर मिली। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल तस्वीर 27 दिसंबर 2019 को ली गई है। सीएए को लेकर मुंबई की आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी  एक टेम्प्लेट लेकर पहुंचे थे।

अधिक जानकारी के लिए हमने मुनव्वर की पीआर टीम से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल का हालिया प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है। इसे गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के लागू होने के बाद से ही विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। कई राज्य सरकारें कह रही हैं कि हम इसे लागू नहीं होने देंगे। वहीं, अमित शाह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा।

अंत में हमने तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 40 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने खुद को छत्तीसगढ़ का रहने वाला बताया हुआ है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मुनव्वर फारूकी  की सीएए को लेकर वायरल तस्वीर हाल- फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2019 की है। करीब 4 साल पहले  मुनव्वर फारूकी मुंबई के आजाद मैदान में सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यह तस्वीर उसी दौरान की है।

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