Fact Check: भारत में डॉक्टरों की स्थिति को लेकर वायरल हो रहा मॉर्फ्ड स्क्रीनशॉट, WHO के नाम का भी हो रहा गलत इस्तेमाल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में भारत में डॉक्टरों की स्थिति को बताने वाला ये दावा गलत निकला है। कथित तौर पर डॉक्टरों की स्थिति बताने वाला वायरल स्क्रीनशॉट मॉर्फ्ड है। WHO ने न तो ऐसा कोई सर्वे कराया है और न ही इस तरह का सर्वे कराना WHO की परिपाटी का हिस्सा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर कथित तौर पर एक न्यूज का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। कथित तौर पर किसी न्यूज के वायरल स्क्रीनशॉट के माध्यम से यह बताने की कोशिश की जा रही है कि WHO निर्देशित सर्वे ग्रुप ने पाया है कि दुनिया में डॉक्टरों के सर्वाधिक अनादर वाले देशों की लिस्ट में भारत टॉप पर है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। कथित तौर पर डॉक्टरों की स्थिति बताने वाला वायरल स्क्रीनशॉट मॉर्फ्ड है। WHO ने न तो ऐसा कोई सर्वे कराया है और न ही इस तरह का सर्वे कराना WHO की परिपाटी का हिस्सा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

सोशल मीडिया पर India Today के नाम पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। फेसबुक यूजर Prawin Shinde ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, ‘डॉक्टरों का अनादर करने वालों में भारत टॉप पर है।’

इस पोस्ट के आर्काइव्ड लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। वायरल स्क्रीनशॉट में कथित तौर पर एक खबर दिख रही है, जिसके शीर्षक में बताया गया है कि WHO निर्देशित सर्वे ग्रुप ने ऐसे देशों के बारे में खुलासा किया है, जहां डॉक्टरों का सर्वाधिक अनादर होता है। अंदर खबर में बताया गया है कि भारत ने इस सर्वे की लिस्ट में टॉप किया है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल स्क्रीनशॉट को गौर से देखा। इसपर इंडिया टुडे लिखा है। खबर के शीर्षक के अंत में पूर्ण विराम चिह्न का इस्तेमाल किया गया है। स्क्रीनशॉट के मुताबिक, यह इंडिया टुडे के वेबसाइट पर मौजूद एजुकेशन टुडे टैब के अंतर्गत न्यूज श्रेणी में मौजूद खबर है। हमने इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मौजूद एजुकेशन सेक्शन को खंगाला। इस सेक्शन में सिर्फ स्टूडेंट्स और एजुकेशन जैसे टॉपिक से ही जुड़ी खबरें मिलीं। हमें वायरल स्क्रीनशॉट में मौजूद खबर जैसा कोई कंटेंट इंडिया टुडे की वेबसाइट पर नहीं मिला। इसके अलावा हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मौजूद असल खबर और वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रही खबर की स्टाइलशीट में काफी फर्क दिखा। इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मौजूद किसी खबर के शीर्षक में पूर्ण विराम चिह्न नहीं लगा है और फॉन्ट भी अलग-अलग है। इस अंतर को यहां नीचे की तुलना में साफ देखा जा सकता है।

वायरल स्क्रीनशॉट (बाएं) और असल स्क्रीनशॉट में स्टाइल शीट का फर्क साफ देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल के दौरान इंडिया टुडे के सोशल मीडिया हैंडल्स को भी खंगाला। हमने यह जानना चाहा कि क्या सोशल मीडिया पर ऐसी कोई खबर शेयर की गई है या नहीं। हमें इंडिया टुडे के ट्विटर हैंडल पर एक रिपोर्ट मिली, जिसमें इस स्क्रीनशॉट को मॉर्फ्ड बताया गया है। इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इंटरनेट पर ओपन कीवर्ड्स से यह जानना चाहा कि WHO के निर्देश में ऐसा कोई सर्वे किया भी गया है या नहीं। हमें ऐसा कोई सर्वे नहीं मिला, जिसमें डॉक्टरों के निरादर के आधार पर देशों की कोई लिस्टिंग की गई हो और भारत उसमें टॉप पर हो। अगर ऐसी कोई रिपोर्ट सामने आती, तो भारत के प्रामाणिक मीडिया संस्थानों के पास इससे जुड़ी खबर होती, लेकिन हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली।

अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन – झारखंड के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर राज चंद्र झा के संग शेयर किया। उन्होंने वायरल दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि WHO इस तरह के कोई सर्वे नहीं कराता। IMA झारखंड वाइस प्रेसिडेंट ने हमें बताया कि ये दावा कुछ ऐसा ही जैसा हर साल हमारे पास वॉट्सऐप पर आता है कि यूनेस्को ने अमुक देश के झंडे, राष्ट्रगान या राष्ट्राध्यक्ष को बेस्ट माना। डॉक्टर राज चंद्र झा के मुताबिक, WHO का फोकस एरिया वैश्विक स्वास्थ्य व मेडिकल व्यवस्था है। वह डॉक्टरों से जुड़ी ऐसी कोई स्टडी या सर्वे नहीं कराता, जैसा वायरल स्क्रीनशॉट में दावा किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Prawin Shinde की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल नवंबर 2010 में बनाई गई है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में भारत में डॉक्टरों की स्थिति को बताने वाला ये दावा गलत निकला है। कथित तौर पर डॉक्टरों की स्थिति बताने वाला वायरल स्क्रीनशॉट मॉर्फ्ड है। WHO ने न तो ऐसा कोई सर्वे कराया है और न ही इस तरह का सर्वे कराना WHO की परिपाटी का हिस्सा रहा है।

False
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