Fact Check : लंगूर को पेड़ से लटकाकर मारने के पुराने मामले में नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल, वायरल दावा झूठा

लंगूर को पेड़ से लटकाकर मारने का मामला सवा छह साल पुराना है। इस मामले में मुख्य आरोपी पवन बांगर और दो नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस केस में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल होती रहती हैं। विश्‍वास न्‍यूज ऐसे दावों की पड़ताल कर सच्चाई लोगों के सामने लाता रहता है। सोशल मीडिया पर फिर से एक वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। इसमें एक युवक को लंगूर को पेड़ से लटकाकर बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि एक मुस्लिम युवक ने इस लंगूर को पीटा है। वीडियो को शेयर कर यूजर्स आरोपी को सजा दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो सवा छह साल पुराना है। इस मामले में मुख्य आरोपी पवन बांगर को गिरफ्तार किया गया था। उस घटना के वीडियो को फर्जी सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘मनीषा सनातनी‘ (आर्काइव लिंक) ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा,

‘सच बताओ, सौगंध राम की देते है, कौन कौन इस वीडियो को देश भर में फैलाएगा ताकि ये …… जिहादी दरिंदे को सजा मिले?’

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। HJ News नाम के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 20 दिसंबर 2017 को इस बारे में वीडियो न्यूज अपलोड की गई है। इसमें बताया गया है कि रिसोड तहसील में एक युवक द्वारा बंदर की पिटाई का मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने आरोपी युवक और उसके दो नाबालिग दोस्तों को हिरासत में लिया है। मुख्य आरोपी का नाम पवन बांगर है। युवक ने बंदर को खाना खिलाते समय पकड़ लिया और उसे पीटा। पिटाई से बंदर की मौत हो गई है।

ऑनमनोरमा की वेबसाइट पर भी 21 दिसंबर 2017 को पीटीआई के हवाले से इस बारे में खबर छपी है। इसमें लिखा है कि महाराष्ट्र के वाशिम जिले में पुलिस ने एक 23 वर्षीय युवक को दो नाबालिग लड़कों के साथ गिरफ्तार किया है। उन पर एक बंदर को पीटकर मार डालने का आरोप है। 16 दिसंबर को रिसोड तहसील के ग्रामुकरा गांव में यह वारदात हुई है। मुख्य आरोपी का नाम पवन बांगर है।

25 दिसंबर 2017 को मिड डे में छपी खबर के अनुसार, बंदर को पीटने के मुख्य आरोपी पवन को जमानत देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है।

फौना पुलिस नाम के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर भी इस बारे में जानकारी पोस्ट की गई है। 18 दिसंबर 2017 को पोस्ट (आर्काइव लिंक) की गई जानकारी में बताया गया कि कोर्ट ने मुख्य आरोपी पवन की जमानत नामंजूर कर दी है।

इस बारे में हमने जानवरों को बचाने के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था फौना पुलिस के सदस्य अभिनव से बात की। उनका कहना है, “यह मामला सवा छह साल पुराना है। उनकी तरफ से ही इस मामले की शिकायत की गई थी। मुख्य आरोपी का नाम पवन है। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के करीब 13 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: लंगूर को पेड़ से लटकाकर मारने का मामला सवा छह साल पुराना है। इस मामले में मुख्य आरोपी पवन बांगर और दो नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस केस में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

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