विश्वास न्यूज की पड़ताल में मोहम्मद रफी के गाने को लेकर किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक निकला। सेंसर बोर्ड द्वारा इस गाने की लाइनों में बदलाव करवाया गया था। इस गाने को बैन नहीं किया गया था।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर गाने के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मोहम्मद रफी द्वारा 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘कश्मीर है भारत का, कश्मीर न देंगे’ एक गाना गाया था। जिस पर पाकिस्तान को आपत्ति हुई और उसने भारत सरकार से इस गाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा और फिर हमारी सरकार ने इस गाने को बैन कर दिया। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। सेंसर बोर्ड द्वारा इस गाने की लाइनों में बदलाव करवाया गया था। इस गाने को बैन नहीं किया गया था।
फेसबुक यूजर Habib Qureshi ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “मुसलमानों ने माफी नहीं मांगी 50, हजार उलेमाओं को एक साथ पेड़ों पर लटका कर फांसी दी गई अंग्रेजों द्वारा कहते हैं मोहम्मद रफी के गाए इस गाने पर पाकिस्तान को आपत्ति हुई और उसने भारत सरकार से इस गाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया था और हमारी सरकार ने उस समय इस गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, यह एक दुर्लभ गीत है, शायद आपने कभी सुना नहीं होगा, एक बार पूरा सुने।”
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें पता चला कि वायरल गाने का नाम ‘जन्नत की तस्वीर’ है। यह गाना 1966 में रिलीज हुई फिल्म ‘जोहर इन कश्मीर’ का हिस्सा है। यह फिल्म भारत के विभाजन के बाद 1940 के दशक के अंत में कश्मीर को लेकर बनी थी।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने प्राप्त जानकारी के आधार पर एक बार फिर कुछ अन्य कीवर्ड्स के जरिए गूगल पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर दावे से जुड़ा एक आदेश पत्र प्राप्त हुआ। 1966 में जारी इस आदेश में इस गाने से ‘हाजी पीर‘ शब्द हटाने के लिए कहा गया था। इस संशोधन के बाद इस गाने को रिलीज कर दिया गया था। दस्तावेज में कहीं भी इस गाने को बैन करने का जिक्र नहीं है। मोहम्मद रफी का ये गाना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद है, इसे सर्च करके सुना जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए हमने सीनियर एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट एस रामचंद्रन {S Ramachandran, Senior Film Journalist & Critic} से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल दावा गलत है। सेंसर बोर्ड द्वारा इस गाने को बैन नहीं किया गया था। सिर्फ इसमें कुछ बदलाव करवाए गए थे।
फेक दावे को शेयर करने वाले यूजर Habib Qureshi की सोशल स्कैनिंग करने पर हमें पता चला कि यूजर को 189 लोग फॉलो करते हैं। यूजर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में मोहम्मद रफी के गाने को लेकर किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक निकला। सेंसर बोर्ड द्वारा इस गाने की लाइनों में बदलाव करवाया गया था। इस गाने को बैन नहीं किया गया था।
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