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Fact Check: मोदी सरकार ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले सभी बच्चों को नहीं दे रही मुफ्त लैपटॉप, पुरानी अफवाह फिर हो रही वायरल

घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को मोदी सरकार मुफ्त में लैपटॉप नहीं दे रही है। इस वीडियो में कथित स्कीम के नाम पर एप्लिकेशन को प्रमोट किया जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट क्लिकबेट से प्रमोट हो रहे किसी एप्लिकेशन को डाउनलोड करने से बचने की सलाह देते हैं।

  • By: ameesh rai
  • Published: Sep 29, 2020 at 08:11 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि घर में ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों को मोदी सरकार मुफ्त में लैपटॉप दे रही है। विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा फर्जी निकला है। केंद्र सरकार की तरफ से फर्जी लैपटॉप मिलने का ये दावा अलग-अलग रूप में पहले भी वायरल होता रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ को अपने वॉट्सऐप चैटबॉट पर फैक्ट चेक के लिए एक वीडियो पोस्ट मिली है। हमारे यूजर ने यूट्यूब पर पोस्ट किए गए एक वीडियो को फैक्ट चेक के लिए भेजा है। इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि घर बैठे पढ़ाई करने वाले ऐसे बच्चों, जिनके घर पर लैपटॉप, फोन, कैमरा नहीं है, उनके लिए मोदी सरकार ये मुफ्त लैपटॉप योजना लेकर आई है। इस यूट्यूब वीडियो में आधार कार्ड, बच्चे का नाम और क्लास की मदद से किसी फॉर्म को भरने पर लैपटॉप मिलने का दावा किया जा रहा है।

इस यूट्यूब वीडियो के आर्काइव्ड लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले इस वायरल यूट्यूब वीडियो को गौर से देखा। यह वीडियो 3 मिनट 13 सेकंड लंबा है। इस वीडियो को बनाने में यूपी सरकार की पुरानी लैपटॉप स्कीम से जुड़ी पुरानी न्यूज़ रिपोर्ट को शेयर किया गया है। इस वीडियो में कहीं भी ये जानकारी नहीं दी गई है कि अगर ऐसी कोई स्कीम भारत सरकार की है, तो उसके लिए कहां रजिस्ट्रेशन कराना है।

इस वीडियो में 1 मिनट 50 सेकंड के बाद किसी एप्लिकेशन का जिक्र किया जा रहा है। वीडियो में बताया जा रहा है कि इस एप्लिकेशन का लिंक डिस्क्रिप्शन में शेयर किया गया है और दावा किया जा रहा है कि इसे डाउनलोड कर पैसे कमाए जा सकते हैं। यानी यहां पर फ्री लैपटॉप की कथित स्कीम की बजाय किसी एप्लिकेशन के प्रमोशन की कोशिश की जा रही है।

विश्वास न्यूज़ ने वीडियो के डिस्क्रिप्शन में शेयर किए गए कथित एप्लिकेशन के लिंक को भी खंगाला। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद हम वीडियो बेस्ड किसी सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म पर पहुंचे। इस लिंक पर जाने के बाद इसे इंस्टॉल करने का आग्रह किया जा रहा था। इसके साथ ही यहां लिखा गया है कि किसी इनाम, लॉटरी, फ्री रीचार्ज जैसी झूठी सूचनाओं पर भरोसा न करें।

यहां तक की पड़ताल में यह बात सामने आ चुकी थी कि फ्री लैपटॉप स्कीम का नाम लेकर किसी लिंक को प्रमोट किया जा रहा है। इस यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन में प्रमोशन इन वेरी लो प्राइज (सस्ते में प्रमोशऩ) का दावा भी किया गया है।

विश्वास न्यूज़ ने आगे की पड़ताल में जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इस दावे को इंटरनेट पर भी सर्च किया। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो केंद्र सरकार की फ्री लैपटॉप जैसी किसी योजना की पुष्टि करती हों। अगर भारत सरकार की ऐसी कोई स्कीम होती तो प्रामाणिक मीडिया हाउसेज या सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों और आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर इसका जिक्र जरूर होता। इसके उलट हमें ऐसी पुरानी प्रामाणिक रिपोर्ट जरूर मिलीं, जिनमें कथित फ्री लैपटॉप स्कीम के नाम पर किए जा रहे फर्जीवाड़े का जिक्र किया गया है।

ऐसी ही कथित फ्री लैपटॉप स्कीम से जुड़े दावे 2019 लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद भी वायरल हुए थे। तब दावा किया जा रहा था कि पीएम मोदी के दोबारा पीएम बनने की खुशी में 2 करोड़ लैपटॉप बांटे जा रहे हैं। इसी पर आधारित बीबीसी की रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

तब फ्री लैपटॉप स्कीम के नाम पर निजी सूचनाएं चोरी करने और क्लिकबेट से कमाई करने के इस फर्जीवाड़े को लेकर केस भी दर्ज हुआ था। इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने जून 2019 में राकेश जांगिड़ नाम के एक युवक को अरेस्ट भी किया था। युवक पर फर्जी वेबसाइट बना केंद्र सरकार की तरफ से 2 करोड़ लैपटॉप मिलने के नाम पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगा था। युवक की गिरफ्तारी से संबंधित न्यूज़ एजेंसी एएनआई का ट्वीट यहां नीचे देखा जा सकता है:

विश्वास न्यूज़ ने इस कथित फ्री लैपटॉप स्कीम के संबंध में साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज से बात की। उन्होंने बताया कि डिजिटल वर्ल्ड में लगातार ऐसे दावे वायरल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से ऐसा दो उद्देश्यों के लिए हो रहा है। एक तो जैसा इस वायरल वीडियो के केस में है कि फ्री लैपटॉप स्कीम की आड़ में किसी लिंक या ऐप्लिकेशन को प्रमोट किया जा रहा है और क्लिकबेट की कोशिश की जा रही है। ऐसी स्कीम को देख लोग लिंक पर क्लिक करते हैं, जो लिंक क्रिएटर की कमाई का साधन बनता है। आयुष के मुताबिक ऐसे फ्रॉ़ड का दूसरा उद्देश्य काफी खतरनाक होता है। इसमें ऐसे क्लिकबेट की मदद से उपयोगकर्ता के मोबाइल में मालवेयर पहुंचा उसके डिवाइस की कंट्रोल हासिल की जा सकती है। उनकी निजी सूचनाएं चोरी कर डीप वेब (हैकर्स और साइबर फ्रॉ़ड करने वाले करते हैं डीप वेब का इस्तेमाल) पर बेची जाती हैं। मालवेयर की मदद से ईवॉलेट को भी हैक कर वित्तीय नुकसान पहुंचाया जा सकता है। आयुष ने स्पष्ट कहा कि यूजर को ऐसे किसी लिंक पर न क्लिक करना चाहिए और न ही इस तरह के क्लिकबेट पर प्रमोट किए जा रहे किसी एप्लिकेशन को डाउनलोड करना चाहिए।

निष्कर्ष: घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को मोदी सरकार मुफ्त में लैपटॉप नहीं दे रही है। इस वीडियो में कथित स्कीम के नाम पर एप्लिकेशन को प्रमोट किया जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट क्लिकबेट से प्रमोट हो रहे किसी एप्लिकेशन को डाउनलोड करने से बचने की सलाह देते हैं।

  • Claim Review : दावा किया जा रहा है कि घर में ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों को मोदी सरकार मुफ्त में लैपटॉप दे रही है।
  • Claimed By : वॉट्सऐप यूजर
  • Fact Check : झूठ
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