Fact Check: बरेली में एक साल पहले कांवड़ यात्रा पर हुए लाठीचार्ज के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कांवड़ यात्रा के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो चार साल पुराना है, जिन्हें गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। जब दो गुटों के बीच कांवड़ यात्रा को लेकर विवाद हो गया था और पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कांवड़ियों पर लाठीचार्ज करते हुए पुलिसकर्मियों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को हाल का बताते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बरेली में कांवड़िये शराब पीकर हंगामा कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। वीडियो हाल-फिलहाल में हुई घटना का नहीं, बल्कि एक साल पुराना है। जब दो गुटों के बीच कांवड़ यात्रा को लेकर विवाद हो गया था और पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर जुनेद येल्डोज़ ने  चार अगस्त 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरेली में कांवड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. कांवड़िये शराब पिए हुए थे और जम कर उत्पाद मचा रहे थे। इनके पास अवैध हथियार भी थे.  जितना आतंक इन कांवड़ियों ने मचा कर रखा हुआ है उतना आतंक किसी भी देश ने हमारे भारत में नहीं अभी तक नहीं मचाया।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://Twitter.com/Dhruv_Rathee20/status/1820242667743142091

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट एबीपी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो रिपोर्ट को 1 अगस्त 2023 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, 30 जुलाई 2023 को पुराना शहर के मोहल्ला जोगी नवादा में कांवड़ यात्रा पर लाठीचार्ज की गई। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट न्यूज 18 की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 30 जुलाई 2023 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, बरेली के नवादा में कांड का जत्था मुस्लिम इलाके से कांवड़ यात्रा निकालाना चाहते थे। लेकिन मुस्लिम समुदाय ने इस पर आपत्ति जताई, जिसके बाद जब दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए तो पुलिस ने लाठीचार्ज की। 

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 31 जुलाई 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के बाद SSP प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया था और इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थी। 

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो समाजवादी पार्टी के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिला। वीडियो को 30 जुलाई 2023 को योगी सरकार पर तंज कसते हुए शेयर किया गया था।

https://twitter.com/MediaCellSP/status/1685643345014706176

हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक पोस्ट बरेली पुलिस के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिली। दरअसल ध्रुव राठी सटायर नामक एक एक्स अकाउंट ने भी वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया है। इसी पर जवाब देते हुए बरेली पुलिस ने ट्वीट कर वायरल वीडियो को एक साल पहले हुई घटना का बताया है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने बरेली जागरण के चीफ रिपोर्टर अभिषेक पांडे से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो करीब एक साल पहले बरेली में हुई घटना का है। हाल-फिलहाल में यहां पर ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को भोपाल का रहने वाला बताया हुआ है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कांवड़ यात्रा के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो चार साल पुराना है, जिन्हें गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। जब दो गुटों के बीच कांवड़ यात्रा को लेकर विवाद हो गया था और पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

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