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Fact Check: तेजस एक्सप्रेस की टूटी हुई खिड़कियों की यह फोटो 2017 की है, 2019 की नहीं

  • By: Umam Noor
  • Published: Oct 10, 2019 at 06:20 PM
  • Updated: Sep 25, 2020 at 01:33 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)- सोशल मीडिया पर तेजस एक्सप्रेस की टूटी हुई खिड़कियों की एक फोटो वायरल हो रही है जो गलत है, दरअसल यह फोटो 2017 की है, 2019 की नहीं। हालांकि 5 और 6 अक्टूबर की रात इटावा- कानपूर के बीच तेजस एक्सप्रेस नाम की दूसरी ट्रेन पर पथराव हुआ था, लेकिन वायरल की जा रही फोटो इस घटना की नहीं हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर “Ranbir Bhati”‎🚩 ने ”कट्टर मोदी समर्थक ग्रुप से जुड़ते ही अपने 51 साथियो को भी जोड़े ।🚩” ग्रुप पर 9 अक्टूबर को एक पोस्ट शेयर की जिसमे 4 चार तस्वीरों का एक कोलाज दिखाई दे रहा है। सभी तस्वीरों में ट्रेन के शीशे टूटे हुए नज़र आ रहे हैं। वहीं पोस्ट के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, ”सही कहते है, कुत्तों को विकास से कोई मतलब नहीं होता है। क्या हम डिजर्व करते हैं तेजस जैसी ट्रेनें? चलने के अगले ही दिन पत्थरबाजी, टूट गए शीशे। ये पहली बार नहीं है जब ऐसा कुछ हुआ है। वंदेभारत एक्सप्रेस में भी पथराव हो चुका है। और फिर सुविधाओं के आभाव का रोना रोते फिरते है। ऐसी छोटी मानसिकता ही देश की प्रगति में सबसे बड़ी रुकावट होती है। बिना सोच बदले देश को बदलना मुमकिन नहीं है”।

इस पोस्ट पर अब तक 279 लोग अपना रिएक्शन दे चुके हैं। वही, 88 लोगों ने इसे शेयर किया है।

पड़ताल

सबसे पहले न्यूज़ सर्च किया और मालूम करने की कोशिश की कि क्या पिछले दिनों ऐसा कोई मामला सामने आया है। सर्च में बहुत से लिंक हमारे हाथ लगे, जिनमें वायरल तस्वीर को ही देखा जा सकता है। हालांकि, जितनी भी ख़बरों के लिंक लगे वो सारी ही ख़बरें मई 2017 को पोस्ट की गई थीं। इसी सर्च में हमें IndiaTV के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर 20 मई 2017 को अपलोड हुआ एक न्यूज़ वीडियो मिला, जिसमें उसी ट्रेन की तस्वीरों को देखा जा सकता है जिसे वायरल किया जा रहा है। खबर में बताया गया, ”सोमवार से अपने सफर पर निकलने से पहले तेजस एक्सप्रेस तोड़फोड़ का शिकार हो गई। कुछ उपद्रवियों ने तेजस की खिड़की के शीशे तोड़ दिए हैं।” आगे बताया गया, ”यह घटना उस वक़्त हुई जब उद्घाटन के लिए तेजस को दिल्ली से मुंबई ले जाया जा रहा था। ”

अब हमने गूगल पर टाइम टूल का इस्तेमाल करके 15 मई 2017 से लेकर 30 मई 2017 तक टाइम सेट करके न्यूज़ सर्च किया और हमारे हाथ न्यूज़ एजेंसी ANI का ट्विटर लिंक लगा, जिसमें हमें वही तस्वीरें देखने को मिलीं। जिन्हें हाल के दिनों की बता कर वायरल किया जा रहा है। 21 मई 2017 को किये गए अपने ट्वीट में ANI ने तस्वीरों के साथ कैप्शन में लिखा, ”Windows of newly launched Tejas Express damaged by unknown people, while it was travelling from Delhi to Mumbai, yesterday” जिसे हिंदी में कुछ इस तरह पढ़ेंगे। कल दिल्ली से मुंबई के ले जाई जा रही, नई लॉन्च की गई तेजस एक्सप्रेस की खिड़कियों को अज्ञात लोगों द्वारा नुकसान पहुँचाया गया।

अब यह तो साफ़ हो चुका था की जिन तस्वीरों को हाल की बता कर वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल मई 2017 की हैं। हालांकि, अभी यह जानना बाकी था कि क्या पिछले दिनों ऐसा कोई मामला पेश आया है।

हमने न्यूज़ सर्च में पाया कि 5 अक्टूबर 2019 शनिवार की शाम लखनऊ से दिल्ली के लिए पहली तेजस एक्सप्रेस रवाना हुई थी। इसकी खबर हमें 7 अक्टूबर को दैनिक जागरण के लखनऊ ईपेपर में छपी हुई मिली।

अब हमने 5 अक्टूबर से ले कर 8 अक्टूबर तक के सभी लखनऊ के लोकल अख़बारों में तेजस ट्रेन से जुडी हुई खबर को ढूंढ़ने की कोशिश की और हमारे हाथ 7 अक्टूबर 2019 को एनबीटी के ईपेपर में छपी एक खबर लगी। खबर की सुर्खी है, ”तेजस पर पथराव से तीन शीशे चटके” खबर में विस्तार से बताया गया,”तेजस जैसी ट्रेन पर भी असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया है। रविवार को पता चला कि शनिवार रात जब तेजस इटावा व कानपुर के बीच थी उस दौरान कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया। इससे उसके तीन शीशे चटक गए। अब मंगलवार को ट्रेन के चटके शीशे बदले जाएंगे। दूसरी ओर रविवार से इसका रेग्युलर रन शुरू हो गया। इसके लिए लखनऊ से नई दिल्ली तक एक अधिकारी को भी भेजा गया।”

वायरल की जा रही तस्वीर का पिछले दिनों तेजस पर हुई पत्थर का कोई लेना-देना नहीं है। इस खबर की पुष्टि के लिए हमने उत्तर रेलवे की सीनियर पीआरओ आर के राणा से बात की। उन्होंने हमें बताया कि ऐसा कोई बड़ा मामला पिछले दिनों पेश नहीं आया है। हालांकि, कुछ दिन पहले कुछ शरारती तत्वों ने ऐसी हरकत की थी, लेकिन उसे फ़ौरन ही संभल लिया गया। जैसी 2017 में तेजस के लॉन्च से पहले घटना घटित हुई थी। हाल के दिनों में ऐसा कोई मामला नहीं हुआ है।

अब बारी थी इस पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक ग्रुप 🚩 कट्टर मोदी समर्थक ग्रुप से जुड़ते ही अपने 51 साथियो को भी जोड़े” की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि इस पेज को 19 मई 2018 को बनाया गया था। वहीं, इस पेज के कुल 539,888 मेंबर्स हैं।

निष्कर्ष:लखनऊ- दिल्ली तेजस एक्सप्रेस पर पथराव की वायरल फोटो गलत है, दरअसल यह 2017 की मुंबई जा रही तेजस एक्सप्रेस की तस्वीर है, इसलिए यह पोस्ट भ्रामक है।

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