विश्वास न्यूज़ की जांच में पतंजलि समूह के डिफॉल्टर होने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक साबित हुई है। दिसंबर 2019 में बाबा रामदेव ने रुचि सोया का अधिग्रहण पूरा कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 9 अप्रैल, 2022 को रुचि सोया ने अपने कुल बकाया कर्ज का भुगतान कर दिया है। अब कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ रिपोर्ट की कटिंग का स्क्रीनशॉट तेज़ी से वायरल हो रहा है। स्क्रीनशॉट पर लिखा हुआ है कि बाबा रामदेव की कंपनी रुचि सोया द्वारा लिए गए 2,212 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया। सोशल मीडिया यूजर इसे सच मानते हुए शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ की जांच में पतंजलि समूह के डिफॉल्टर होने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक साबित हुई है। दिसंबर 2019 में बाबा रामदेव ने रुचि सोया का अधिग्रहण पूरा कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 9 अप्रैल, 2022 को रुचि सोया ने अपने कुल बकाया कर्ज का भुगतान कर दिया है। अब कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Pintu Kumawat ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर किया है। न्यूज़ रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट पर इंदौर प्रतिनिधि नगर के साथ लिखा है :रामदेव के 2200 करोड़ रुपए माफ़ !”
सोशल मीडिया पर कई यूजर इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां पर देखा जा सकता है।
पड़ताल
वायरल स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। सर्च के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिली, जिनमें वायरल दावे को गलत बताया गया था। सर्च के दौरान हमें ये पता चला कि पहले भी ये दावा सोशल मीडिया पर शेयर किया जा चुका है। फेसबुक पर कई यूज़र्स ने 3 मई, 2020 को इस स्क्रीनशॉट को शेयर किया था। जिससे सपष्ट होता है कि ये स्क्रीनशॉट पहले से इंटरनेट पर मौजूद है और समान दावे के साथ वायरल हो चुका है।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कई न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली। india.com की वेबसाइट पर 29 अप्रैल 2020 को प्रकाशित खबर के अनुसार, ‘देश की विभिन्न बैंकों के 50 टॉप डिफॉल्टरों के साथ योग गुरु बाबा रामदेव के नाम का जिक्र करने को लेकर सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने माफी मांगी है। प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर लिखा, मैंने पहले एक पोस्टर ट्वीट किया था, जिसमें उन्हें एक डिफॉल्टर के रूप में उल्लेख किया था। यह पोस्टर एक पोर्टल द्वारा की गई स्टोरी पर आधारित है, जिसमें ‘रुचि सोया’ डिफॉल्टर का उल्लेख किया गया है और उससे जुड़ा हुआ है। अन्य जांच से पता चलता है कि वह केवल इसे खरीदने की कोशिश कर रहे हैं।”
webdunia.com पर प्रकाशित खबर में भी वायरल दावे से जुड़ी खबर को पढ़ा जा सकता है। जिसमें बताया गया की जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने योग गुरु बाबा रामदेव से माफ़ी मांगी है। प्रशांत भूषण ने उस ट्वीट को लेकर माफ़ी मांगी है, जिसमें डिफॉल्टर और कर्जमाफी को लेकर रामदेव का जिक्र किया गया था।
आपको बता दें कि 30 सितंबर, 2019 को आरबीआई ने शीर्ष 50 विलफुल डिफॉलटर्स का 68,000 करोड़ रुपए का कर्ज राइट ऑफ कर दिया था। इस सूची में रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी का नाम भी शामिल था, जिसपर 2212 करोड़ रुपए का कर्ज था। 18 दिसंबर 2019 को ‘लाइव मिंट’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने बुधवार को दीवालिया प्रक्रिया के तहत रुचि सोया का अधिग्रहण किए जाने की घोषणा की थी। पतंजलि आयुर्वेद का यह पहला और बड़ा अधिग्रहण था। पतंजलि ने इसके लिए कंपनी के ऊपर 4,350 करोड़ रुपये की बकाया राशि (कर्जदारों को) का भुगतान भी किया था। 9 अप्रैल, 2022 को NDTV द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार रूचि सोया ने अपने कुल बकाया कर्ज का भुगतान कर दिया है.
पहले भी एक बार इस तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, जिसकी जांच विश्वास न्यूज़ ने की थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहाँ पढ़ सकते हैं।
अधिक पुष्टि के लिए हमने पतंजलि समूह के प्रवक्ता एस के तिजारावाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा पूरी तरह से गलत है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐसी गलत अफवाह फैलाते रहते हैं। उन्होंने हमें ये भी बताया कि रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड अब पतंजलि फूड्स लिमिटेड है।
पड़ताल के अंतिम चरण में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर पिंटू कुमावत की जांच की। जांच में हमें पता चला कि यूजर जयपुर का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर को दो हज़ार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में पतंजलि समूह के डिफॉल्टर होने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक साबित हुई है। दिसंबर 2019 में बाबा रामदेव ने रुचि सोया का अधिग्रहण पूरा कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 9 अप्रैल, 2022 को रुचि सोया ने अपने कुल बकाया कर्ज का भुगतान कर दिया है। अब कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है।
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