Fact Check: AI जनरेटेड तस्वीर को विस्थापित इजरायलियों के लिए बने टेंट बताकर फैलाया जा रहा है भ्रम

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि एआई टूल की मदद से तैयार की गई है।

Fact Check: AI जनरेटेड तस्वीर को विस्थापित इजरायलियों  के लिए बने टेंट बताकर  फैलाया जा रहा है भ्रम

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इजरायल-हमास संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है, जिसमें बहुत-से टेंट देखे जा सकते हैं। पोस्ट में दिख रहे कई टेंटों पर इजरायल का झंडा भी बना हुआ है। साथ में इस ग्राउंड में एक बड़ा-सा इजरायल  के राष्ट्रीय ध्वज जैसा दिखने वाला झंडा भी लहराता हुआ दिख रहा है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि इजरायल में लोग टेंट में रहने को मजबूर हैं।  

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टूल की मदद से तैयार की गई है।  

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर Ashan thakur (आशान ठाकुर) ने 24 अक्टूबर को इस तस्वीर को शेयर किया और साथ में लिखा: #Israel is losing the war. #Hamas presses from the south. Hezbollah from the north. Israeli settlers have EVACUATED SDEROT, ASHKELON, BEERSHEBA, and NEGEV. #Netanyahu said he would turn #Gaza into a tent city. But FOR THE FIRST TIME since 1948, ISRAELIS ARE LIVING IN TENTS! (#इसराइल युद्ध हार रहा है. #हमास दक्षिण से दबाव डालता है। उत्तर से हिजबुल्लाह. इजरायली निवासियों ने एसडीरोट, एशकेलोन, बेर्शेबा और नेगेव को खाली कर दिया है। #नेतन्याहू ने कहा कि वह #गाजा को टेंट सिटी में बदल देंगे। लेकिन 1948 के बाद पहली बार इसराइली तंबू में रह रहे हैं! #फ्रीपैलेस्टीन)

पड़ताल

पोस्ट की जांच के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह तस्वीर कहीं प्रमाणित जगह पर नहीं मिली।

इसके बाद हमने तस्वीर को ठीक से जांचना शुरू किया। तस्वीर को ठीक से देखने पर पता चलता है कि बीच में दिख रहा झंडा ठीक नहीं है। इसमें 2 स्टार ऑफ डेविड दिख रहे हैं, जबकि असली झंडे में सिर्फ एक स्टार ऑफ डेविड होता है।

साथ ही गौर से देखने पर एकदम दाहिने कोने के टेंटों को देखने पर भी लगता है कि जैसे ये रिपीट फॉर्मेट में बने हुए हैं।

तस्वीर में चल रही भीड़ में भी लोगों की शक्ल नहीं दिख रही है। भीड़ में कई लोगों की आकृतियां बड़ी अटपटी-सी हैं।

तस्वीर में दिख रहे लोगों ने सर्दी के कपडे पहने हैं। मगर ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि इजरायल के युद्ध प्रभावित इलाके में इस समय गर्मी का समय चल रहा है।

पुष्टि के लिए हमने यह तस्वीर एआई विशेषज्ञ डॉ. अजहर माकवे के साथ शेयर की। उन्होंने भी बताया कि इस तस्वीर में बहुत-सी कमियां हैं। एआई टूल्स  को छोटी-छोटी डीटेल्स को बनाने में दिक्कत होती है। जैसे चेहरे और छोटी चीजें। इस तस्वीर में भी आप ये कमियां देख सकते हैं। यह एआई द्वारा बनाई गई तस्वीर है।

एआई-डिटेक्टर वेबसाइट एआई और नॉट पर भी इसे 85 प्रतिशत एआई-जनरेटेड बताया गया।

इस पोस्ट को फेसबुक पर आशान ठाकुर नाम के यूजर ने शेयर किया था। यूजर के 27 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि एआई टूल की मदद से तैयार की गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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