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Fact Check: केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनधारियों के DA और DR को लेकर वायरल हुआ झूठा दावा

विश्वास न्यूज की पड़ताल में डीए और डीआर को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी निकला है। वित्त मंत्रालय ने वायरल लेटर को फर्जी बताया है।

  • By: ameesh rai
  • Published: Jun 28, 2021 at 07:04 PM

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया यूजर्स एक लेटर शेयर कर रहे हैं। इसके संग दावा किया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय ने एक जुलाई 2021 से कोरोना की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के रोके गए डीए व डीआर के भुगतान का फैसला लिया है। दावे के मुताबिक, यह भुगतान तीन इंस्टॉलमेंट्स में किया जाएगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा फर्जी निकला है। वित्त मंत्रालय ने वायरल लेटर को फर्जी बताया है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Sanjeet Singhania ने 26 जून 2021 को इस वायरल लेटर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘भारत सरकार द्वारा कोविड क्राइसिस के कारण जनवरी 2020 से केंद्रीय कर्मचारियों की महंगाई भत्ते पर लगी रोक को हटा ली गई है।’ इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

फेसबुक यूजर Umed Parashar ने भी इसी वायरल लेटर को पोस्ट किया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

यही दावा ट्विटर पर भी वायरल हो रहा है। Ram Rajput Jai Hind नाम के ट्विटर यूजर ने 27 जून 2021 को वायरल लेटर ट्वीट करते हुए लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा रोक गया महंगाई भत्ता जुलाई से 3 इंस्टॉलमेंट में दिए जाने की अनुमति। इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल फोटो और इसे शेयर करने वाली पोस्ट्स को गौर से देखा। 26 जून 2021 को जारी बताए जा रहे इस लेटर में लिखा गया है कि कोविड-19 संकट की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों के रोके गए डीए और पेंशनधारियों के डीआर को एक जुलाई 2021 से देने का फैसला लिया गया है। ट्विटर पोस्ट में शेयर किए गए इस वायरल लेटर के नीचे कुछ यूजर कमेंट कर इसे फर्जी आदेश बता रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया। हमें हमारे सहयोगी दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 28 जून 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई 2021 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए फिर से शुरू करने और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत देने का दावा करने वाले सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज को वित्त मंत्रालय ने झूठा बताया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

इकोनॉमिक टाइम्स ने भी 28 जून 2021 को पीटीआई के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में भी वित्त मंत्रालय के हवाले से बताया गया है कि बढ़े हुए डीए और डीआर के भुगतान को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज को यह वायरल लेटर वित्त मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में भी मिला। वित्त मंत्रालय ने 26 जून 2021 को वायरल लेटर ट्वीट करते हुए बताया है कि ऐसा कोई ऑफिस मेमोरेंडम भारत सरकार ने जारी नहीं किया है और वायरल लेटर फर्जी है। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

https://twitter.com/FinMinIndia/status/1408800868640575488

आपको बता दें कि पिछले साल अप्रैल में कोरोना महामारी के मद्देनजर डीए बढ़ोतरी को जून 2021 तक के लिए फ्रीज कर दिया था। विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को हमारे सहयोगी दैनिक जागरण ऑनलाइन के डिप्टी एडिटर और बिजनेस एंड पर्सनल फाइनेंस के जानकार मनीश मिश्रा संग शेयर किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि वित्त मंत्रालय की तरफ से वायरल लेटर का खंडन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से डीए बढ़ोतरी को पिछले साल फ्रीज कर दिया गया था, जिसे लेकर अबतक कोई फैसला लिया है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Sanjeet Singhania की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर सहरसा, बिहार के रहने वाले हैं और फैक्ट चेक किए जाने तक इस प्रोफाइल के 2359 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में डीए और डीआर को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी निकला है। वित्त मंत्रालय ने वायरल लेटर को फर्जी बताया है।

  • Claim Review : वित्त मंत्रालय ने एक जुलाई 2021 से कोरोना की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के रोके गए डीए व डीआर के भुगतान का फैसला लिया है।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर Sanjeet Singhania
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