Fact Check: ‘महिला दिवस’ को लेकर Amazon के नाम पर वायरल हो रहा मैसेज फर्जी

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया है कि अमेजन के नाम पर वायरल किया जा रहा यह मैसेज फर्जी है। इसका अमेजन से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे अनवेरिफाइड और क्लिकबेट लिंक पर क्लिक करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। वॉट्सऐप पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज को अमेजन शॉपिंग साइट के नाम पर वायरल किया जा रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि महिला दिवस के मौके पर अमेजन कंपनी मुफ्त गिफ्ट दे रही है। इसके साथ एक लिंक भी शेयर किया जा रहा है। विश्वास न्यूज़ को अपने वॉट्सऐप पर भी फैक्ट चेक के लिए ये दावा मिला है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला है।

क्या हो रहा है वायरल

वॉट्सऐप पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। एक यूजर ने हमारे वॉट्सऐप पर ऐसे ही मैसेज को फैक्ट चेक के लिए भेजा है। इस मैसेज में लिखा है, ‘AMAZON International Women’s Day giveaway’ पोस्ट के साथ निचे लिंक पर क्लिक करने को कहा जा रहा है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले पोस्ट में शेयर किए जा रहे लिंक पर क्लिक किया। हमने पाया कि इस लिंक को केवल मोबाइल पर खोला जा सकता है, लैपटॉप या कंप्यूटर पर नहीं। फ़ोन से क्लिक करने पर जो पेज खुला, वह अमेज़न की आधिकारिक साइट का लिंक नहीं था।

हमने रेलिवेंट कीवर्ड्स (Amazon Women’s Day Giveaway) की मदद से इंटरनेट पर भी ढूंढा। हमें ऐसे किसी giveaway की कोई जानकारी नहीं मिली। अमेजन जैसी प्रतिष्ठित साइट जब इस तरह के किसी इवेंट को आयोजित करती हैं तो प्रामाणिक मीडिया संस्थानों में उसकी कवरेज ज़रूर होती है।

हमने इस संबंध में सीधे अमेजन से संपर्क किया। हमने अमेज़न कस्टमर केयर नंबर पर काव्या नाम की एग्जीक्यूटिव से बात की और इस बारे में पूंछा। उन्होंने कहा, “अमेज़न द्वारा ऐसा कोई गिवअवे नहीं दिया जा रहा है। कृपया ऐसे किसी लिंक पर क्लिक न करें।”

हमने इस विषय में ज़्यादा जानकारी के लिए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एवं राजस्थान सरकार की पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के पूर्व आईटी सलाहकार आयुष भारद्वाज से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया, “इसे क्लिक-बेटिंग कहा जाता है, इसमें यूजर्स को लॉटरी, डिस्काउंट कूपन, मोबाइल फ़ोन्स आदि के लालच देकर ज्यादा से ज्यादा वक्त तक वेबसाइट पर एंगेज रखा जाता है। ऐसा कर उसे ऐड दिखाए जाते हैं। ऐड भी वेबसाइट के अलग-अलग पेज पर दिखाए जाते हैं और सर्वे के नाम पर यूजर को उन्हीं अलग-अलग पेजों पर घुमाया जाता है। यह “पे पर व्यू” आधारित होते हैं। जिसका मतलब इन साइबर अपराधियों को “पर व्यू” पैसा मिलता है।” आयुष भारद्वाज ने जनता को ऐसे लिंक्स पर क्लिक न करने की सलाह दी। उन्होंने यह कहा, “कई बार ऐसी वेबसाइट विदेशों के साइबर अपराधियों द्वारा तैयार की जाती हैं। ऐसी वेबसाइटों को बनाने का मूल उद्देश्य यूजर्स के मोबाइल में मैलवेयर डालना होता है। उसके बाद की लॉगिंग के माध्यम से यूज़र द्वारा टाइप की गई गुप्त सूचना जैसे कि नेटबैंकिंग आईडी सोशल मीडिया एकाउंट्स की लॉग-इन इन्फॉर्मेशन, ईमेल अकाउंट का पासवर्ड चुराया जा सकता है। यह की लॉगर साइबर अपराधी को हर कुछ घंटे में यूज़र की डिटेल टेक्स्ट फ़ाइल में भेजते हैं।”

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया है कि अमेजन के नाम पर वायरल किया जा रहा यह मैसेज फर्जी है। इसका अमेजन से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे अनवेरिफाइड और क्लिकबेट लिंक पर क्लिक करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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