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Fact Check: नए कम्युनिकेशन नियम और कॉल्स के रिकॉर्ड किये जाने वाला मैसेज फर्जी है

Vishvas News ने अपनी पड़ताल में पाया कि मराठी में नए संचार नियम लागू किए जाने को लेकर किया जा रहा वायरल दावा फर्जी है।

  • By: Ankita Deshkar
  • Published: Oct 12, 2020 at 01:19 PM
  • Updated: Jul 19, 2021 at 05:12 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): हाल ही में हमारे चैटबॉट (+91 95992 99372) पर हमें मराठी में एक दावा मिला, जिसमें कहा गया था, कल से नए संचार नियम लागू किए जाएंगे। जिसके तहत आम जनता के कॉल्स को रिकॉर्ड किया जाएगा। Vishvas News ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा फर्जी है।

क्या हो रहा है वायरल

हमारे पाठक द्वारा चैटबॉट (+91 95992 99372) पर विशवास न्यूज़ को भेजे गए संदेश के अनुसार, यह संदेश नासिक पुलिस द्वारा जारी किया गया है। मराठी में दावा इस प्रकार है:

“मोहन गायकवाड
पोलीस मुख्यालय नाशिक मो. न. 9923050662
उद्यापासून नवीन संप्रेषण नियम लागू करण्यात येतील
०१. सर्व कॉल रेकॉर्डिंग असतील.
०२. सर्व कॉल रेकॉर्डिंग जतन केले जातील.
०३. व्हॉट्सअॅप, फेसबुक, ट्विटर व सर्व सोशल मीडियावर लक्ष ठेवले जाईल.
०४. ज्यांना माहित नाही अशा सर्वांना कळवा.
०५. आपले डिव्हाइस मंत्रालयीन सिस्टीमशी कनेक्ट होतील.
०६. कोणालाही चुकीचा संदेश पाठवू नये याची खबरदारी घ्या.
०७. आपल्या मुलांना, भाऊ, नातेवाईक, मित्र, ओळखीच्या सर्वांना माहिती द्या की आपण त्यांची काळजी
घ्यावी आणि क्वचितच सोशल साइट्स चालवा.
०८. राजकारणावर किंवा सद्यस्थितीबद्दल आपण सरकार किंवा पंतप्रधानांसमोर असलेले कोणतेही पोस्ट
किंवा व्हिडिओ.. इ. पाठवू नका. ०९. सध्या कोणत्याही राजकीय किंवा धार्मिक विषयावर संदेश लिहिणे किंवा पाठविणे हा गुन्हा आहे … असे केल्याने वॉरंटशिवाय अटक होऊ शकते.
१०. पोलिस अधिसूचना काढतील… त्यानंतर सायबर क्राइम… त्यानंतर कारवाई केली जाईल ते खूप गंभीर आहे.
११. कृपया तुम्ही सर्व, गट सदस्य, प्रशासक, … कृपया या विषयाचा विचार करा.
१२. चुकीचा संदेश पाठवू नका याची खबरदारी घ्या आणि सर्वांना माहिती द्या आणि या विषयाची काळजी
घ्या.
१३. कृपया हे सामायिक करा.”

हिंदी अनुवाद:

“मोहन गायकवाड़
पुलिस मुख्यालय नासिक मो.नं.-9923050662
कल से नए संचार नियम लागू किए जाएंगे

1.सभी कॉल रिकॉर्ड किए जाएंगे।
2.सभी कॉल रिकॉर्डिंग को सहेजा जाएगा।
3.वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर और सभी सोशल मीडिया पर नजर रखी जाएगी।
4.जो कोई भी नहीं जानता है उसे बताएं।
5.आपके उपकरण मंत्रालय प्रणाली से जुड़े होंगे।
6.सावधान रहें कि किसी को गलत संदेश न भेजें।
7.अपने बच्चों, भाइयों, रिश्तेदारों, दोस्तों, परिचितों को बताएं कि आप उनकी देखभाल करते हैं।
सोशल मीडिया साइटों का कम उपयोग करें।
8.सरकार या प्रधानमंत्री या राजनीति या वर्तमान स्थिति से संबंधित कोई भी पोस्ट या वीडियो न भेजें
9.वर्तमान में किसी भी राजनीतिक या धार्मिक मुद्दे पर संदेश लिखना या भेजना अपराध है … ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ्तारी हो सकती है।
10.पुलिस एक अधिसूचना जारी करेगी … फिर साइबर अपराध … फिर कार्रवाई की जाएगी। यह बहुत गंभीर है।

  1. आप सभी समूह के सदस्यों, एडमिन … कृपया इस बारे में गंभीरता से सोचें।
  2. सावधान रहें कि गलत संदेश न भेजें और सभी को बताएं और विषय का ध्यान रखें।
    13.कृपया इसे साझा करें।
    इस पोस्ट को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है, जो पहले सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा भी साझा किया गया था।”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

Vishvas News ने पोस्ट में दिए गए नंबर पर कॉल करके अपनी जांच शुरू की। नासिक पुलिस मुख्यालय से मोहन गायकवाड़ के नाम से शेयर किया जा रहा यह नंबर बंद पाया गया।

हमने नासिक पुलिस की वेबसाइट खोजी। हमें मोहन गायकवाड़ नाम का कोई अधिकारी नहीं मिला। इसी तरह हमने इस मामले में प्रेस रिलीज़ के लिए भी वेबसाइट की जांच की मगर हमें ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला।

Vishvas News ने नासिक सिटी पुलिस और नासिक ग्रामीण पुलिस के ट्विटर प्रोफाइल की भी जांच की, हमें वायरल मैसेज जैसी कोई जानकारी कहीं भी नहीं मिली।

Vishvas News ने इस विषय में पीआई सुभाष अनमुलवार, साइबर पुलिस स्टेशन, नासिक ग्रामीण से संपर्क किया। Vishvas News से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह संदेश उनके द्वारा जारी नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आम लोगों की कॉल रिकॉर्ड करना और उन रिकॉर्डिंग को सहेजना तकनीकी रूप से संभव नहीं है।

नागपुर साइबर सेल के एपीआई विशाल माने ने भी कहा कि वायरल मैसेज फर्जी है।

निष्कर्ष: Vishvas News ने अपनी पड़ताल में पाया कि मराठी में नए संचार नियम लागू किए जाने को लेकर किया जा रहा वायरल दावा फर्जी है।

  • Claim Review : उद्यापासून नवीन संप्रेषण नियम लागू करण्यात येतील:
  • Claimed By : Anil Potjinde
  • Fact Check : झूठ
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