Fact Check: मेरठ में दुराचारी और पीड़िता दोनों एक ही समुदाय के थे, वायरल हुई तस्वीर में हैं निर्दोष लोग

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर आज कल एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें 4 व्यक्तियों की तस्वीर के साथ हेडलाइन लिखी है, “चाँद, उस्मान, अजहर और साहिब ने 15 साल की हिन्दू बच्ची का उसकी बूढी दादी के सामने किया बलात्कार – मेरठ।” हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये खबर पूरी तरह सही नहीं है। 28 सितम्बर को मेरठ के भावनपुर में एक 15 साल की बच्ची का बलात्कार हुआ था मगर डीएसपी अखिलेश भदौरिया के अनुसार, पीड़ित और आरोपी सभी एक ही धर्म के थे। मामला सांप्रदायिक नहीं था। वायरल हो रही तस्वीर भी बलात्कारियों की नहीं है।

CLAIM

वायरल पोस्ट में 4 व्यक्तियों की तस्वीर के साथ हेडलाइन लिखी है, “चाँद, उस्मान, अजहर और साहिब ने 15 साल की हिन्दू बच्ची का उसकी बूढी दादी के सामने किया बलात्कार – मेरठ।” तस्वीर में दिख रहे लोग उम्र दराज़ नज़र आ रहे हैं। खबर को pkmkb.news नाम की वेबसाइट ने पब्लिश किया है। खबर के अंदर डिटेल में बताया गया है कि घटना मेरठ के भावनपुर थाना क्षेत्र की है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

FACT CHECK

इस पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वायरल खबर में इस्तेमाल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। ढूंढ़ने पर हमें ये तस्वीर dreamstime.com वेबसाइट पर मिली। DreamsTime.com अमेरिका में स्थित एक ऑनलाइन रॉयल्टी-फ्री माइक्रोस्टॉक प्रदाता है। यह एक लोकप्रिय स्टॉक फोटोग्राफी कंपनी है। DreamsTime.com पर मौजूद इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा था “Muslim men standing at Jama Masjid in Delhi, India.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “भारत के दिल्ली में जामा मस्जिद में खड़े मुस्लिम पुरुष।”

इसके बाद हमने इस खबर को गूगल रिवर्स इमेज पर “girl raped in Meerut” कीवर्ड्स के साथ ढूंढा। हमें ये खबर NDTV और नवभारत टाइम्स की वेबसइट पर मिली। दोनों ही खबरों में पीड़िता या आरोपियों के नाम नहीं थे।

हमने पुष्टि के लिए भावनपुर इलाके के पुलिस क्षेत्राधिकारी DSP अखिलेश भदौरिया से बात की जिन्होंने कहा “ये खबर पूरी सही नहीं है। बलात्कार के चारों आरोपी और पीड़िता, सभी मुस्लिम समुदाय से हैं। चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।”

मामले को पूरी तरह जानने के लिए हमने भावनपुर पुलिस स्टेशन के SHO संजय कुमार से बात की जिन्होंने हमें बताया, ” वायरल तस्वीर में दिख रहे यह चारों अभियुक्त थाना भावनपुर जनपद मेरठ के मुकदमे से संबंधित नहीं हैं। वायरल हो रही तस्वीर झूठी है. इसमें मौजूद लोगों का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चारों के नाम चाँद, उस्मान, अजहर और साहिब ही हैं। एक आरोपी नाबालिग है और बाकी के तीनों की उम्र 18-20 के बीच है। मामला सांप्रदायिक नहीं था। पीड़िता और आरोपी, सभी मुस्लिम समुदाय से ही हैं।”

इस खबर को pkmkb.news नाम की वेबसाइट पर 4 अक्टूबर 2019 को पब्लिश किया गया था। इस खबर के नीचे सोर्स सुदर्शन न्यूज़ लिखा है। इस वेबसाइट के अबाउट अस में लिखा है, “उपरोक्त सामग्री कंप्यूटर से उत्पन्न होती है। इस खबर को स्वचालित बोट ने पोस्ट किया है। हमने पोस्ट के अंत में स्रोत नाम प्रदान किया है। हम किसी भी सामग्री की प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। मूल सामग्री के लिए स्रोत की जाँच करें।” हमने जब सुदर्शन न्यूज़ पर इस खबर को जांचा तो पाया कि वहां इस खबर में ‘हिन्दू बच्ची’ नहीं लिखा था। सुदर्शन न्यूज़ की हैडलाइन है “15 साल की बच्ची चाँद, उस्मान, अजहर और साहिब की दरिंदगी का बनी शिकार.. बूढ़ी दादी के साथ गई थी खेत पर” जबकि pkmkb.news की हैडलाइन है “चाँद, उस्मान, अजहर और साहिब ने 15 साल की हिन्दू बच्ची का उसकी बूढी दादी के सामने किया बलात्कार – मेरठ।” सुदर्शन न्यूज़ में इस वायरल तस्वीर का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है।

निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये खबर पूरी तरह सही नहीं है। 28 सितम्बर को मेरठ के भावनपुर में एक 15 साल की बच्ची के साथ दुराचार करने वाले भी उसी के समुदाय के थे। मामला सांप्रदायिक नहीं था। वायरल हो रही तस्वीर में मौजूद लोग निर्दोष हैं, कहीं और की तस्वीर को गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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