पाकिस्तान के ननकाना में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ के हाथों मारे गए व्यक्ति का नाम मोहम्मद वारिस था और वह मुस्लिम थे। सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा यह दावा गलत है कि उन्मादी भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में ईसाई व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पाकिस्तान के ननकाना जिले में ईशनिंदा के आरोप में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दिए जाने की घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्मादी भीड़ को एक व्यक्ति के शरीर में आग लगाते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि ईशनिंदा के आरोप में उन्मादी भीड़ ने जिस व्यक्ति की हत्या की, वह ईसाई थे।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में जिस व्यक्ति की हत्या की गई थी, वह ईसाई नहीं, बल्कि मुस्लिम थे और उनका नाम मोहम्मद वारिस (45) था।
सोशल मीडिया यूजर ‘Taja Akhbar’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Waris Issa,A Christian arrested on blasphemy charges in Nankana Sahib of Pakistan.
Islamic mob attacked Police station, dragged him out on streets & set him on the FIRE with slogan of Allah-o-Akbar.
Pak is HELL for MINORITIES 😡
@UNHumanRights #UNHumanRights #humanrights #UNHumanRightsCouncil #muslimcommunity #Muslims #christian #Pakistan”
(”पाकिस्तान के ननकाना साहिब में ईसाई वारिस ईसा को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस्लामी भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर उसे बाहर निकाला और फिर अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाते हुए उसे जिंदा जलाकर मार दिया। पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए नरक है।”)
कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो समान दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई वेरिफाइड यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। पाकिस्तानी मीडिया समेत अन्य देशों की मीडिया ने भी इस घटना को प्रमुखता से कवर किया है। पाकिस्तानी की प्रमुख समाचार वेबसाइट डॉन डॉटकॉम की वेबसाइट पर मौजूद 12 फरवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 फरवरी को पाकिस्तान के ननकाना साहिब में एक पुलिस स्टेशन के बाहर उन्मादी और हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति की हत्या कर दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वाले व्यक्ति का नाम मोहम्मद वारिस था और उनकी उम्र 45 साल थी। उन्हें पुलिस ने मुस्लिमों के धार्मिक ग्रंथ का कथित अपमान किए जाने के आरोप में हिरासत में लिया था। हालांकि, ननकाना के काजी टाउन एरिया में स्थानीय लोग इस व्यक्ति को फांसी पर लटकाने की योजना बना रहे थे, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस आरोपी को थाने में लेकर आई। बाद में भीड़ थाने के बाहर जमा हुई और फिर आरोपी को पुलिस स्टेशन से बाहर खींच लिया और फिर उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी।
भारत में भी इस घटना को प्रमुखता से कवर किया गया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद वारिस पर कुरान के कथित अपमान का आरोप था और इस वजह से उन्हें पुलिस हिरासत में लिया गया था।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि पाकिस्तान के ननकाना में जिस व्यक्ति की ईशनिंदा के आरोप में हत्या की गई, उनका नाम वारिस ईसा नहीं, बल्कि मोहम्मद वारिस था।
वायरल पोस्ट में इस हत्याकांड के वीडियो को भी शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया सर्च में यह वीडियो कई यूजर्स की प्रोफाइल पर लगा मिला, जिसे उन्होंने ननकाना साहिब का बताकर शेयर किया है। ब्रिटेन में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के खालिद उमर ने अपनी वेरिफाइड प्रोफाइल से जिस वीडियो को शेयर किया है, वह वायरल वीडियो से मेल खाता है।
अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने पाकिस्तान स्थित पत्रकार और फैक्ट चेकर लुब्ना जरार नकवी से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, ”पाकिस्तान में ईशनिंदा की घटनाओं के शिकार मुस्लिम भी होते हैं और संबंधित घटना में भी मृतक मुस्लिम ही थे, जिनका नाम वारिस अली था।”
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने पेज से समाचार और उससे संबंधित कंटेंट को शेयर किया जाता है।
निष्कर्ष: पाकिस्तान के ननकाना में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ के हाथों मारे गए व्यक्ति का नाम मोहम्मद वारिस था और वह मुस्लिम थे। सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा यह दावा गलत है कि उन्मादी भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में ईसाई व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला।
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