निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बुर्का पहने शख्स के वायरल वीडियो का बेंगलुरु ब्लास्ट से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले का है और साल 2020 का है। तीन साल पहले शख्स शराब की तस्करी करने पर गिरफ्तार हुआ था, जिसे लोग अब बेंगलुरु ब्लास्ट से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में शुक्रवार को हुए धमाके में नौ लोग घायल हो गए। इसी बीच सोशल मीडिया पर बुर्का पहने पुलिस के साथ खड़े एक शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को इस तरह से शेयर किया जा रहा है, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वो बेंगलुरु ब्लास्ट से जुड़ा हुआ है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो का बेंगलुरु ब्लास्ट या फिर बेंगलुरु से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले का है और साल 2020 का है। तीन साल पहले शख्स शराब की तस्करी करने पर गिरफ्तार हुआ था, जिसे लोग अब बेंगलुरु ब्लास्ट से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
एक्स यूजर हम लोग We The People ने 1 मार्च 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “कल ही बेंगलुरु में बम ब्लास्ट हुआ है। बुर्का-हिजाब पहने आतंकी समूहों पर कड़ी नजर रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल वी़डियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें यह वीडियो एतिकला एलियास ई – समाचार (Etikala Eliyas E – News) के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को आठ अगस्त 2020 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में चल रही शराब तस्करी से जुड़ा हुआ है। कुरनूल जिले में एक गिरोह बुर्का पहनकर शराब तस्करी करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस को जानकारी मिली तो उन्होंने वहां पर पहुंच कर लोगों को गिरफ्तार किया।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो विजाग (Vizag) सिटी के ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. फकीरप्पा कागिनेली आईपीएस के एक्स अकाउंट पर मिला। उन्होंने 16 अगस्त, 2020 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में बताया है, बुर्का पहने व्यक्ति को तेलंगाना से कुरनूल में अवैध रूप से शराब की बोतलें ले जाते हुए पकड़ा गया था। एक्साइज पुलिस ने 7-8-2020 को पकड़ा था और कुरनूल के तालुका पुलिस स्टेशन ले जाया गया था।
यह वीडियो पहले भी सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावे के साथ वायरल हो चुका है। उस दौरान विश्वास न्यूज ने दावे की जांच कर सच्चाई सामने रखी थी। विश्वास न्यूज ने कुरनूल तालुका के पुलिस इंस्पेक्टर ओबू लेसू से संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था, ‘पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो बुर्का पहनकर शराब की तस्करी किया करते थे। ये दोनों तस्कर थे और इन्हें पंचपल्ली के इलाके से पकड़ा गया था। इनका किसी भी संगठन से कोई संबंध नहीं है और इनके पास से पुलिस ने शराब की बोतलें बरामद की थी।’
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर अक्सर इस तरह की गलत पोस्ट को शेयर करता रहता है। यूजर को करीब 80 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बुर्का पहने शख्स के वायरल वीडियो का बेंगलुरु ब्लास्ट से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले का है और साल 2020 का है। तीन साल पहले शख्स शराब की तस्करी करने पर गिरफ्तार हुआ था, जिसे लोग अब बेंगलुरु ब्लास्ट से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
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