Fact Check: मैनपुरी की तीन साल पुरानी फोटो को रिटायर कर्नल की खुदकुशी की मनगढ़ंत कहानी के साथ किया जा रहा शेयर

सोशल मीडिया पर वायरल तस्‍वीर मैनपुरी के बुजुर्ग दंपती की है, जिनकी जुलाई 2020 में मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्‍कार एक साथ किया गया था। तस्‍वीर को रिटायर कर्नल के खुदकुशी की मनगढ़ंत और फर्जी कहानी के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। एक बुजुर्ग दंपती की तस्‍वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि लखनऊ में रिटायर कर्नल ने अपने बेटों की बेरुखी से तंग आकर खुद को गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्‍वीर मैनपुरी के बुजुर्ग दंपती की है, जिनकी जुलाई 2020 में मौत हो गई थी। इस तस्‍वीर को रिटायर कर्नल की मनगढ़ंत कहानी के साथ शेयर किया जा रहा है। लखनऊ में हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना नहीं घटी है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

फेसबुक यूजर ‘अभिषेक कुमार‘ (आर्काइव लिंक) ने 26 जून को तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा,

मार्मिक_कहानी – सच्चाई से रूबरू करवाता
लखनऊ के एक उच्चवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक चिट्ठी लिखकर खुद को गोली मार ली।
चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा। यह जानने से पहले संक्षेप में चिट्टी लिखने की पृष्ठभूमि जान लेना जरूरी है।
पिता सेना में कर्नल के पद से रिटार्यड हुए । वे लखनऊ के एक पॉश कॉलोनी में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। उनके दो बेटे थे। जो सुदूर अमेरिका में रहते थे। यहां यह बताने की जरूरत नहीं है कि माता-पिता ने अपने लाड़लों को पालने में कोई कोर कसर नहीं रखी। बच्चे सफलता की सीढ़िंया चढते गए। पढ़-लिखकर इतने योग्य हो गए कि दुनिया की सबसे नामी-गिरामी कार्पोरेट कंपनी में उनको नौकरी मिल गई। संयोग से दोनों भाई एक ही देश में,लेकिन अलग-अलग अपने परिवार के साथ रहते थे।
एक दिन अचानक पिता ने रूंआसे गले से बेटों को खबर दी। बेटे! तुम्हारी मां अब इस दुनिया में नहीं रही । पिता अपनी पत्नी की मिट्टी के साथ बेटों के आने का इंतजार करते रहे। एक दिन बाद छोटा बेटा आया, जिसका घर का नाम चिंटू था।
पिता ने पूछा चिंटू! मुन्ना क्यों नहीं आया। मुन्ना यानी बड़ा बेटा।पिता ने कहा कि उसे फोन मिला, पहली उडान से आये।
धर्मानुसार बडे बेटे का आना सोच वृद्व फौजी ने जिद सी पकड़ ली।
छोटे बेटे के मुंह से एक सच निकल पड़ा। उसने पिता से कहा कि मुन्ना भईया ने कहा कि, “मां की मौत में तुम चले जाओ। पिता जी मरेंगे, तो मैं चला जाऊंगा।”
कर्नल साहब (पिता) कमरे के अंदर गए। खुद को कई बार संभाला फिर उन्होंने चंद पंक्तियो का एक पत्र लिखा। जो इस प्रकार था-
प्रिय बेटो
मैंने और तुम्हारी मां ने बहुत सारे अरमानों के साथ तुम लोगों को पाला-पोसा। दुनिया के सारे सुख दिए। देश-दुनिया के बेहतरीन जगहों पर शिक्षा दी। जब तुम्हारी मां अंतिम सांस ले रही थी, तो मैं उसके पास था।वह मरते समय तुम दोनों का चेहरा एक बार देखना चाहती थी और तुम दोनों को बाहों में भर कर चूमना चाहती थी। तुम लोग उसके लिए वही मासूम मुन्ना और चिंटू थे। उसकी मौत के बात उसकी लाश के पास तुम लोगों का इंतजार करने लिए मैं था। मेरा मन कर रहा था कि काश तुम लोग मुझे ढांढस बधाने के लिए मेरे पास होते। मेरी मौत के बाद मेरी लाश के पास तुम लोगों का इंतजार करने के लिए कोई नहीं होगा। सबसे बड़ी बात यह कि मैं नहीं चाहता कि मेरी लाश निपटाने के लिए तुम्हारे बड़े भाई को आना पड़े। इसलिए सबसे अच्छा यह है कि अपनी मां के साथ मुझे भी निपटाकर ही जाओ। मुझे जीने का कोई हक नहीं क्योंकि जिस समाज ने मुझे जीवन भर धन के साथ सम्मान भी दिया, मैंने समाज को असभ्य नागरिक दिये। हाँ अच्छा रहा कि हम अमरीका जाकर नहीं बसे, सच्चाई दब जाती।
मेरी अंतिम इच्छा है कि मेरे मैडल तथा फोटो बटालियन को लौटाए जाए तथा घर का पैसा नौकरों में बाटा जाऐ। जमापूँजी आधी वृद्ध सेवा केन्द्र में तथा आधी सैनिक कल्याण में दी जाऐ।
तुम्हारा पिता
कमरे से ठांय की आवाज आई। कर्नल साहब ने खुद को गोली मार ली।
यह क्यों हुआ, किस कारण हुआ? कोई दोषी है या नहीं। मुझे इसके बारे में कुछ नहीं कहना।
हाँ यह काल्पनिक कहानी नहीं। पूरी तरह सत्य घटना है..!!
~’कैप्टेन'”

सनातनी पूर्णिमा नाम के ट्विटर अकाउंट से भी इस तस्‍वीर को समान दावे के साथ शेयर (आर्काइव लिंक) किया गया।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले तस्‍वीर को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। फेसबुक यूजर ‘संजीव सिंह राठौर‘ की वॉल पर हमें यह तस्‍वीर (आर्काइव लिंक) मिली। 13 जुलाई 2020 को अपलोड की गई इस तस्‍वीर के साथ में जानकारी दी गई है कि यह फोटो मैनपुरी की है, जहां बुजुर्ग दंपती ने एक साथ अंतिम सांस ली।

इसके बाद हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। डेलीमोशन पर 13 जुलाई 2020 को अपलोड वीडियो न्‍यूज में इस वायरल तस्‍वीर को देखा जा सकता है। वन इंडिया की वीडियो न्‍यूज में कहा गया है कि मिलाप सिंह यादव की शुक्रवार की शाम को मौत हो गई। इसकी सूचना मिलते ही उनकी पत्नी राजनश्री ने भी कुछ समय बाद ही अपने प्राण त्याग दिए। दोनों का एक साथ अंतिम संस्‍कार कर दिया गया।

12 जुलाई 2020 को अमर उजाला में छपी खबर में लिखा है कि मामला करहल क्षेत्र के गांव नगला भानी जगन्नाथपुर का है। वहां वृद्ध पति मिलाप सिंह (85) की मौत के कुछ समय बाद ही पत्नी राजनश्री (80) ने दम तोड़ दिया। दोनों की अंतिम यात्रा एक साथ निकली।

इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने मैनपुरी के दैनिक जागरण के ब्‍यूरो प्रभारी दिलीप शर्मा से बात की। उनका कहना है, “यह तस्‍वीर करहल क्षेत्र के बुजुर्ग दंपती की है। उनकी एक दिन में ही मौत हुई थी और अंतिम संस्‍कार एक साथ किया गया था।

इसके बाद हमने लखनऊ में रिटायर कर्नल की खुदकुशी से संबधित पोस्‍ट की पड़ताल के लिए गूगल पर कीवर्ड से सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

इससे पहले यह दावा भोपाल की तस्‍वीर के साथ वायरल हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में दावा फर्जी निकला था। उस समय दैनिक जागरण लखनऊ के ब्‍यूरो चीफ अजय श्रीवास्‍तव ने कहा था कि हाल-फिलहाल में वहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी दावा करने वाले फेसबुक यूजर ‘अभिषेक कुमार‘ की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। इसके मुताबिक, वह छपरा बिहार से संबंध रखते हैं और उनके करीब 24 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल तस्‍वीर मैनपुरी के बुजुर्ग दंपती की है, जिनकी जुलाई 2020 में मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्‍कार एक साथ किया गया था। तस्‍वीर को रिटायर कर्नल के खुदकुशी की मनगढ़ंत और फर्जी कहानी के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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