Fact Check : माधवी लता के मुसलमानों पर दिए गए पुराने बयान को लोकसभा चुनाव में मिली हार से जोड़कर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि माधवी लता के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो चुनाव के बाद दिए गए बयान का नहीं, बल्कि पहले दिए गए बयान का है। अप्रैल में चुनाव प्रचार करते समय माधवी लता ने यह बयान दिया था। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी की नेता माधवी लता का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में वो कहती हुई नजर आ रही हैं कि भारतीय मुसलमान कभी आतंकवादी नहीं हो सकते है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि माधवी लता ने लोकसभा चुनाव में हारने के बाद यह बयान दिया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो चुनाव के बाद दिए गए बयान का नहीं, बल्कि पहले दिए गए बयान का है। अप्रैल में चुनाव प्रचार करते समय माधवी लता ने यह बयान दिया था। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर सतीश चंद्र डिमरी ने 13 जून 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “चुनाव हारते ही इस नौटंकीबाज़ को भी अक्ल आ गई।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखे।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें पूरा वीडियो 22 अप्रैल 2024 को अपलोड हुआ मिला। वीडियो में 1.19 मिनट से देखा जा सकता है कि माधवी लता डोर टू डोर कैंपेनिंग कर रही थी। इस दौरान एक यूट्यूबर आकर उनसे सवाल करने लगता हैं। इस दौरान वो शख्स आकर उनसे सवाल करता है कि क्या मुसलमानों को बीजेपी से डरना चाहिए। क्या आपको लगता है मुसलमान आतंकवादी होते हैं। इस सवाल के जवाब में वो कहती हैं कि नहीं हो सकता, भारतीय मुस्लिम कभी आतंकवादी नहीं हो सकते है। लेकिन जिन्हें मजहब के नाम पर भड़काया जाता है उनका दिमाग किस ओर जाता है। इसे हम कैसे बता सकते हैं। 

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट 22 अप्रैल 2024 को द प्रिंट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुई मिली। रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव-प्रचार के समय माधवी लता का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो  रामनवमी के जुलूस के दौरान मस्जिद पर काल्पनिक तीर चलाती हुई नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि यह वीडियो एडिटेड है। उनकी छवि को खराब करने के लिए इस एडिटेड वीडियो को शेयर किया जा रहा है। इसी वायरल वीडियो को लेकर यूट्यूबर और मुस्लिम छात्र मीर मुक्करम सुल्तान ने माधवी लता से सवाल पूछे थे। फिर मीर मुक्करम सुल्तान का इंटरव्यू द प्रिंट ने लिया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी तेलंगाना के प्रवक्ता Keerthi Kanth से संपर्क किया।  उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा भ्रामक है। यह वीडियो पुराना है। माधवी लता की छवि खराब करने के लिए इसे गलत तरीके से शेयर किया जा रहा है।

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को करीब दो हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि माधवी लता के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो चुनाव के बाद दिए गए बयान का नहीं, बल्कि पहले दिए गए बयान का है। अप्रैल में चुनाव प्रचार करते समय माधवी लता ने यह बयान दिया था। 

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